'एक लड़की की कहानी' और 'गिरगिट'
दिल्ली। उत्तर-पश्चिम दिल्ली में शाहाबाद डेरी की मज़दूर बस्ती में 'अनुराग ट्रस्ट' की ओर से 31 मई से एक सप्ताह 'बाल सर्जनात्मकता शिविर' आयोजित किया गया। शिविर के समापन पर बच्चों ने इस दौरान तैयार किये गये दो नाटकों 'एक लड़की की कहानी' और 'गिरगिट'तथा कई गीतों की प्रस्तुति की और उनकी बनायी हुयी कलाकृतियों और खिलौनों, मुखौटों आदि का प्रदर्शन किया गया।
एक विज्ञप्ति में बताया गया है कि अनुराग ट्रस्ट और स्त्री मजदूर संगठन की ओर से शाहाबाद डेयरी, सी ब्लॉक में संचालित लायब्रेरी के निकट निरंकारी डिस्पेंसरी के हाल में आयोजित शिविर में 6 से 18 वर्ष के 40 बच्चों ने हिस्सा लिया जिनमें लड़कियों की संख्या अधिक थी। ये सभी बच्चे ऐसे थे जिन्हें कभी गीत-संगीत, नाटक या कला के करीब जाने का भी मौका नहीं मिला था। मगर इन बच्चों ने महज़ सात दिनों में नाटक, गीत, मिट्टी के खिलौने, कबाड़ से खिलौने बनाना, कागज़ के मुखौटे बनाना वगैरह सीखा और यह साबित कर दिया कि अगर उन्हें मौका मिले तो वे भी बहुत कुछ कर सकते हैं।
रोज सुबह 8 बजे से दिन के एक बजे तक चलने वाले शिविर में प्रसिद्ध चित्रकार तथा मंडी हाउस स्थित प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय के पूर्व क्यूरेटर देवीराम जी ने बच्चों को मिट्टी की मूर्तियाँ बनाना और चित्रांकन सिखाया जबकि गिरीश जोशी ने कागज मोडकर खिलौने बनाना और स्मृति तथा जूही ने स्केचिंग सिखाया। पूजा और अमिता ने भाषा और उच्चारण के बारे में बच्चों को बताया और आमोद ने खेल-खेल में बच्चों को विज्ञान के कई बुनियादी नियमों के बारे में समझाया। नेहा, चारु, और विजय ने नाटकों और गीतों का अभ्यास कराया जबकि कविता ने समग्र शिविर का संचालन किया।
अनुराग ट्रस्ट और स्त्री मजदूर संगठन व नौजवान भारत सभा की ओर से पिछले कई वर्षों से शाहाबाद डेयरी में मेहनतकशों के बच्चों के लिए सांस्कृतिक कार्यशालाओं का आयोजन किया जा रहा है।
No comments:
Post a Comment