Tuesday, April 19, 2016

दीदी की जुबान फिसली तो आ गया जलजला भयंकर सिंडिकेट छत्ते में दीदी के तीर धंसते ही मूसल पर्व शुरु बांग्ला महाभारत का लाल पीले तेवर में सिपाहसालार अपनी अपनी खैरियत की सोच रहे हैं और बहुत अरसे बाद उन्हें अपने भाई और साथी जेल में बंद कुणाल घोष और मदन मित्र की खूब याद आ रही है। खास बात तो यह है कि घूसखोरी में फंसे ऐसे सिपाहसालार और मंत्री सांसद ही दीदी के चुनावक्षेत्र भवानीपुर में दीदी के किलेदार हैं।भाइयों का जो हो सो हो,दीदी को अपना किला बचाना मुश्किल पड़ रहा है। X Files: Narada News sting operation exposes Trinamool Congress https://www.youtube.com/watch?v=fsWCZ4NNZhg एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास हस्तक्षेप


दीदी की जुबान फिसली तो आ गया जलजला भयंकर

सिंडिकेट छत्ते में दीदी के तीर धंसते ही मूसल पर्व शुरु बांग्ला महाभारत का

लाल पीले तेवर में सिपाहसालार अपनी अपनी खैरियत की सोच रहे हैं और बहुत अरसे बाद उन्हें अपने भाई और साथी जेल में बंद कुणाल घोष और मदन मित्र की खूब याद आ रही है।

खास बात तो यह है कि घूसखोरी में फंसे ऐसे सिपाहसालार और मंत्री सांसद ही दीदी  के चुनावक्षेत्र भवानीपुर में दीदी के किलेदार हैं।भाइयों का जो हो सो हो,दीदी को अपना किला बचाना मुश्किल पड़ रहा है।

X Files: Narada News sting operation exposes Trinamool Congress



एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास
हस्तक्षेप
पहले जानतीं तो उन्हें टिकट ही नहीं देतीं,कहकर तृणमूल सुप्रीम ने अपनी ही पार्टी के सिपाहसालारों को रगहरे संकट में डाल दिया है और माना जा रहा है कि दीदी का आशय यह है कि घूसखोरी तो जरुर हुई है,वे नही जानतीं और जान रही होती तो ऐसे लोगों को हरगिज टिकट जारी नहीं करतीं।गौरतलब है कि चुनाव सभा में और वह भी तृणमूल के गढ़ खास मध्य कोलकाता में नारदा वीडियो स्टिंग ऑपरेशन सामने आने के बाद ये पहला मौका है, जब उन्होने स्टिंग के आरोपों को स्वीकारा है।

इससे पहले ममता बनर्जी स्टिंग को केवल राजनैतिक चाल पर मामले से पल्ला झाड़ रही थी।उनने खुद को पाक साफ बताने के चक्कर में अपने तमाम मंत्रियों, सांसदों, मेयरों,विधायकों को फंसा दिया है।

चुनाव प्रचार में निकलना मुश्किल हो गया है भाइयों के लिए।
आज सुबह के बांग्ला दैनिक में की लीड खबर यह हैछ
Mamata Banerjee

নেত্রীর বাণে ঘায়েল ভাইয়েরা খেপে লাল



रातोंरात दक्षिण बंगाल के जिन सीटों पर सत्तादल की जीत तय मानी जा रही थी,वहां तृणमूल प्रत्याशियों को दीदी ने दिवालिया घोषित कर दिया।विपक्ष को ज्यादा कुछ करने की जरुरत नहीं है और नकिसी को नारदा का सच जानने का इंतजार करना है।

खास बात तो यह है कि घूसखोरी में फंसे ऐसे सिपाहसालार और मंत्री सांसद ही दीदी  के चुनावक्षेत्र भवानीपुर में दीदी के किलेदार हैं।भाइयों का जो हो सो हो,दीदी को अपना किला बचाना मुश्किल पड़ रहा है।

खास बात यह है कि दीदी जितना कह रही हैं कि जुबान फिसल गयी या रणनीति के तहत ऐसा बोला ,उससे बात उतनी बिगड़ रही है।

लाल पीले तेवर में सिपाहसालार अपनी अपनी खैरियत की सोच रहे हैं और बहुत अरसे बाद उन्हें अपने भाई और साथी जेल में बंद कुणाल घोष और मदन मित्र की खूब याद आ रही है।

कोलकाता के साथ लगे उपनगरीय विधाननगर नगर निगम के मेयर सव्यसाची दत्त ने पिछले दिनों चेतावनी दी थी कि सिंडकेच के खिलाफ कार्रवाई हुई तो सरकार गिर जायेगी।

अंग्रेजी टीवी  चैनल टाइम्स नाउ के उस रपट को दोबारा देख लें।

उन्हीं सव्यसाची दत्ता ने सिंडिकेट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हमले के जवाब में चुनौती दी कि सारे से सारे सिडिकेट कानूनी तौर पर सहकारी संस्थाएं हैं और बैंकों में उनके खाते हैं।प्रधानमंत्री चाहें तो उन्हें बंद कराके देख लें।

सव्यसाची दत्त सच कह रहे थे।

उनका सच का सामना करने का वक्त आ गया है।

बंगाल में सिंडिकेट सिर्फ सहकारिता नहीं है।सिंडिकेट अब राजकाज और राजनीति है तो सत्ता की नींव भी सिंडिकेट है।

कहावत है कि सबसे कुशल सपेरे की मौत फिर नाग के दंश से ही होती है।सांपो से खेल खतरनाक होता है तो सपेलों से खेल बी कम खतरनाक नहीं होता।

नारदा स्टिंग का सच क्या है,कोई नहीं जानता।

खास लोगों को कमसकम पांच पांच लाख नकद पहुंचाने वाले लोग कौन हैं,अभी वे चेहरे परदे के पीछे हैं।

अभी आरोप ही लगे  हैं,साबित कुछ नहीं हुआ है।लेकिन आशंका यही है कि कभी भी धमाका हो सकता है और उसमें किस किसके लपेटे जाने की आशंका है,जो लपेेटे जायेंगे , उनसे बेहतर कोई नहीं जानता।


बहरहाल दीदी ने दिनदहाड़े मध्य कोलकाता में टीवी पर घूस लेते दिखे अपने भाइयों और सिपाहसालारों के बारे में जो उच्च विचार प्रकट किये,उससे समय समय पर अपने खास लोगों से पल्ला झाड़ लेने के उनके इतिहास का पाठ शुरु हो गया है।

शारदा मामले में दीदी का ऐसा ही एक खासमखास राज्यसभा में तृणमूल के सांसद अभी जेल में सड़ रहे हैं।

हाईकोर्ट ने नारदा स्टिंग के कैमरे,वीडियों और सारे उपकरण बैंक लाकर में रखने का आदेश जारी किया है,जिसे स्टिंग करनेवालों ने हाईकोर्ट की गठित समिति को सौंप दी है।उस समिति में सीबीआई के एक अधिकारी भी शामिल हैं।

हाईकोर्ट की सुनवाई कब हो पायेगी और फैसला जांच पड़ताल के बाद कब आयेगा,कहना मुश्किल है।लेकिन लोकसभा की एथिक्स कमेटी के चैयरमैन लाल कृष्ण आडवाणी ने अगर कोई अंतरिम आदेस भी जारी कर दिया तो बंगाल के सारे चुनावी समीकरण उलट जायेंगे।

जाहिर है कि प्रधानमंत्री अपने संवैधानिक पद की मर्यादा का अतिक्रमण करके मुख्यमंत्री के खिलाफ शारदा से नारदा तक भ्रष्टाचार के जो आरोप लगाये हैं,तो उन्हें साबित करने की जिम्मेदारी भी उनकी है।

चूंकि आडवाणी सत्ता दल से हैं तो तकाजा संघ परिवार का भी है कि बंगाल में संघियों और भाजपाइयों की खाल बचाने के लिए वे इस किस्से का खुलासा कर दें कमसकम दक्षिण बंगाल के मतदान से पहले।

ऐसा अगर संभव न हो तो समझा जायेगा कि जुबानी जमाखर्च के अलावा दीदी के खिलाफ लड़ना ही नहीं चाहता संघ परिवार और जैसे शारदा मामला रफा दफा हो गया वैसे ही नारदा भी दफा रफा हो जायेगा।इसकी कीमत बंगाल भाजपा को ही अदा करनी होगी।यह सीधा मुकाबला दीदी और संघ परिवार के बीच है।

गौरतलब है कि  पश्चिम बंगाल में जोरदार चुनाव प्रचार के बीच तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष और मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी ने पहली बार नारदा वीडियो स्टिंग ऑपरेशन में पार्टी के अनेक वरिष्ठ नेताओं पर लगे भ्रष्‍टाचार के आरोपों की सच्‍चाई को स्वीकारा है। रविवार को कोलकाता में एक जनसभा को संबोधित करते हुए बनर्जी ने कहा कि मामले की जांच के बाद उचित कदम उठाए जाएंगे। बनर्जी के ताजा रूख और बयान पर विपक्षी दलों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है।

याद करें कि  तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने मुर्शिदाबाद जिले में आयोजित एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कैसे  गुर्राते हुए कहा कि प्रधानमंत्री अकसर झूठ बोलते हैं। उन्हें मुझे जेल में डालने दें। तब भी मैं भारी बहुमत से चुनाव जीतूंगी।

गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में हाल की रैलियों में प्रधानमंत्री ने ममता पर भ्रष्टाचार से समझौता करने और बदलाव के नारे लगाकर लोगों को गुमराह करने के आरोप लगाये ।इसी सिलसिले में  मोदी ने एक चुनावी सभा में कहा था कि टीएमसी का मतलब है 'टेरर, मौत और करप्शन'।

नरेंद्र मोदी ने हाल में कृष्णनगर और कोलकाता की चुनाव सभाओं में भी कहा कि तृणमूल कांग्रेस नेताओं के खिलाफ नारदा स्टिंग ऑपरेशन को टीवी पर दिखाया गया था।

इससे पहले सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने घोषणा की थी कि वह नारदा स्टिंग की आतंरिक जांच करेगी, जिसमें पार्टी के कई वरिष्ठ नेता कथित तौर पर रिश्वत लेते पकड़े गए थे।इससे गिरती साख बची नही है,यही समझकर दीदी को आखिर यब जुबाल फिसलने का करतब करना पड़ा।



तबा तृणमूल के महासचिव पार्थ चटर्जी ने कहा था कि इस 'साजिश' में कांग्रेस नेता अहमद पटेल, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सचिव सिद्धार्थ नाथ सिंह और मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी की भूमिका की जांच की जाएगी।



चटर्जी ने कहा, "आतंरिक जांच में इसकी रिलीज के समय से लेकर इसकी सामग्री समेत सभी पहलुओं की जांच की जाएगी और अगर कोई दोषी पाया जाएगा तो पार्टी उचित कदम उठाएगी।"



चटर्जी ने कहा, "इस जांच में अहमद पटेल, सिद्धार्थ नाथ सिंह और सीताराम येचुरी जैसे उन लोगों की भूमिका की जांच की जाएगी, जिनका नाम इस मामले में आया है। अगर उनके शामिल होने की बात साबित होगी तो हम प्रयास करेंगे कि उनके खिलाफ कदम उठाए जाएं।"



स्टिंग में पकड़े गए नेताओं के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की जांच और कार्रवाई की मांग को लेकर दायर की गई कई जनहित याचिकाओं पर कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा सुनवाई करने के एक दिन बाद यह घोषणा की गई है।



पोर्टल नारदा न्यूज द्वारा किए गए एक स्टिंग ऑपरेशन में तृणमूल कांग्रेस के कई दिग्गज नेताओं को एक काल्पनिक कंपनी का पक्ष लेने के बदले कथित रूप से रिश्वत लेते दिखाया गया था। उसमें पूर्व केंद्रीय मंत्री, राज्य के वर्तमान मंत्री और सांसद नजर आए थे।

নারদের ক্যামেরায় ঘুষ নিল তৃণমূলের নেতা মন্ত্রীরা | X Files by Narad Exposed TMC leaders, Ministers







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