Saturday, September 15, 2012

Fwd: invitation for convention on Batla House fake encounter's 4th anniversary against congress samajwadi party and intelligense agencies communal agenda on 19th sept UP press club Lucknow from 11;30 to 3 pm



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From: rajiv yadav <rajeev.pucl@gmail.com>
Date: 2012/9/15
Subject: invitation for convention on Batla House fake encounter's 4th anniversary against congress samajwadi party and intelligense agencies communal agenda on 19th sept UP press club Lucknow from 11;30 to 3 pm
To: rajiv yadav <rajeev.pucl@gmail.com>


invitation for convention on Batla House fake encounter's 4th
anniversary  against congress samajwadi party and intelligense
agencies communal agenda on 19th sept UP press club Lucknow from 11;30
to 3 pm

बाटला हाउस फर्जी मुठभेड़ की चैथी बरसी पर

कांग्रेस-सपा और खुफिया एजेंसियों की साम्प्रदायिकता के खिलाफ सम्मेलन
दिनांक- 19 सितम्बर 2012 समय- 11॰30 से 3 बजे तक
स्थान- यूपी प्रेस क्लब लखनऊ

दोस्तों,
बाटला हाउस फर्जी एनकाउंटर के चार साल पूरे हो गए। इस दरम्यान सरकार का
साम्प्रदायिक चेहरा अपने और भी भयानक रूपों में हमारे सामने आया। जिसके
तहत देश के तमाम हिस्सों से निर्दोष मुसलमान नौजवानों को सरकार ने अपनी
अल्पसंख्यक विरोधी नितियों के तहत उठाया। सिर्फ आजमगढ़ से ही सात
नौजवानों को 'गायब' कर दिया। तो वहीं इन नीतियों के खिलाफ सवाल उठाने
वाले पत्रकारों एसएमए काजमी और मतिउर्रहमान को आतंकी बताकर पकड़ लिया।
स्थिति यहां तक भयावह हो गई कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के अहिंसावादी
सिद्धांत पर चलने का दावा करने वाली पुणे की यरवदा जेल में कतील सिद्किी
की हत्या खुफिया एजेंसियों ने करा दी, तो वहीं दरभंगा के फसीह महमूद को
13 मई को भारतीय खुफिया एजेंसियों ने सउदी अरब से उनके घर से गायब कर
दिया। जिस पर सरकार के हर मंत्रालय के चैखट पर गुहार लगाने के बावजूद
उनकी पत्नी निकहत परवीन को तमाम अन्ताराष्ट्रीय संधियों और मानवाधिकारों
को धता बताते हुए भारत सरकार न उन्हें अपने पति से मिलने दे रही है न
फसीह महमूद को भारत ला रही है। जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि खुफिया
एजेंसियों ने भारतीय लोकतंत्र और उससे प्राप्त जनता के अधिकारों को किस
कदर बंधक बना लिया है। इशरत जहां फर्जी मुठभेड तो इसका सबसे चर्चित
उदाहरण रहा जिसमें खुद सीबीआई ने आईबी की भूमिका को अपने जांच के दायरे
में ला दिया।

यह दौर इसका भी गवाह बना कि कैसे हमारी सुरक्षा एजेंसियां जनता द्वारा
चुनी गई सरकारों को बिना विश्वास में लिए सीआईए, मोसाद और इन्टरपोल से
सीधे संचालित होने लगीं और सुरक्षा समबंधी आन्तरिक नीतियों को वैसे ही
नियंत्रित करने लगीं जैसे देशी-विदेशी मल्टीनेशनल कम्पनियां हमारी आर्थिक
नीतियां नियंत्रित करती हैं। जिसका नजारा हम कोडनकुलम, छत्तीसगढ़, झारखंड
से लेकर नर्मदा घाटी में देख सकते हैं।

बाटला हाउस फर्जी मुठभेड़ और उसके बाद के चार साल इस बात के भी गवाह बने
किस तरह काग्रेंस ने जांच के नाम पर तो कभी सोनिया के आंसू के नाम पर
जनता को ठगने की कोशिश की। तो वहीं आतंकवाद के नाम पर बेगुनाह मुस्लिम
नौजवानों को छोड़ने के वादे के साथ सत्ता तक पहुंची सपा सरकार ने वादा
खिलाफी तो की ही तीन बेगुनाहों को और भी पकड़ा, तारिक-खालिद की गिरफ्तारी
पर गठित निमेष आयोग की रपट को दबा दिया। संसद में बटला हाउस मसले पर उसकी
आपराधिक चुप्पी तो जग जाहिर है।

ऐसे में आज जरुरी हो जाता है कि लोकतंत्र, मानवाधिकारों और राजनीतिक
अधिकारों की रक्षा के लिए सरकारों और खुफिया एजेंसियों के जनविरोधी और
साम्प्रदायिक नीतियों के खिलाफ देश एक निर्णायक संघर्ष के लिए तैयार हो।
यह सम्मेलन इसी की एक कोशिश है।

बाटला हाउस फर्जी मुठभेड़ की न्यायिक जांच क्यों नहीं कांग्रेस सरकार जवाब दो
बाटला हाउस फर्जी मुठभेड़ पर संसद में खामोश क्यों सपा जवाद दो
बेगुनाह मुस्लिम नौजवानों को छोड़ने का वादा पूरा करे सपा सरकार

आतंकवाद के नाम पर कैद निर्दोषों का रिहाई मंच
सम्पर्क- बीसी मेडीसिन मार्केट, लाटूश रोड लखनऊ
09415012666, 09415254919, 09452800752, 09415164845

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