Sunday, December 5, 2010

3 करोड़ मिले तो कहीं भी नाच लेंगी आजतक की मुन्नियां


Home » आमुखनज़रियामीडिया मंडी

3 करोड़ मिले तो कहीं भी नाच लेंगी आजतक की मुन्नियां!

4 DECEMBER 2010 5 COMMENTS

♦ मीडिया का मुन्‍ना

दिलचस्‍प है कि इन दिनों खुलेआम मीडिया एथिक्‍स को लेकर री-ऑर्गनाइज होने की बात करने वाले चैनल "इन दिनों भी" अपने मसाला मिजाज से बाहर नहीं आ पा रहे हैं। सबसे तेज चैनल के एक प्रोग्राम का किस्‍सा है, जिसमें एंकर कहती हैं – आश्‍चर्य है कि तीन करोड़ मिलने के बाद भी प्रियंका ने ठुमके लगाने से मना दिया। मतलब ये कि इतनी रकम इन एंकर को मिल जाए तो ये कुछ भी करने को राजी हो जाएंगी। हमने ऊपर इस पूरी घटना को दिलचस्‍प कहा, अब हम इस शब्‍द की जगह शर्मनाक लिखना चाहते हैं। मीडिया के एक मुन्‍ना ने हमारे पास पूरे कार्यक्रम की एक समीक्षा भेजी है : मॉडरेटर

"30 मिनट नाचोगी…
तीन करोड़ मिलेंगे…
ना बाबा ना !"

ये देश के सर्वश्रेष्ठ और सबसे तेज चैनल आजतक के प्रोमो ((प्रोमो मतलब किसी प्रोग्राम का एक तरह का विज्ञापन जिसके जरिये दर्शकों के अंत: मन में एक उत्सुकता जगायी जाती है ताकि वो एक तय समय पर जमा हो कर वो प्रोग्राम देखें)) की पंक्तियां हैं। ये पंक्तियां किसी शातिर दिमाग की पैदाइश होंगी। ऐसा दिमाग, जो मानता हो कि तीन करोड़ रुपये मिलें तो किसी को भी तीस मिनट नाच लेना चाहिए। ऐसे में अगर बॉलीवुड की किसी "शीला" या फिर "देसी गर्ल" ने इससे इनकार किया, तो यह ऐतिहासिक घटना है और एक ऐसी मजेदार ख़बर है, जिस पर आधे घंटे का विशेष बनाया जा सकता है। वो भी ऐसे दौर में, जब मीडिया की नैतिकता का सवाल गहरा हो रहा है। जब पत्रकारिता का दामन दागदार हुआ है। खैर पत्रकारिता गयी तेल लेने। फिलहाल बात "मुन्नी" की। "मुन्नी" अभी हॉट और सेलेबल है।

"मुन्नी" पहले मोबाइल हुई। अब "मुन्नी" बदनाम हो गयी है। चुलबुल पांडे के चक्कर में अमिया से आम हो गयी और फिर सिनेमा हॉल हो गयी। और सिनेमा तो न्यूज चैनलों की सबसे बड़ी कमजोरी है। यही वजह है कि अब टेलीविजन चैनल वाले "मुन्नी" के पीछे पागल हैं। दीवाने हैं। "मुन्नी" का जिक्र हुआ नहीं कि सिसकारी भरने लगते हैं। ऐसे में ख़बर आयी कि नये साल के मौके पर देश के रईस लोग पांच सितारा होटलों में "मुन्नी" का मुजरा देखना चाहते हैं। फिर क्या था… पांच सितारा होटलों में अपने-अपने लिए "मुन्नी" तलाशने को होड़ मच गयी। एक होटल ने देसी गर्ल (प्रियंका चोपड़ा) को तीन करोड़ का ऑफर दिया। तीस मिनट नाचने के लिए। लेकिन देसी गर्ल ने इससे मना कर दिया। फिर ऑफर शीला यानी कैटरीना कैफ को दिया गया। उन्होंने भी "मुन्नी" बन कर मुजरा करने से इनकार कर दिया। बताइए भला, किसी को तीन करोड़ रुपये तीस मिनट के लिए मिले और वो मना कर दे… है न हैरानी की बात।

इसी से हैरान परेशान आजतक के कर्ताधर्ताओं को स्पेशल का आइडिया मिल गया। लेकिन आधे घंटे का प्रोग्राम बनाने के लिए रिसर्च की जरूरत पड़ती है। उनकी खोजी टीम इस मुहिम में जुट गयी। इतिहास के पन्ने खोले गये। पता लगाया गया कि जिस्म को लेकर हिट हुईं सेक्सी बिपाशा ने आइटम सांग के लिए कितने पैसे लिये थे… बेबो ने कितने और जहरीली मल्लिका ने अपने-अपने दौर में "मुन्नी" बनने के लिए कितने पैसे लिये थे! फिर बताया गया कि बाजार गर्म है और तीस मिनट के लिए इतने पैसे मिले तो किसी को भी "मुन्नी" बन जाना चाहिए। लेकिन "मुन्नी" बनने से इनकार करके देसी गर्ल और शीला ने कमाल कर दिया। पूरा प्रोग्राम देखने पर बार-बार यही लग रहा था कि इतने पैसे मिले तो आजतक में कोई भी "मुन्नी" बन जाए!

ये तो हुई आजतक की बात। स्टार न्यूज तो इससे भी आगे निकल गया। उसके खोजी पत्रकार यह भी ढूंढ लाये कि एक घंटे के लिए देश के खरबपतियों को कितने पैसे मिलते हैं। ग्राफिक के जरिये एक शानदार तराजू बनाया, जिसमें एक तरफ "मुन्नी" को बिठाया और फिर मुकेश अंबानी, अनिल अंबानी, जिंदल से लेकर कई अरबपतियों को तोल दिया। सारे के सारे "मुन्नी" के आगे पानी भरते नजर आये। किसी की भी इतनी औकात नहीं थी कि वो प्रति घंटा कमाई के मामले में "मुन्नी" का मुकाबला कर सकें। यहां तो उनसे यही कहने को जी कर रहा है कि ससुरे एक बार अपने मालिकों और संपादकों को भी उसी तराजू में तोल देते तो स्टोरी और दमदार हो जाती। दुनिया को भी पता चल जाता कि "मुन्नी" के आगे उनके मालिकों और संपादकों की क्या औकात है!

बहरहाल … "मुन्नी" हिट है। शीला सुपरहिट है। और अगले कुछ हफ्तों-महीनों तक आजतक और स्टार न्यूज सरीखे टेलीविजन न्यूज चैनलों पर "मुन्नी" का मुजरा और शीला की जवानी कई नये गुल खिलाने वाली है। ऐसे में देश के चौथे स्तंभ की इस बदहाली पर आंसू बहाएं, चैनलों के "फ्रस्टुआये" और "कमीने" पत्रकारों पर तरस खाएं, या फिर उनकी रचनात्मकता का लुत्फ उठाएं… ये फैसला तो आपको करना है।

5 Comments »

  • arvind said:

    तथाकथित मेनस्ट्रीम मीडिया और मीडिया की नैतिकता…
    बात करते हैं…

  • anjule said:

    ससुरे एक बार अपने मालिकों और संपादकों को भी उसी तराजू में तोल देते तो स्टोरी और दमदार हो जाती। दुनिया को भी पता चल जाता कि "मुन्नी" के आगे उनके मालिकों और संपादकों की क्या औकात है………………………..वैसे सर अब तो मर्सिया पढने का वक़्त आ गया है……………

  • स्वप्निल said:

    आजतक का पतन् नकवी और उसकी टीम के दिमागी सीमा को दिखाता है। अंग्रेजी में इसके लिए एक शब्द है लिमिटेड मईंड। उसके अतीत को देखते हुए लगता है कि किसी नामी प्रोफेसर का बेटा 'हरमजदगी' के चक्कर में दसवीं फेल हो गया हो। पिछले 10 साल में एक पूरी पीढ़ी को कमर वाहिद नकबी ने मीडिया स्कूलो् वार्षिक समारोह में चाकर चूतिया बनाया है। जिस्मफरोशी के धंधे और धनपतियों के विकृत शौक का प्रचार कर आजतक क्या करना चाहता है, पता नहीं। हमारे देश महिलाओं के प्रति तो संवेदनशीलता है ही नहीं। खासकर हिंदी चैनल तो उसी ठाकुर और चौधरी मानसिकता में जी रहे है जहां हरेक न्यूज एंकर 'आउटपुटहेड ' की कथित माल होती है और पूरा जूनियर स्टाफ उसे अपनी कल्पानाओं में सौ बार बलात्कार करता है। बेरोजगारी और दरिद्रता से दुखी इस देश में जब ये हिंदी वाले अपने घर या गांव जाते हैं तो अपने रिश्तेदारों के सामने सीना चौड़ी करते है। इनका दहेज बाजार में खासा भाव होता है और ये वहां पर लोगों को नैतिकता का लंबा लेक्चर पेल कर आते हैं। इन ससुरों को पता नहीं है कि ये देश के साथ कितना बड़ा मजाक कर रहे हैं। अगर हमारे नेताओं का योगदान हमें पीछा करने में 100 फीसदी है तो इन पत्रकारों का भी कुछ न कुछ जरुर है। पता नहीं हमारे इतिहास में इनको किस हिसाब से देखा जाएगा या फिर इनके बिरादरान इनके बारे में अच्छी-2 बातें ही लिखेंगे?

  • Amitesh said:

    दो प्रकार का विभाजन है सांस्कृतिक अध्ययन का, हाइ कल्चर और लो कल्चर पर…मीडिया ने इसमें नया प्रकार जोडा है भ्रष्ट कल्चर…

  • अरूणेश दवे {ASH DAVE} said:

    ये साले अपनी चूतियाई और नंगाई पर प्रोग्राम बनाएंगे तो इनका चैनल टाप पे आ जायेगा । रावण की कब्र खोजने मे लगा दिमाग आदि लोगो को जनता के सामने लाना चाहिये भाई लालू के बाद आक्सफ़ोर्ड वाले नया टैलेंट खोज रहे है ।

Leave your response!

Add your comment below, or trackback from your own site. You can also subscribe to these comments via RSS.

Be nice. Keep it clean. Stay on topic. No spam.

 

 

 

You can use these tags:
<a href="" title=""> <abbr title=""> <acronym title=""> <b> <blockquote cite=""> <cite> <code> <del datetime=""> <em> <i> <q cite=""> <strike> <strong>

This is a Gravatar-enabled weblog. To get your own globally-recognized-avatar, please register at Gravatar.

Spam Protection by WP-SpamFree

--
Palash Biswas
Pl Read:
http://nandigramunited-banga.blogspot.com/

No comments:

Post a Comment