Thursday, September 25, 2014

असली त्योहार अब मेड इन इंडिया,किल किल खिल खिल इंडिया मेरी जान जय हो जोहार हो ... लड़ाई आरपार हो!मतुआ कहने से कोई मतुआ हो नहीं जाता जैसे क्रोनी कैपिटल पर प्रहार कहने से प्रहार लेकिन होता नहीं है आलिशा मेरी जान,प्रकट हो जा कहीं से भी,कम से कम आखिरी बार गाकर सुना-मेड इन इंडिया पलाश विश्वास

असली त्योहार अब मेड इन इंडिया,किल किल खिल खिल इंडिया मेरी जान

जय हो जोहार हो ... लड़ाई आरपार हो!मतुआ कहने से कोई मतुआ हो नहीं जाता जैसे क्रोनी कैपिटल पर प्रहार कहने से प्रहार लेकिन होता नहीं है

आलिशा मेरी जान,प्रकट हो जा कहीं से भी,कम से कम आखिरी बार गाकर सुना-मेड इन इंडिया

पलाश विश्वास

असली त्योहार अब मेड इन इंडिया,किल किल खिल खिल इंडिया मेरी जान


आलिशा मेरी जान,प्रकट हो जा कहीं से भी,कम से कम आखिरी बार गाकर सुना-मेड इन इंडिया


विनिवेश और डिजिटल देश,आर्थिक सुधार,विकास और वृद्धि दर,वित्तीय घाटा और इंफ्रास्ट्रक्चर, पीपीपी गुजराती माडल की तर्ज पर एक और नई परिभाषा अब अबाध कालाधन पूंजी प्रवाह सुनिश्चित करने के लिए।


अब समझ लो बच्चों,प्रधान स्वयंसेवक ने कह दिया है कि एफडीआई माने फर्स्ट डेवेलप इंडिया,विदेशी पूंजी को खुली छूट नहीं।जैसे पीपीपी माने बुलेट ट्रेन और स्मार्ट सिटी यानी खुल्ला खेल फर्रूखाबादी यानी निरंकुश बेदखली।


पीपीपी माने सेज महासेज देश के अंदर विदेश।


सरकारी उपक्रमों का सत्यानाश और अंबानी अडानी राज तो एफडीआई के फर्स्ट डेवेलप इंडिया का मतलब भी समझ लीजिये।


मेक इन माने मेड इन सारा कुछ खारिज।विदेशी पूंजी मेक इन करेगी और हम कर्मकांडी तौर तरीके से भोग लगायेंगे,हम यानि जो सत्ता वर्ग के क्रयशक्ति संपन्न उपभोक्ता है और बाकी हैव्स नाट के लिए बचेगा महज तिरंगा झंडा और फूट गया अंडा।


किया छूं चूं गूटरगूं तो सर पर पड़ेगा डंडा। सब हो जाओगे ठंडा जब होगा सलवा जुड़ुम या लागू हो जाये आफसा दसदिगंते।


सारे युद्धों का मदर अगर तेल युद्ध अमेरिकी तो सारे सुधारों,सारे नरमेध राजसूय का फादर यह मेक इन त्योहार है।


अब गाओ रे भाया,आईला रे आईला,केदार रे केदार,अलीबीबी आला।


खुल जी सिम सिम,खुल जा सिम सिम खुल जीजा सिम सिम।

विकास की देहगाथा की खुली रे खुली जिम,सिक्स पैक सिम।


बरहाल त्योहार है कि गुजरात नरसंहार के दाग धुल गये जैसे सिखों का नरसंहार अमेरिकी नजरिये से नरसंहार नहीं ठहरा,जैसे कि भोपाल गैस त्रासदी त्रासदी नहीं है जैसे कि विधर्मियों और आदिवासियों के खिलाफ अमेरिका का आंतकविरोधी युद्ध है.


शाही गंगा शुद्ध अभियान बहुराष्ट्रीय पापमोचन में सारी खून की नदिया दूध घी की हो गयी।राजस्थान में तो गणपति बप्पा ने दूध नहीं पिया अबकी दफा, लेकिन दूध की नदी बह निकली है कि वीजा संकट मुक्त प्रधान स्वयंसेवक शाही लव जिहाद लेकर चले दस्तक देने ओबाामा के दुआरे और मंगल अभियाने चमत्कार सफल महाशक्ति झंडा पत पत उड़े अमेरिकी आकाश कि वहां भी बाबी जिंदल का हो सके तो हो जाये राज्याभिषेक हो पूरा ग्लोबल हिंदुत्व का मिशन पूरा।


गीता की बिक्री भी बढ़ानी है और फलाहार का व्रत नवरात्रि मेनु है लेकिन नरमेध राजसूय तो तेज हो गइलन बाड़ा।


मेक इन इंडिया लांच करिके चले रघुकुल तिलक भाया

झाड़ू लगाइके कर लियो कायाकल्प गंधियन काया

अब जो होई सो होई,होइंहे सोई जो ओबामा रचि राखा


लड़िहन भारत चीन आउर पाकिस्तान कि

बांग्लादेश में भी सत्ता पलट रचि राखा


नाच्यो गोपाल बहुतै माओवादी जो नेपालन में

वह भी ससुरे हिंदू राष्ट्र बनिहें बाडा़

बाकी बच्यो हियां वही सूअरबाडा़


सूअरबाड़न का सूअरन जहां तहां जो गंदगी

रचि राखा,नयका गुजराती गांधीअन पीपीपी

का सबै हिटलरशाही से रफा दफा कर देंगे

सबै को होउ के बदले डंडा कर देंदंगे या गंगे दंगे



इंटर नेट से बुरबक बनाओंइंग मनाही है

थ्रीजीएक्स फोर जीएक्स फाइव जीएक्स सांढ़ संस्कृति

के मीडिया महाविस्श्पोट में जो प्रबल सुनामी छायो

उसका का करोगे भाया


बहरहाल खबर यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका की अपनी महत्वपूर्ण यात्रा के लिए रवाना हो गए हैं।


गौरतल ब है मेकइन अंब्रेला से उन्होंने अमेरिका को बहुत महत्वपूर्ण भागीदार बताते हुए विश्वास जताया कि उनकी इस यात्रा से बहुत सी दूरियां खत्म होंगी और रणनीतिक रिश्तों में एक नया इतिहास शुरू होगा।


अपनी पांच दिन की अमेरिका यात्रा पर रवाना होने से पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि वह राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ इस बात पर विचार विमर्श करेंगे कि आपसी और वैश्विक हित में दोनों देश कैसे अपने संबंधों को नई ऊंचाई पर पहुंचा सकते हैं।


मोदी के भाषण की कुछ और प्रमुख बातें- अच्छी सरकार से नहीं प्रभावी सरकार से विकास को गति मिलती है।

- भारत में डिमांड, डेमॉक्रेसी और डेमोग्रैफिक डिविजन तीनों हैं।

- मैं आपको विश्वास दिलाता हूं, आपका पैसा नहीं डूबेगा।

- ब्यूरोक्रेसी सरकार के कार्यक्रमों को लागू कराने के लिए पूरी मेहनत कर रही है।

- जरूरत के हिसाब से होना चाहिए स्कील मैनपावर।

- देशवासी पर भरोसा करना सरकार का मंत्र है।

- सवा सौ करोड़ देशवासियों पर निर्णय से बड़ा कोई निर्णय नहीं है।

- सरकार चाहे तो 135 की बजाय दुनिया के 50वें नंबर होगा अपना देश।

- मेक इंडिया आपके उत्पादन के लिए एक बड़ा बाजार उपलब्ध कराएगा।

- मेक इन इंडिया से भारत के नौजवानों को रोजगार मिलेगा।

- गरीब को रोजगार मिलेगा तो अर्थव्यवस्था बढ़ेगी।

- मैन्युफैक्चर के लिए जितना ज्यादा जरूरी उसका उत्पाद है, उतना ही ज्यादा जरूरी ऐसे ग्राहक भी हैं, जो उसे खरीद सकें।

कोयला की काजल कोठरी से बेदाग निकले हैं सारे चेहरे वैसे ही शरदामाता के आश्रम से भी बेदाग निकलेंगे सारे चेहरे जैसे अब तक के सारे घोटालों का हश्र हुआ है,सीबीआई सीबीाई खेल हुआ है,संसद में हुआ हंगामा और अदालतों में हुए फैसले किसी का कुछ उखड़ा नहीं।

बेहद खुश।


लेकिन आइते जाइते बारो आना ,उसूल होइलो ना

बंधु तोमार देखा पाइलाम ना


चोर निकलकर भागा बचा रहा धागा

अब ससुरों ,धागा का रंग देखो

धागा का नशा जायका देखो

और बवासीर के मजे लेते रहो


कोयला आबंटन सबै खारिज भयो ता कालिया तेलक्षेत्रों के आबंटन का क्या होगा रे

दुबारा नीलामी होगी

जो धनपशु लोगों को महा मुनाफा हुआ उनका का होगा


क्या वही लोग फिर नीलामी दंव खेलेंगे


या नयका खलाड़ी लबै खुल्लम खुल्ला पेलेंगे


उन बैंकों का तरणहार कौन जो लाखों करोड़ का खैराज कर्जा बांटकर सुर धुनैं हैं।


अकेले भारतीय स्टेट बैंक को सत्तर हजार का चूना लगा है क्योंकि आबंटित कोयला ब्लाक विकसित हुआ नहीं और कर्ज डूब गयो रे,वसूली का चांस नहीं कोई


फिर जो देस को कत्तै किततै लाख करोड़ का घाटा हुआ,उसका क्या

बिजली के लिए कोयला आयात जो होना है,उसका दाम कौन भरेगा

और कोयला संकट के बहाने ग्रिड संकट की कोख से निजी कंपनियां जो करंट मारेंंगी,उस सर्पदंश का इंजेक्शन क्या अमेरिका से मेक इन होकर आयेगा


आज के रोजनामचे की काजल कोठरी का यह खुल जा सिम सिम है। डकैत गिरोहों का जलवा देखने के लिए इंतजार करें।


त्योहारी सीजन शुरु हो गया है।मुझे धर्म अधर्म से कोई फर्क नहीं पड़ता।

अगर धर्म कुछ हुआ तो वह मेरे लिए खांटी 24 कैरेट विशुद्ध मनुष्यता है।

उससे कम ज्यादा मुझे कुछ भी स्वीकार नहीं है।

एक डिसक्लेमर यही से।

आपकी आस्था आपका अधिकार।

हमें उसपर कुछ कहना नहीं है।

सिर्फ निजी आस्था की स्वतंत्रता का आनंद लीजिये, अंध धर्मोन्मादी राष्ट्रवादी पैदस फौज में न खुद शामिल हो और न हमें शामिल होने का न्यौता दें।


त्योहारों में लेन देन में मेरी आस्था नहीं है,न औकात है।


रिश्तेदारी और लेन देन,दावे प्रतिदावे की झंझट से बचने के लिए जिस जमीन में बहती है,मेरी रक्तधारा,उसे स्पर्श करना भी विलंबित हो रहा है।


जाहिर है कि मैं नास्तिक हूं।नवजागरण होता तो म्लेच्छ करार दिया जाता।


पापी हूं।जन्म जन्मांतर का कर्मफल,नरक,अस्पृश्यता,बहिस्कार के भोग से घिरा हूं।


स्वर्ग से नर्क में घगिरा अभिशप्त शैतान हूं मैं और स्वर्ग के खिलाफ युद्ध घोषणा है मेरी।


स्वर्गदखल करने का कोई इरादा नहीं है,नर्क के हक हकूक की लड़ाई मेरे सरोकार हैं।


कोई ईश्वर या देवमंडल अवतार गिरोह से मेरा कुछ भी लेना देना नहीं है।जन्मजात हिंदू जरुर हूं लेकिन यह मेी पहचान नहीं है।


दरअसल मैं मतुआ हूं जो धर्म नहीं,इस देश की आम जनता की विरासत की असली पहचान है।


जनविद्रोहो और जमीन के हक हकूक की विरासत।


स्वर्ग पर मेरा कोई लोभ नहीं है।ययाति नहीं हूं कि भोग को प्रलंबित कर सकूं।विश्वसुंदरी के प्रेम को भी स्वीकार करने लायक इंद्रियां हैं नहीं बहरहाल।


मैं इस नर्क के हालात बदलने की लड़ाई में बिजी हूं।स्वर्ग के वाशिंदों,मुझे स्वर्ग दिखाने की कोशिश न करें।


अपनी शुभकामनाओं के वृष्टिपात से मुझे निजात दें।

सुषमा असुर का जोहार

जोहार.

आप सभी को महिषासुर और रावण की शहादत याद रहे. याद रहे कि समान और सुंदर दुनिया का लडाई खतम नहीं हुआ है. हमारे असुर पुरखा-पूर्वजों ने, बूढ़े-बुढ़ियों ने धरती को इंसानों को रहने लायक बनाया था. कुछ लोगों ने इसे गंदा कर दिया. हमें फिर से दुनिया के आंगन को साफ कर और बढ़िया से लीप-पोतकर सजाना है. सिरजना है.


भाई एके पंकज की ललकारः

हम असुरों की हत्या का उत्सव मनाओ. पर तैयार रहो जवाब झेलने के लिए. तब मत कहना हमारे बाप-दादाओं ने जो किया उसकी सजा हमको क्यों?

जय हो जोहार हो ... लड़ाई आरपार हो!

हमारे राजनेता बेहद भोले हैं।पब्लिक को बेवकूफ बनाने की आदत से मजबूर हैं।गरीबी उन्मूलन की कथा अनंत का प्रवचन,यावतीय सत्ता समीकरण और जनता के लिए अबूझ बोली झांसा की गोली दागो पोस्टर बनते बनते सुर ताल लय में कुछ भी राग बेमौसम अलापने लगते हैं।


त्योहार क्रोनी केपिटेल का कार्निवाल हैं और वे दावा कर रहे हैं क्रोनी कैपिटल पर प्रहार।

इंडरनेट से बुरबक बनाओइंग भले बंद होता हो,देश बेचो अभियान तेज हुआ है जैसे,वैसे कर्मकांडी सांढ़ संस्कृति में हम तीज त्योहार की शुभकामनाएं जो दे रहे हैं,वह इस अनंत मृत्यु उपत्यका में मारे जाने का अमोघ संदेश ही है।


मतुआ आंदोलन हरिबोल नहीं है और आदिवासी विद्रोह सिर्फ जोहार नहीं है।न अस्मिताएं हैं ये हमारी साझे चूल्हों की लोक विरासतें।अस्मिताओं को जोड़कर जो जनविद्रोह हुए इंसानी हक हकूक के लिए,अरण्य के अधिकार के लिए,भूमि सुधार के लिए,शोषण के खिलाफ,उत्पीड़न दमन अत्याचार अस्पृश्यता बहिस्कार जाति वर्ण वर्चस्व और नस्ल भेद के खिलाफ,सामंतवाद और साम्राज्यवाद के खिलाफ नवजागरण के नील विद्रोह का अनंत सिलसिला हैं ये शब्द बंध जिसकी नसों में है जनपक्षधर मोर्चा और जनहित के लिए जनयुद्ध की अनिवार्य शर्त।


सत्ता और बाजार,राजनीतिक,आर्थिक,सामाजिक सांस्कृतिक भाषायी ब्रांडों में कैद किसी को भी इन शब्दों से खिलवाड़ करते रहने की इजाजत देते रहकर अब तक हमने मौत का गोदामघर गैस चैंबर बना चुके हैं इस देश को।


ब तो बाज आओ।

खेत हुए बेदखल,कहां हल चलाओगे

कारोबार अब फ्लिपकर्ट,स्नैप डील, वालमार्ट,अमाजेन और अलीबाबा है

कहां कहां पूंजी श्रम खपा जुआड़ी बन दीवालिया हो जाओगे

रोजगार छिना,नौकरी छिनी,बदले में बाजार दिया

घर छिना गांव छिना परिवार छिना समाज छिना

अब देश छीनकर क्या मंगल में बसाओगे

मेड इन इंडिया अब कभी नहीं कभी नहीं

मेक इन मौका सबके लिए,विदेशी पूंजी के लिए

आपके लिए कच्चा केला और उसका ठेला

न बचेगा हाट,न बचेगा घाट

न बचेगी नदीन बचेगा समुंदर और न बचेंगे पहाड़

जल थल एकाकार मेक इन इंडिया

परमाणु ऊर्जामेक इन इंडिया सेज महासेज मेक इन इंडिया

नासा नाटो पेंटागन मेक इन इंडिया

अमेरिका इजराइल चीन जापान मेक इन इंडिया

हम सीमा विवाद पर उछलते रहेंगे बांसों

पदक खुशी,उड़ान बहक में,महुआ महक में छलांगे समुंदर पार

लांघ जायेंगे हिमाद्रि शिखर अंटांर्कटिका पार

चांद तो पास है,मंगल को बनाएंगे उपनिवेश

सिर्प अपने गांव घर खेत खलिहान रोटी रोजी से बेदखल होना है

बाकी कवच कुंडल ताबीच तंत्र मंत्र यंत्र का त्योहार हमारा है


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को केंद्र की महत्वाकांक्षी योजना 'मेक इन इंडिया' की शुरुआत की। इस अभियान की लांचिंग के दौरान मोदी मंत्रिमंडल के सदस्य व देशभर व दुनिया के कई नामचीन उद्योगपति भी मौजूद थे। इस दौरान विकास के 25 क्षेत्रों से संबंधित विवरणिका भी जारी की गई। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के अपने भाषण में मेक इन इंडिया का सबसे पहले जिक्र किया था। इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश के लिए एफडीआइ का अर्थ 'फ‌र्स्ट डेवलप इंडिया' है।

देश को वैश्रि्वक विनिर्माण के मानचित्र पर लाने, नए उद्योग व पूंजी के प्रवाह को बढ़ावा देने, लाखों नौकरियों का सृजन करने करने के उद्देश्य से शुरू किए गए मेक इन इंडिया अभियान की लांचिंग पर प्रधानमंत्री ने कहा कि यह सिर्फ एक सोच नहीं है बल्कि इस सोच पर खरा उतरना हम सब की जिम्मेदारी भी है। इस मौके पर उन्होंने एक वेबपोर्टल 'मेकइनइंडियाडॉटकॉम' भी लॉन्च किया। इस पोर्टल पर निवेशकों की मदद के लिए कई सवालों के जवाब उपलब्ध कराए जाएंगे। उन्होंने इस अभियान को पंडित दीन दयाल उपाध्याय को समर्पित किया। साथ ही यहां मौजूद सभी प्रतिनिधियों को नवरात्र की भी बधाई दी।

अपने भाषण में उन्होंने जहां भारत की मैन पावर का जिक्र किया वहीं ई-क्षेत्र, डिजिटल इंडिया और इससे जुड़े तमाम क्षेत्रों के साथ लिंक वेस्ट का एक नया नारा भी दिया। मोदी ने कहा कि लिंक वेस्ट के तहत सरकार देश में निकले कचरे के जरिए देश का विकास करेगी। इसको पीपीपी मॉडल के तहत किया जाएगा। उन्होंने उद्योगपतियों को इस प्रोजेक्ट के लिए आगे आने को कहा। अपने भाषण में उन्होंने मंगलयान की कामयाबी के लिए भारत के इंजीनियरों की पीठ भी थपथपाई।

प्रधानमंत्री ने टूरिज्म और हॉस्पिटल इंडस्ट्री के लिए भी संभावनाएं तलाशने के लिए उद्योगपतियों को आगे आने का न्यौता दिया। पीएम ने कहा कि सरकार की पूरी कोशिश है कि देश में मौजूद नियमों को कम से कम कर उद्योगों को मजबूत किया जाए। पीएम मोदी ने कहा कि आज विश्व के देशों को यह बताने की जरूरत नहीं है कि उनके लिए बाजार कहां मौजूद है। भारत एक ऐसा देश है जहां दुनिया के उद्योगपतियों को हर तरह की सुविधा उपलब्ध है। इस सोच और विचार को पूरे विश्व में फैलाना है।

अपने भाषण की शुरुआत में मोदी ने बैठक में उद्योगपतियों को जगह नहीं मिलने पर माफी मांगी। विज्ञान भवन में आयोजित इस कार्यक्रम में उन्होंने विदेश पलायन को रोकने पर बल दिया। साथ ही कहा कि उद्योगपतियों को सरकार पर भरोसा करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि जनता की हाथों की शक्ति को बढ़ाना हम सभी की जिम्मेदारी है।

मोदी ने देश के विकास के लिए राज्यों से केंद्र के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने का भी आह्वान किया। उन्होंने कहा कि यदि राज्यों का विकास होगा या वहां उद्योग लगेंगे तो यह देश का ही विकास है। मोदी ने कहा कि राज्यों के रास्ते ही देश का विकास संभव है। मंच से उन्होंने अपनी सरकार और अपनी प्रशासनिक व्यवस्था की भी तारीफ की।

उन्होंने कहा कि उनके साथ काम करने वाले वाले सभी अफसर उनसे अधिक सकारात्मक सोच वाले हैं जो एक कदम आगे बढ़कर काम करते हैं। उन्होंने देश और विदेश के उद्योगपतियों से भारत के विकास में सहयोग करने की अपील की।

कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस अभियान और केंद्र सरकार के नजरिए को वहां मौजूद उद्योगपतियों के समक्ष पेश किया। उन्होंने कहा कि मेक इन इंडिया एक मिशन है, जिसके तहत लालफीताशाही से छुटकारा पाना सरकार का लक्ष्य है। सीतारमण ने 'मेक इन इंडिया' की शुरुआत पर कहा कि यह सिर्फ एक स्लोगन नहीं, बल्कि एक कमिटमेंट है। उन्होंने इसको केंद्र की डी-लाइसेंसिंग, डी-रेगुलाइजेशन योजना की ओर एक शुरुआत बताया। निर्मला ने कहा कि हम भारत को ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग का हब बनाने का सपना देखते हैं। सरकार का सपना है कि देश में होने वाले उत्पादन को 15 फीसद से बढ़ाकर 25 प्रतिशत तक किया जाए। यह तब तक जारी रहेगा जब तक कि हम अपने मिशन को पूरा नहीं कर लेते।

रिलायंस समूह के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कहा कि भारत में प्रधानमंत्री मोदी जैसे नेतृत्व के आने से देश के कई बड़े सपने पूरे होंगे, ऐसी मैं उम्मीद करता हूं। इसका फायदा करोड़ो लोगों को होगा। उन्होंने कहा कि मेक इन इंडिया की मुहिम की शुरुआत इससे बेहतर नहीं हो सकती जब भारत ने मार्स मिशन की सफल शुरुआत की है। जिस तरह से भारत ने इतने कम खर्च में मंगल मिशन को पूरा किया है वो काबिले तारीफ है। उन्होंने कहा कि डिजिटल इंडिया के माध्यम से मेक इन इंडिया को नई बुलंदियों पर पहुंचेगा। इस मौके पर उन्होंने कहा कि यह देश का सौभाग्य है कि उसे नरेंद्र मोदी जैसा प्रधानमंत्री मिला है। उन्होंने इस अवसर पर रिलायंस द्वारा सवा लाख नौकरियां देने का भी वादा किया।

मेक इन इंडिया की लॉचिंग पर मौजूद अजीम प्रेमजी ने मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए निरंतर प्रयास करते रहने पर बल दिया। उद्योगपति कुमार मंगलम बिड़ला ने विकास के लिए उत्पादन को अहम बताया। उन्होंने केंद्र के इस अभियान की जमकर तारीफ करते हुए कहा कि इस अभियान से देश में विकास की रफ्तार तेज होगी। इस कार्यक्रम में करीब तीस देशों के उद्योगपति भाग ले रहे हैं।

मेक इन इंडिया अभियान के तहत केंद्र सरकार ने देश में मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने के लिए 25 क्षेत्रों की पहचान की है। सरकार ने ऐसे प्रमुख उद्योग क्षेत्र चुने हैं जिनमें भारत आगे चलकर मैन्युफैक्चरिंग के लिहाज से दुनिया भर में अगुआ देश बन सकता है।









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