आखिर पठान क्यों जानबूझकर आउट हो गये? आईपीएल मैच फिक्सिंग के कारोबार में चिटफंडिया टीमों पर भी शक की सुई!
एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास
अभी आईपीएल सर्कस में मैच फिक्सिंग का जो खुलासा हुआ, उसमें भी चिटफंड कंपनियों की भूमिका जांची जानी चाहिए। कोलकाता नाइट राइडर को प्रायोजित करती है रोजवैली जो एक चिटफंड कंपनी है। गौरतलब हैं कि इसी केकेआर के विजय उत्सव में मुख्मंत्री ममता बनर्जी न सिर्फ हाजिर थीं, बल्कि उत्सव पर सरकारी खर्च के भी आरोप हैं। श्रीसंत और दूसरे क्रिकेटरों की गिरफ्तारी के बाद विदेशी खिलाड़ियों की गिरोहबंदी की बात सामने आ रही है, जिस तरह से पुणे वारियर्स की कमजोर टीमे के खिलाफ शीर्ष बल्लेबाज आउट हो गये और जैसे युसूफ पठान बेहतरीन फार्म में होने के बावजूद जान बूझकर फील्डिंग में बाधा डालकर आउट हुए, वह संदिग्ध है। खासकर, तब जबकि मुकाबला दो चिटफंड कंपनियों से जुड़ी टीमों के बीच था। रोजवैली प्रायोजित केकेआर का मुकाबला सहारा समूह की टीम से था। सट्टेबाजी से अलग मामला है यह।
तनिक पूरे घटनाक्रम पर गौर करें। आईपीएल में बुधवार को पिछले सीजन की चैंपियन टीम कोलकाता नाइटराइडर्स पुणे वॉरियर्स से सात रन से हारकर प्लेऑफ की दौड़ से बाहर हो गई। हालांकि केकेआर की ओर से यूसुफ पठान ने बेहतरीन अर्द्धशतकीय पारी खेली, लेकिन वह टीम को जीत के द्वार तक नहीं पहुंचा सके।जीत के लिए 171 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी केकेआर की शुरुआत अच्छी नहीं रही, टीम ने 29 रन के अंदर गौतम गंभीर (12), मानवेंदर बिस्ला (01) और जाक कैलिस (01) के तीन महत्वपूर्ण विकेट खो दिये। हालांकि इसके बाद पठान और रेयान टेन डोएशे (42) ने चौथे विकेट के लिये 11.1 ओवर में 98 रन की शानदार साझेदारी की जिससे जीत की उम्मीद बनी हुई थी। टेन डोएशे (30 गेंद में चार चौके और एक छक्का) इसलिये रन आउट हुए क्योंकि पठान ने दूसरे छोर पर रन के लिये दौड़ने को मना कर दिया था। केकेआर ने 12.1 ओवर में 100 रन पूरे किये, जिसके बाद पठान ने भी 32 गेंद में पांच चौके और एक छक्के से 50 रन बना लिये थे।युसूफ पठान केकेआर को जीत के द्वार के बेहद करीब लेकर आ गए थे। उन्होंने इस मैच में शानदार बल्लेबाजी की और 44 गेंद में आठ चौके और दो छक्कों की मदद से 72 रन बनाए। लेकिन उन्हें फील्डिंग में बाधा डालने के कारण आउट करार दे दिया गया। पठान का आउट होना केकेआर की हार का मुख्य कारण बना।
अगर इस मामले में शक की कोई वजह नहीं है तो श्रीसंत और दूसरे खिलाड़ियों पर स्पाट फिक्सिंग का आरोप भी गलत होने चाहिए। आप कहेंगे कि उनके खिलाफ सबूत मिले हैं। काल डीटेल्स हैं।सटोरियों की गिरफ्तारी हुई। य़े सबूत इसलिए मिले क्योंकि इन पर निगाह रखी जा रही थी।
क्या चिटपंड कंपनियों से जुड़ी टीमों के खेलों में अजब गजब परिणामों के मद्देनजर उनके खिलाड़ियों पर नजर रखी गयी? नहीं रखी गयी, तो क्यों? श्रीसंत और राजस्थान रायल्स को ही क्यों निशाने पर रखा गया?एक अन्य टीम जिसका प्रदर्शन उसकी क्षमता के अनुरुप नहीं है, वह है दिल्ली डेयरडेविल्स, जिसके तार भी चिटपंड कंपनी से जुड़े हुए हैं।डेयरडेविल्स के प्रायोजक मुथूट समूह है। मुथूट फाइनैंस दक्षिण भारत के मुथूट समूह का एक हिस्सा है जो फाइनैंस, हेल्थकेयर, कीमती धातुओं, शिक्षा और रियल एस्टेट के क्षेत्र में काम करता है।मुथूट पप्पाचान समूह की गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी मुथूट कैपिटल सर्विसेज लिमिटेड का मुनाफा 31 मार्च 2013 को समाप्त तिमाही में 40 फीसदी बढ़कर 21.76 करोड़ रुपए हो गया।
जिसतरह प्रवर्तन निदेशालय को हवाला के जरिये खाड़ी देशों में चिटफंड का पैसा भेजे जाने का शक है, जैसे विदेशी मुद्रा का जंजाल फैला रही है चिटफंड कंपनियां, जिस तरह माओवादियो, उग्रवादियों, जिहादियों और तमाम राष्ट्रविरोधी ताकतों से इन कंपनियों के कारोबारी संबंध हैं, जैसे अंडरवर्ल्ड और कोयला माफिया का खेल जुड़ा है, तो कोई शक नहीं है कि आईपीएल से जुड़ने के बाद इन चिटफंड कंपनियों को मैच फिक्सिंग के धंधे में बी हाथ हो सकता है। जबकि आईपीएल का पूरा तमाशा कालेधन पर है।सेक्स अपराध और राजनीति के साथ ग्लेमर के आईपीएल मंत्र से ही चलती हैं चिटफंड कंपनियां।
गौरतलब है कि केकेार के मालिक फिल्म स्टार शाहरुख खान न सिर्फ बंगाल सरकार के ब्रांड एम्बेसेडर हैं वे चिटफंड कंपनी प्रयाग के भी ब्रांड एंबेसेडर हैं। शाहरुख खान आईपीएल फ्रैंचाइजी कोलकाता नाइटराइडर्स (केकेआर) के मालिकों में से एक हैं। इसकी प्रमुख प्रायोजक रोज वैली है। आईपीएल को भी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटरों में प्रसिद्धि मिल गई है, जिससे इन ब्रांडों का दायरा बढ़ा है। केकेआर का रोज वैली के साथ 5.5 करोड़ रुपये में 2 साल के लिए समझौता हुआ है। अगर सब कुछ सही चलता है तो उम्मीद की जा रही है कि इस सौदे की अवधि अगले 2 साल के लिए और बढ़ जाएगी।वहीं दूसरी ओर खान प्रयाग फिल्म सिटी के ब्रांड अंबेसडर भी हैं, जो प्रयाग समूह की परियोजना है। प्रयाग समूह अपनी ब्रांडिंग को लेकर खासा सक्रिय है, जिसका प्रचार खान करते नजर आते हैं। वहीं तारिका सोहा अली खान और उनकी मां शर्मिला टैगोर ने भी प्रयाग समूह के एक बिस्कुट के ब्रांड के प्रचार करेंगी।
कि रोज वैली भी उन कंपनियों में शामिल है जो चिट फंड घोटाले के सिलसिले में एसएफआईओ के दायरे में है। हालांकि रोज वैली के चेयरमैन गौतम कूंडू ने कहा है कि कंपनी केवल होटल मेंबरशिप स्कीम्स बेचती है। कूंडू ने बताया कि केकेआर के साथ समझौते के अलावा वह लोकप्रिय फुटबॉल क्लब ईस्ट बंगाल के साथ ही समझौता खत्म कर सकता है। ईस्ट क्लब के मालिक विजय माल्या हैं।जो आईपीएल टीम बेंगलूर रायल चैलेंजर्स के भी मालिक हैं। विजय माल्या ने कहा कि ईस्ट बंगाल फुटबॉल क्लब के साथ दो साल के समझौते के लिए उसने 5 करोड़ रुपये सालाना का भुगतान किया जबकि केकेआर को सालाना 5.5 करोड़ रुपये दिया गया। दोनों समझौते इस साल के अंत तक समाप्त होने वाले हैं।
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