मैं व्यक्तिगत रूप से जंगी जी की हर जनसरोकारों की जंग में उनके साथ हूँ, जनसरोकारों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता के लिए उत्तराखंड की जनता को किसी महारष्ट्र से आये आईपीएस के सर्टिफिकेट की जरुरत नहीं हैं, बहादुर सिंह जंगी जी को उनके जनसरोकारों के प्रति समर्पित रहने के कारण "जंगी" के नाम से जाना जाता है l
मैं भले ही उनकी पार्टी का सक्रीय सदस्य नहीं पर जनसरोकारों के लिए उनके संघर्षों में ता उम्र उनका साथ देता रहूंगा, चाहे उसके लिए मुझे हमारे दिए टेक्स के पैसों से ऐसो आराम की जिंदगी जीने वाले ये कांगेस भाजपा के टट्टू आईपीएस मावोवादी का खिताब ही क्यों ना दे दे !
अगर मावोवाद की विचारधारा के साथ खड़े होना उस पर बात करना भारत देश में घोषित अपराध है तो सबसे पहले उस लेखक को गिरफ्तार कर देशद्रोही घोषित करो जिसने यूजीसी द्वारा अनुमोदित विश्विद्यालयों के पाठ्यक्रम में मावोवाद को पढाने के अनुमति हासिल करी !
सबसे पहले भारत के उस राजनेता और राजनायिक को गिरफ्तार करो जो चीन के मावोवादी नेताओं के साथ बैठकर वार्ता करते हैं ?
सबसे पहले उन राजनेताओं और मंत्रियों को गिरफ्तार कर देशद्रोही करार दो जो नेपाल के मावोवादी नेता "प्रचंड" को भारत में राजकीय अतिथि का दर्जा देते हैं ?
क्या इन्हें देशद्रोही घोषित कर पाओगे एसएसपी ?
नहीं ना !
क्योंकि तुम्हारा बस केवल उन्ही लोगो पर चलता है जो जन सरोकारों की बात करते हैं !
वाह रे तेरी पुलिस की शपथ ?
मैं भले ही उनकी पार्टी का सक्रीय सदस्य नहीं पर जनसरोकारों के लिए उनके संघर्षों में ता उम्र उनका साथ देता रहूंगा, चाहे उसके लिए मुझे हमारे दिए टेक्स के पैसों से ऐसो आराम की जिंदगी जीने वाले ये कांगेस भाजपा के टट्टू आईपीएस मावोवादी का खिताब ही क्यों ना दे दे !
अगर मावोवाद की विचारधारा के साथ खड़े होना उस पर बात करना भारत देश में घोषित अपराध है तो सबसे पहले उस लेखक को गिरफ्तार कर देशद्रोही घोषित करो जिसने यूजीसी द्वारा अनुमोदित विश्विद्यालयों के पाठ्यक्रम में मावोवाद को पढाने के अनुमति हासिल करी !
सबसे पहले भारत के उस राजनेता और राजनायिक को गिरफ्तार करो जो चीन के मावोवादी नेताओं के साथ बैठकर वार्ता करते हैं ?
सबसे पहले उन राजनेताओं और मंत्रियों को गिरफ्तार कर देशद्रोही करार दो जो नेपाल के मावोवादी नेता "प्रचंड" को भारत में राजकीय अतिथि का दर्जा देते हैं ?
क्या इन्हें देशद्रोही घोषित कर पाओगे एसएसपी ?
नहीं ना !
क्योंकि तुम्हारा बस केवल उन्ही लोगो पर चलता है जो जन सरोकारों की बात करते हैं !
वाह रे तेरी पुलिस की शपथ ?
कामरेड बहादुर सिंह जंगी को नैनीताल के एस.एस.पी.डा.सदानंद दाते द्वारा
माओवादी बताये जाने के खिलाफ उत्तराखंड के
बुद्धिजीवियों,संस्कृतिकर्मियों,सामजिक,राजनीतिक कार्यकर्ताओं का संयुक्त
बयान
बयान
हम अधोहताक्षारी नैनीताल जिले में बीते कुछ दिनों में पुलिस के आला अधिकारियों की कार्यवाहियों से बेहद चिंतित हैं.
अगस्त माह के प्रथम सप्ताह में हल्द्वानी के डा.सुशीला तिवारी राजकीय मेडिकल कॉलेज में एक गर्भवती महिला का आपरेशन अनधिकृत रूप से जूनियर रेजिडेंट डाक्टर और मेडिकल परास्नातक में अध्ययनरत छात्रों द्वारा कर दिया गया.इसमें नवजात शिशु की मृत्यु हो गयी और बाद में महिला का गर्भाशय भी अप्रशिक्षित और अनधिकृत रूप से आपरेशन करने वालों द्वारा हटा दिया.इस घटना के खिलाफ महिला का रिश्तेदार सुशील भट्ट आंदोलनरत थे. दिनांक 07 अगस्त 2013 के दैनिक समाचार पत्र राष्ट्रीय सहारा के अनुसार सुशील भट्ट का अनशन समाप्त करवाने के लिए नैनीताल जिले के एस.एस.पी.डा.सदानंद दाते ने भट्ट के साथ बलप्रयोग किया और डराया-धमकाया भी.यह बेहद गंभीर बात है कि एक सरकारी मेडिकल कॉलेज के गलत इलाज का शिकार के परिजन के साथ इस तरह का दमनकारी सलूक किया जाए.
उक्त समाचार पत्र के अनुसार तो एस.एस.पी.डा.सदानंद दाते ने भट्ट को धमकाने के लिए यह भी कहा "आंदोलन वापस नहीं लिया तो मैं तुम्हें माओवादी बहादुर सिंह जंगी के समर्थन में अंदर कर दूंगा". यह बयान बेहद आपत्तिजनक है.श्री बहादुर सिंह जंगी पिछले चालीस वर्षों से ना केवल तराई क्षेत्र में बल्कि पूरे उत्तराखंड में किसान आंदोलन के अग्रणी नेता हैं.एक बेहतर समाज बनाने के संघर्ष में उन्होंने अपना पूरा जीवन लगा दिया है.भाकपा(माले)के टिकट पर वे कई बार लोकसभा और विधानसभा का चुनाव भी लड़ चुके हैं.ऐसे व्यक्ति को देशद्रोही होने के अंदाज में माओवादी बता कर किसी को उनका समर्थक होने के आरोप में बंद करना दर्शाता है कि उत्तराखंड पुलिस और उसके आला अधिकारी, जनांदोलन और जनसरोकारों से जुड़े लोगों के प्रति किस तरह का शत्रुतापूर्ण रवैया रखते हैं.हम नैनीताल जिले के एस.एस.पी.डा.सदानंद दाते के इस दुराग्रहपूर्ण और अलोकतांत्रिक रवैये की कड़ी भर्त्सना करते हुए उन्हें तत्काल पद से हटाने की मांग करते हैं.साथ ही उत्तराखंड सरकार से यह सुनिश्चित करवाने की मांग भी करते हैं कि जनांदोलन से जुड़े नेताओं-कार्यकर्ताओं का मनगढ़ंत आरोप लगा कर,उनके विरुद्ध दमनात्मक कार्यवाही पर प्रभावी रोक लगाई जाए.
हस्ताक्षर कर्ताओं का संक्षिप्त ब्यौरा-
• श्री नरेन्द्र सिंह नेगी-प्रख्यात लोकगायक,कवि,गीतकार
• प्रो.शेखर पाठक-इतिहासविद
• कामरेड बच्चीराम कौन्सवाल-प्रदेश अध्यक्ष,अखिल भारतीय किसान सभा,राज्य कमिटी सदस्य-माकपा
• डा.शमशेर सिंह बिष्ट-अध्यक्ष,उत्तराखंड लोक वाहिनी
• कामरेड समर भंडारी-राष्ट्रीय परिषद सदस्य,भाकपा
• श्री राजीव लोचन साह-सम्पादक,नैनीताल समाचार
• श्रीमती कमला पन्त-केंद्रीय संयोजक,उत्तराखंड महिला मंच
• श्री संजय कोठियाल-सम्पादक,युगवाणी
• श्री त्रेपन सिंह चौहान-चेतना आन्दोलन
• श्रीमती निर्मला बिष्ट-उत्तराखंड महिला मंच
• श्री पूरण चन्द्र तिवारी – उत्तराखंड लोक वाहिनी
• कामरेड जगदीश कुकरेती-सी.पी.आई.(एम.एल.)न्यू डेमोक्रेसी
• श्री रोहित जोशी-सम्पादक,पत्रकार प्रैक्सिस
• श्री चन्द्रशेखर करगेती-अधिवक्ता एवं सामजिक कार्यकर्ता
• श्री कपिल डोभाल-चकबंदी कार्यकर्ता
• श्री शंकर गोपालकृष्णन- चेतना आन्दोलन
• श्री समीर रतूड़ी-हिमालय बचाओ आन्दोलन
• श्री कार्तिकेय शर्मा
• इन्द्रेश मैखुरी-गढ़वाल सचिव,भाकपा(माले)
माओवादी बताये जाने के खिलाफ उत्तराखंड के
बुद्धिजीवियों,संस्कृतिकर्मियों,सामजिक,राजनीतिक कार्यकर्ताओं का संयुक्त
बयान
बयान
हम अधोहताक्षारी नैनीताल जिले में बीते कुछ दिनों में पुलिस के आला अधिकारियों की कार्यवाहियों से बेहद चिंतित हैं.
अगस्त माह के प्रथम सप्ताह में हल्द्वानी के डा.सुशीला तिवारी राजकीय मेडिकल कॉलेज में एक गर्भवती महिला का आपरेशन अनधिकृत रूप से जूनियर रेजिडेंट डाक्टर और मेडिकल परास्नातक में अध्ययनरत छात्रों द्वारा कर दिया गया.इसमें नवजात शिशु की मृत्यु हो गयी और बाद में महिला का गर्भाशय भी अप्रशिक्षित और अनधिकृत रूप से आपरेशन करने वालों द्वारा हटा दिया.इस घटना के खिलाफ महिला का रिश्तेदार सुशील भट्ट आंदोलनरत थे. दिनांक 07 अगस्त 2013 के दैनिक समाचार पत्र राष्ट्रीय सहारा के अनुसार सुशील भट्ट का अनशन समाप्त करवाने के लिए नैनीताल जिले के एस.एस.पी.डा.सदानंद दाते ने भट्ट के साथ बलप्रयोग किया और डराया-धमकाया भी.यह बेहद गंभीर बात है कि एक सरकारी मेडिकल कॉलेज के गलत इलाज का शिकार के परिजन के साथ इस तरह का दमनकारी सलूक किया जाए.
उक्त समाचार पत्र के अनुसार तो एस.एस.पी.डा.सदानंद दाते ने भट्ट को धमकाने के लिए यह भी कहा "आंदोलन वापस नहीं लिया तो मैं तुम्हें माओवादी बहादुर सिंह जंगी के समर्थन में अंदर कर दूंगा". यह बयान बेहद आपत्तिजनक है.श्री बहादुर सिंह जंगी पिछले चालीस वर्षों से ना केवल तराई क्षेत्र में बल्कि पूरे उत्तराखंड में किसान आंदोलन के अग्रणी नेता हैं.एक बेहतर समाज बनाने के संघर्ष में उन्होंने अपना पूरा जीवन लगा दिया है.भाकपा(माले)के टिकट पर वे कई बार लोकसभा और विधानसभा का चुनाव भी लड़ चुके हैं.ऐसे व्यक्ति को देशद्रोही होने के अंदाज में माओवादी बता कर किसी को उनका समर्थक होने के आरोप में बंद करना दर्शाता है कि उत्तराखंड पुलिस और उसके आला अधिकारी, जनांदोलन और जनसरोकारों से जुड़े लोगों के प्रति किस तरह का शत्रुतापूर्ण रवैया रखते हैं.हम नैनीताल जिले के एस.एस.पी.डा.सदानंद दाते के इस दुराग्रहपूर्ण और अलोकतांत्रिक रवैये की कड़ी भर्त्सना करते हुए उन्हें तत्काल पद से हटाने की मांग करते हैं.साथ ही उत्तराखंड सरकार से यह सुनिश्चित करवाने की मांग भी करते हैं कि जनांदोलन से जुड़े नेताओं-कार्यकर्ताओं का मनगढ़ंत आरोप लगा कर,उनके विरुद्ध दमनात्मक कार्यवाही पर प्रभावी रोक लगाई जाए.
हस्ताक्षर कर्ताओं का संक्षिप्त ब्यौरा-
• श्री नरेन्द्र सिंह नेगी-प्रख्यात लोकगायक,कवि,गीतकार
• प्रो.शेखर पाठक-इतिहासविद
• कामरेड बच्चीराम कौन्सवाल-प्रदेश अध्यक्ष,अखिल भारतीय किसान सभा,राज्य कमिटी सदस्य-माकपा
• डा.शमशेर सिंह बिष्ट-अध्यक्ष,उत्तराखंड लोक वाहिनी
• कामरेड समर भंडारी-राष्ट्रीय परिषद सदस्य,भाकपा
• श्री राजीव लोचन साह-सम्पादक,नैनीताल समाचार
• श्रीमती कमला पन्त-केंद्रीय संयोजक,उत्तराखंड महिला मंच
• श्री संजय कोठियाल-सम्पादक,युगवाणी
• श्री त्रेपन सिंह चौहान-चेतना आन्दोलन
• श्रीमती निर्मला बिष्ट-उत्तराखंड महिला मंच
• श्री पूरण चन्द्र तिवारी – उत्तराखंड लोक वाहिनी
• कामरेड जगदीश कुकरेती-सी.पी.आई.(एम.एल.)न्यू डेमोक्रेसी
• श्री रोहित जोशी-सम्पादक,पत्रकार प्रैक्सिस
• श्री चन्द्रशेखर करगेती-अधिवक्ता एवं सामजिक कार्यकर्ता
• श्री कपिल डोभाल-चकबंदी कार्यकर्ता
• श्री शंकर गोपालकृष्णन- चेतना आन्दोलन
• श्री समीर रतूड़ी-हिमालय बचाओ आन्दोलन
• श्री कार्तिकेय शर्मा
• इन्द्रेश मैखुरी-गढ़वाल सचिव,भाकपा(माले)
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