....मैं तजती हूँ ऐसी लज्जा से भरी चूड़ियों को भी और ऐसी मानसिकता से पोषित संस्कृति को भी...बहनों आप भी या तो चूड़ियाँ तजिए या फिर ऐसे नारों को ही बदल डालिए...तभी मुकम्मल रूप में संग संग एक कदम आगे बढ़ पायेंगे..
मनसे प्रमुख राज ठाकरे का यह बयान .....कि महिलायें गृह मंत्रालय को चूड़ियाँ भेजें ताकि उन्हें शर्म आये और वह अपने पद से इस्तीफा दें..(फोटो जर्नलिस्ट से हुवे गैंग रेप के विरोध में )....कितना वाजिब है..राज ठाकरे ही क्यूँ.धरने प्रदर्शनों में तक जहाँ एक ओर महिला अधिकारी(एसडीएम एडीओ ईटीसी ) ज्ञापन लेने पहुंची होती है और प्रदर्शनकारी नारे लगा रहे होते हैं चूड़ी पहनो हाथों में..वहीँ किसी विपक्षी पार्टी की रैली में भी खुद भाग लेने वाली महिला नेत्रियाँ भी यह नारा लगा रही होती हैं.......कितना विरोधाभासी चीजें हैं..चूड़ियाँ सुहाग भी है, चूड़ियाँ संस्कृति की रक्षा भी है..और चूड़ियाँ पहनाना उसके उलट लज्जा के मारे गृहमंत्री के इस्तीफा देने का जरिया भी है....मैं तजती हूँ ऐसी लज्जा से भरी चूड़ियों को भी और ऐसी मानसिकता से पोषित संस्कृति को भी...बहनों आप भी या तो चूड़ियाँ तजिए या फिर ऐसे नारों को ही बदल डालिए...तभी मुकम्मल रूप में संग संग एक कदम आगे बढ़ पायेंगे..
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