Saturday, August 24, 2013

बारिश का पानी हटते ही बेआबरु हुए नगर महानगर उपनगर

बारिश का पानी हटते ही बेआबरु हुए नगर महानगर उपनगर


एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास​


निम्न दबाव के काऱम कोलकाता में किश्त दर किश्त बारिश का सिलसिला थम गया है। धूप खिलने लगी है और पूजा जाजार की हलचलें तेज हो गयी है।दुर्गोत्सव की उलटी गिनती शुरु हो गयी है।लेकिन इस धुआंधार बरसात ने शहरी विकास की कलई कोलकर रख दी और बारिश का पानी उतरते न उतरते बेआबरु हुए नगर महानगर उपनगर।हावड़ा,कोलकाता और उपनगरों के निचले इलाकों  की क्या कहें,राजमार्गों तक में अब भी पानी जमा है।


सोदपुर के एचबी टाउन जैसे इलाके में लोगअभी दुमंजिले से नीचे उतर ही नहीं पा रहे हैं।बीटी रोड पर जगह जगह जल है।


हावड़ा में नये राइटर्स मंदिरतला के चारों तरफ पानी हट गया है लेकिन हावड़ा के 46 से लेकर 50 नंबर तक के तमाम इलाकों से अभी पानी पूरी तरह हटा नहीं है।बाली से लिलुआ तक सारे इलाके जलमय हैं।सालकिया भी।


दुर्गोत्सव के दौरान भी मेघ बरस गये, तो क्या होगा ,कोई नहीं जानता।


प्रस्तावित विधाननगर कारपोरेशन इलाके के दमदम,लेकटाउन, राजारहाट से लेकर साल्टलेक तक रुके हुए पानी की सड़ांध अब रोजमर्रे की जिंदगी है।


सबसे हालत खराभ हुई है सड़कों की।पानी हटते न हटते सड़कों के कंकालसार अस्थिपंजर निकल आये हैं। महानगर कोलकाता में सबसे तेज आएमबाईपास की हालत सबसे खराब है। जैसोर रोड, जीटीरोड, कल्याणी हाईवे,सोनारपुर रोड और बीटी रोड में इतने खड्ड निकल आये हैं कि ओवरटेकिंग के बिना ड्राइविंग मुश्किल  है।


हावड़ा में तो कोना एक्सप्रेसवे या दिल्ली मुंबई रोड से उतरकर कहीं भी चले जाइये,नरक यंत्रणा से गुजरना है।


सोनारपुर राजनगर पालिका के विस्तीर्ण इलाके अभीतक जलमग्न हैं।


इस पर जानलेवा ट्राफिक जाम।बीस मिनट का सफर कई घंटे में कत्म नहीं हो रहा है।लोकनिर्माम विभाग या नगर निगम प्रशासन या पालिकाओं की ओर से अभी तो बदहाल सड़कों की सुधि नहीं ली गयी है।सड़कों के इस हाल में सबसे ज्यादा तकलीफ हो रही है मरमासम्म रोगियों को अस्पताल तक पहुंचाने की जद्दोजहद में लगे परिजनों को।रास्ते में ही दम तोड़ रहे हैं मरीज।


ईएमबाईपास वीवीआईपी इलाका साल्ट लेक होकर उल्टाडांग से गड़िया को जोड़ता है। सबसे तेज माने जाने वाले इस महत्वपूर्ण सड़क के चप्पे चप्पे में मौत का इंतजाम है।जो गड्ढे बन गये हैं,वहां से पानी निकला नहीं है।महानगर के तमाम अस्पतालों तक जाने का रास्ता है ईएम बाईपास।केएमडीए को कोई होश ही नहीं है।


इसी तरह मध्य हावड़ा में हावड़ा मैदान को जोड़ने वाली तमाम सड़कों की नारकीयदशा है,जहां से कोई दिशा नहीं खुलती।


रेलवे पुल के आसपास की सड़कें दमदमरोड, पातिपुकुर अंडर पास, नोवापाड़ा, उल्टाडांगा ,नारकेलडांगा अब भी जलप्राचीर बने हुए हैं जिनके नीचे बारुदी सुरंगों की तरह खतरनाक गड्ढे हैं।


हावड़ा और कोलकाता के मेयर इस बदहाली का कारण हालांकि गंगा में पानी बढ़ जाना बता रहै हैं। उनके मुताबिक गंगाजल सत्र बढ़ जाने से पानी उतरने में देर हो रही है।



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