Monday, March 11, 2013

बंगाल के बजट में मंहगाई बढ़ाने का पूरा इंतजाम!अर्थशास्त्री वित्तमंत्री दीदी की लोकलुभावन राजनीति को बजट में समायोजित करने में फेल हो गए।

बंगाल के बजट में मंहगाई बढ़ाने का पूरा इंतजाम!अर्थशास्त्री वित्तमंत्री  दीदी की  लोकलुभावन राजनीति को बजट में समायोजित करने में फेल हो गए।

एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास​

बंगाल के बजट में मंहगाई बढ़ाने का पूरा इंतजाम!अखबारों में कयास लगाया जा रहा था कि दीदी बंगाल में ओबीसी के लिए बजट में अलग से प्रावधान करके राज्य में वोट बैंक समीकरण में भारी उलटफेर करने वाली है, पर ऐसा कुछ नहीं हुआ।उन्होंने अल्पसंख्यकों के विकास के लिए ८५९ करोड़ रुपये का प्रावधान जरुर कर दिया।राज्य के आर्थिक विकास की दिशा तो खुली ही नहीं, इस पर फिर में मूल्य वर्धित कर (वैट) की निचली और ऊपरी सीमाओं में 1 प्रतिशत की बढ़ोतरी करके दीदी ने उद्योग जगत को भी निराश कर दिया है।दीदी ने बहरहाल रोजगार दफ्तरों में पंजीकृत एक लाख बेरोगार युवाओं के लिए माहवार पंद्रह सौ रुपए के बेरोजगारी भत्ता का ऐलान किया है। पंचायत चुनाव के मद्देनजर ग्रामीण विकास के लिए २,२९० करोड़ रुपये का बंदोबस्त भी किया। पर उद्योग जगत को राज्य के विकास और उद्योग ​​धंधे, कारोबार के लिए जमीन नीत समेत जिन घोषणाओं की उम्मीद थी, वे हुई ही नहीं। हालांकि दावा यह किया गया कि राज्य में चालू वित्तीय वर्ष में औद्योगिक विकास दर ६.२ प्रतिशत रही।अगले वित्तीय वर्ष में तेरह लाख रोजगार सृजन की योजना भी बतायी गयी और ग्रामीम क्षेत्रों में तीन हजार किलोमीटर सड़क निर्माण का ​​ऐलान भी हुआ। इसके साथ छोटे कारोबारियों के करों में राहत देने की बात भी की गयी। पर हुआ इसका उलट।

दीदी की पंचायत चुनावों की रणनीति के मद्देनजर अमित मित्रा के इस बजट से खास मदद मिलेगी , ऐसा नहीं लगता। दीदी ने तो जोरदार तैयारी कर दी थी। पर लगता है कि अर्थशास्त्री वित्तमंत्री  दीदी की  लोकलुभावन राजनीति को बजट में समायोजित करने में फेल हो गए। जबकि पंचायत चुनाव से पहले महिलाओं, गरीबों, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जन जाति और पिछड़ी जाती को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बड़ा सौगात देने का निर्णय लिया है। साथ ही भ्रष्ट व कामचोर सरकारी कर्मचारियों पर नकेल कसने के लिए बनर्जी ने लोक सेवा अधिकार बिल लाने का फैसला किया है। बुधवार को कैबिनेट की बैठक में तीन अहम फैसले लिए गए।बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि विधानसभा के बजट सत्र में पश्चिम बंग लोकसेवा अधिकार बिल-2013 पेश किया जाएगा। साथ ही एससी, एसटी व ओबीसी को उच्च शिक्षा में आरक्षण तथा लड़कियों की पढ़ाई के लिए आर्थिक मदद उपलब्ध कराने का भी कानूनी अधिकार दिया जाएगा। सुश्री बनर्जी ने कहा कि जन्म प्रमाण पत्र ले से लेकर बीपीएल कार्ड तथा अन्य जरूरी सरकारी परिसेवा को निर्दिष्ट समय सीमा के अंदर जनता तक पहुंचाने के लिए पश्चिम बंगाल लोकसेवा अधिकार बिल लाने का निर्णय लिया गया है। निर्दिष्ट समय में सरकारी सेवा नहीं मिलने पर कोई भी आयोग में शिकायत दर्ज करा सकता है। दोषी पाए जाने पर सरकारी कर्मचारियों पर 250 रुपये से लेकर एक हजार रुपये तक जुर्माना लगाया जाएगा।मुख्यमंत्री ने कहा कि उच्च शिक्षा में एससी को 22 प्रतिशत, एसटी को 6 प्रतिशत और ओबीसी को 17 प्रतिशत- आरक्षण देने का फैसला लिया गया है। सरकार ने कमजोर वर्गो को सरकारी नौकरियों में आरक्षण की व्यवस्था पहले से ही है। अब उच्च शिक्षा में भी आरक्षण लागू होने से उनकी स्थिति सुधरेगी। इससे साधारण कोटा पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। सरकार ने अतिरिक्त सीटें बढ़ा कर कमजोर वगरें को आरक्षण देने का निर्णय किया है।महिला दिवस के मौके पर आर्थिक रूप से महिला सशक्तीकरण के लिए मुख्यमंत्री ने वार्षिक 50 हजार से कम आय वाले परिवार की पढ़ने वाली लड़कियों को आर्थिक मदद के लिए कन्याश्री योजना लागू करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि 8वीं कक्षा से लेकर 12वीं तक पढ़ने वाली लड़कियों को प्रति वर्ष 500 रुपये की छात्रवृत्तिऔर इसके अतिरिक्त 18 वर्ष की अविवाहित लड़कियों को एकमुश्त 25 हजार रुपये दिया जाएगा। ममता की इस घोषणा को पंचायत चुनाव से जोड़ कर देखा जा रहा है।

पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा ने वित्त वर्ष 2013-14 के लिए पेश राज्य के बजट में मूल्य वर्धित कर (वैट) की निचली और ऊपरी सीमाओं में 1 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है। वित्त मंत्री ने अतिरिक्त संसाधन जुटाने के लिए यह बढ़ोतरी की है। तंबाकू और इसके जुड़े उत्पादों और सिगरेट पर कर 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत कर दिया है। हालांकि राजस्व बढ़ाने के उपायों के बाद भी राज्य का शुद्ध राजस्व घाटा 2012-13 के संशोधित अनुमान के अनुसार बढ़कर 13308 करोड़ रुपये हो गया जबकि बजटीय अनुमान 6858 करोड़ रुपये था। वित्त वर्ष 2013-14 के लिए राज्य का शुद्ध राजस्व घाटा 3488 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। मित्रा ने कहा कि कर संग्रह विधियों में सुधार के दम पर सरकार को इस वित्त वर्ष कर संग्रह 32,000 करोड़ रुपये पार कर जाएगा जो पिछले साल साल के बजट अनुमान में 31,222 करोड़ रुपये था। इस साल राज्य का राजस्व 24 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 39,783 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है।वित्त मंत्री ने कहा कि कर और जीएसडीपी अनुपात पिछले 15 साल में पहली बार 5 प्रतिशत को पार कर गया है जबकि अगले साल के लिए शुद्ध घाटा 8 करोड़ रुपये अनुमानित है।हालांकि अतिरिक्त कर संग्रह का ज्यादातर हिस्सा राज्य पर मौजूदा कर चुकता करने में ही जाएंगे। 2012-13 के संशोधित अनुमान 226193 करोड़ रुपये के मुकाबले अगले साल तक राज्य पर कुल कर्ज बढ़कर 247422 करोड़ रुपये होने जाने का अनुमान है।अगले वित्त ऋण भुगतान पर 28318 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है जबकि 2012-13 के संशोधित अनुमान के यह आंक ड़ा 25195 करोड़ रुपये रहेगा। वेतन, पेंशन और  सेवानिवृत्ति लाभ और सब्सिडी पर करीब कुल व्यय 45431 करोड़ रुपये है। बजट में प्रस्तावित योजनागत व्यय 26,674 करोड़ रुपये है जो पिछले साल के मुकाबले 14.13 प्रतिशत अधिक है।

अंदाजा के मुताबिक वित्तमंत्री मित्रा ने अर्थशास्त्र की परवाह किये बिना अपने बजट भाषण में मां माटी मानुष सरकार की उपलब्धियों का​ ​ खूब बखान किया और पंचायत चुनाव के मद्देनजर कल्पतरु अवतार का विश्वदर्शन भी कराया, लिकिन घोषित योजनाओं परियोजनाओं के लिए पैसे कहां से आय़ेंगे , इस सिलसिले में कोई दिशासंकेत नहीं कर सके।वित्तमंत्री की सफाई में राज्य के खस्ताहाल आर्थिक परिदृश्य का खुलासा हो गया। मित्रा ने कहा, 'सबसे दुखद बात यह है कि राज्य के खजाने में जहां 32,000 करोड़ रुपये आते हैं और उनमें 25,000 करोड़ रुपये 2 लाख करोड़ रुपये के भारी कर्ज की पूर्ति में चले जाएंगे।Ó बजट में छोटे कारोबारियों को भी कई राहतें दी गई हैं। छोटे विक्रेताओं और वर्क कॉन्ट्रैक्टरों जिनकी सालाना आय 50 लाख रुपये से कम है उन्हें पर्चेज टैक्स से छूट दी गई है। इसके साथ ही बजट में सरल कर भुगतान और वापसी प्रक्रिया के प्रस्ताव दिए गए हैं।

गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य विधानसभा में वित्त मंत्री अमित मित्रा द्वारा पेश किए गए बजट को 'रेगिस्तान में हरियाली लाने की' कवायद करार दिया।ममता ने संवाददाताओं से कहा, 'इस बजट को रेगिस्तान में पेड़ उगाने और हरियाली लाने की कोशिश कहा जा सकता है। उन्होंने कहा कि पिछली लेफ्ट फ्रंट सरकार ने केंद्र से अंधाधुंध उधार लेकर राज्य को आर्थिक रूप से दिवालिया बना दिया।ममता ने कहा कि बजट को राज्य के सामने मौजूद जमीनी वास्तविकताओं को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है। यह बजट सभी के लिए है।इससे पहले मुख्यमंत्री ने कहा है कि निराशाजनक वित्तीय स्थिति के बावजूद राज्य का राजस्व 10,000 करोड़ रुपए बढ़ गया है। ममता ने साथ ही केंद्र से पश्चिम बंगाल से लिए जाने वाले ब्याज पर पुनर्विचार की मांग की। ममता ने कहा कि पिछली वाम मोर्चा सरकार ने जो कर्ज लिए थे उसका ब्याज भुगतान 21,000 रुपए प्रतिवर्ष से बढ़कर 26,000 करोड़ रुपए हो गया है। इसके बावजूद इस साल राज्य का राजस्व 10,000 करोड़ रुपए बढ़ गया। ममता ने एक कार्यक्रम में यहां कहा, 'केंद्र सरकार यह सोचे बिना कि सरकार कैसे राज्य का संचालन करेगी राज्य का राजस्व का अधिकतर हिस्सा लेती जा रही है। हम उससे इस पर पुनर्विचार करने का अनुरोध करेंगे।'

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