From: भाषा,शिक्षा और रोज़गार <eduployment@gmail.com>
Date: 2011/8/21
Subject: भाषा,शिक्षा और रोज़गार
To: palashbiswaskl@gmail.com
भाषा,शिक्षा और रोज़गार |
- कर्मचारी चयन आयोगःआज से करें एलडीसी व डाटा इंट्री ऑपरेटर के आवेदन
- यूपीःटीईटी प्रकरण में माध्यमिक शिक्षा विभाग ने खड़े किए हाथ
- लखनऊ के दो हज़ार विद्यालयःइंटर कॉलेज या कोचिंग?
- लखनऊ विवि से मिलेंगे एसजी और स्वतंत्र कॉलेज के प्रवेश पत्र
- यूपीःबीएड की नई व्यवस्था से छात्र-शिक्षक दोनों परेशान
- यूपीःपॉलीटेक्निक काउंसिलिंग 24 से, दूसरा चरण 29 से
- जम्मूःमंत्री के पास पहुंचा पैरा-मेडिकल रिजल्ट का मामला
- झारखंड में पर्यटन प्रशिक्षणःपहले आओ, पहले पाओ के आधार पर 500 युवाओं को मिलेगा प्रशिक्षण
- हिमाचलःहमीरपुर में स्कूल से छुट्टी के बावजूद ट्रेनिंग से गायब रहे शिक्षक
- हिमाचलःआठ माह बाद भी नहीं निकला बीटेक का रिजल्ट
- मुंबईःशिक्षण सामग्री के बिना कैसे पढ़ें नौनिहाल!
- रायपुर मेडिकल कॉलेज में रैगिंगरोधी प्रयास: प्रथम वर्ष छात्रों के लिए यूनिफार्म जरूरी नहीं
- जम्मू-कश्मीरःअध्यापकों के 20 हजार पद सृजित होंगे
- राजस्थानःबोर्ड परीक्षा में बैठेंगे 18 लाख परीक्षार्थी, 22 से ऑनलाइन आवेदन
- रांचीःशिक्षकों को करना होगा निर्वाचन कार्य
- हिमाचल में लेक्चर्स का हल्ला बोल: इंक्रीमेंट रोकी तो होगा संघर्ष
कर्मचारी चयन आयोगःआज से करें एलडीसी व डाटा इंट्री ऑपरेटर के आवेदन Posted: 20 Aug 2011 11:22 AM PDT कर्मचारी चयन आयोग ने कंबाइंड हायर सेकेंड्री लेवल परीक्षा के तहत डाटा इंट्री ऑपरेटर और लोवर डिविजन क्लर्क (एलडीसी) के पदों पर आवेदन मांगे हैं। विज्ञप्ति आयोग की वेबसाइट पर अपलोड है। अभ्यर्थी ऑनलाइन आवेदन शनिवार से 14 सितंबर तक कर सकते हैं। कंबाइंड हायर सेकेंड्री लेवल परीक्षा के लिए योग्यता इंटर पास रखी गई है। आवेदन के लिए उम्र सीमा न्यूनतम 18 वर्ष और अधिकतम 27 वर्ष है। आवेदन की अंतिम तिथि 16 सितंबर रखी गई है। परीक्षा 4 दिसंबर को होगी। लिखित परीक्षा 200 अंकों की रखी गई है। परीक्षा में निगेटिव मार्किंग भी होगी। आवेदन का प्रारूप आयोग की वेबसाइट www.ssc.nic.in से डाउनलोड किया जा सकता है। आयोग ने एलडीसी व डाटा इंट्री ऑपरेटर के लिए 100 रुपये परीक्षा शुल्क रखा है। शुल्क केवल केंद्रीय भर्ती शुल्क के रूप में ही लिया जाएगा(दैनिक जागरण,इलाहाबाद,20.8.11)। |
यूपीःटीईटी प्रकरण में माध्यमिक शिक्षा विभाग ने खड़े किए हाथ Posted: 20 Aug 2011 11:19 AM PDT नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम के तहत प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती के लिए अनिवार्य की गई शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) को प्रदेश में आयोजित कराने के मुद्दे पर माध्यमिक शिक्षा विभाग ने हाथ खड़े कर दिए हैं। यह कहते हुए कि वर्ष 2012 की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट परीक्षाओं की तैयारियों के मद्देनजर उप्र बोर्ड द्वारा टीईटी आयोजित कर पाना न तो व्यावहारिक होगा और न ही संभव। माध्यमिक शिक्षा विभाग ने इस तर्क के साथ टीईटी आयोजित कराने में असमर्थता बेसिक शिक्षा महकमे से जता दी है। गौरतलब है कि प्रदेश में टीईटी आयोजित करने के बारे में राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) ने मई में शासन को प्रस्ताव भेजा था। उसी दौरान शासन स्तर पर हुए विचार विमर्श में यह तय हुआ कि टीईटी के आयोजन की जिम्मेदारी यूपी बोर्ड को सौंपी जाए, क्योंकि उसे बड़ी परीक्षाएं आयोजित कराने की विशेषज्ञता, संसाधन और अनुभव हासिल है। चूंकि यूपी बोर्ड माध्यमिक शिक्षा विभाग के अधीन है, इसलिए सचिव बेसिक शिक्षा ने माध्यमिक शिक्षा विभाग को प्रस्ताव भेजकर टीईटी के आयोजन के लिए उसकी सहमति मांगी थी। बेसिक शिक्षा विभाग के इस प्रस्ताव पर माध्यमिक शिक्षा विभाग ने माध्यमिक शिक्षा निदेशक से अभिमत मांगा था। जवाब में माध्यमिक शिक्षा निदेशक और माध्यमिक शिक्षा परिषद (उप्र बोर्ड) के सभापति संजय मोहन ने शासन को पत्र लिखकर कहा था कि शासन उप्र बोर्ड को टीईटी के आयोजन का दायित्व सौंपना चाहता है, तो इंटरमीडिएट शिक्षा अधिनियम, 1921 के धारा 9(4) के तहत वह बोर्ड को यह निर्देश दे सकता है। इसके बावजूद माध्यमिक शिक्षा मंत्री रंगनाथ मिश्र टीईटी के आयोजन की जिम्मेदारी उप्र बोर्ड को सौंपे जाने के पक्ष में नहीं थे। इस वजह से क्योंकि टीईटी के आयोजन के कारण उप्र बोर्ड परीक्षाओं की तैयारियां प्रभावित होंगी। इसलिए उन्होंने प्रस्ताव को स्वीकृति नहीं दी। काबिले गौर है कि टीईटी का आयोजन दिसंबर से पहले होना है। माध्यमिक शिक्षा विभाग का रुख जानने के बाद सचिव बेसिक शिक्षा अनिल संत ने टीईटी के बारे में आवश्यक कार्यवाही के लिए रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए विशेष सचिव बेसिक शिक्षा अनीता मेश्राम और निदेशक एससीईआरटी दिनेश चंद्र कनौजिया को निर्देश दिया है। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया है कि टीईटी को किसी अन्य संस्था से आयोजित कराने की संभावनाएं भी तलाशी जाएं। इस सिलसिले में टीईटी आयोजित कर चुके कुछ अन्य राज्यों के अनुभव को भी जाना जाए(राजीव दीक्षित, दैनिक जागरण,लखनऊ,20.8.11)। |
लखनऊ के दो हज़ार विद्यालयःइंटर कॉलेज या कोचिंग? Posted: 20 Aug 2011 11:12 AM PDT लखनऊ में करीब दो हजार विद्यालय बिना किसी मान्यता के अपने स्कूलों में कक्षा छह से बारह तक के बच्चों की पढ़ाई कराते हैं। विद्यार्थियों को बोर्ड फॉर्म भरवाते हैं, उन्हें हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा दिलवाते है और मार्कशीट भी बांटते हैं, इन सबके बावजूद राजधानी के शिक्षा अधिकारी ऐसे गैर मान्यताप्राप्त विद्यालयों को फर्जी स्कूल नहीं कोचिंग संस्थान का नाम देते हैं। ऐसे तथाकथित विद्यालयों को कोचिंग संस्थान का नाम देकर शिक्षा अधिकारियों ने यह जिम्मेदारी उच्च शिक्षा विभाग के जिम्मे सौंप दी है। माध्यमिक शिक्षक संघ ने इस संबंध में कड़ा रुख अख्तियार करते हुए कहा कि यह तो अपनी जिम्मेदारी से मुंह मोड़ने वाला जैसा है। संघ के प्रवक्ता डॉ. आरपी मिश्र का कहना है कि यह विद्यालय जब अपने परीक्षार्थियों को यूपी बोर्ड का परीक्षा फॉर्म भरवाते हैं तो इन पर नियंत्रण भी माध्यमिक शिक्षा विभाग का ही होगा। अमीनाबाद इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य जेपी मिश्र कहते हैं कि कोचिंग संचालक विद्यालय का बोर्ड लगाकर विद्यार्थियों को पढ़ा रहे हैं। ऐसे में उनपर कार्रवाई बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि फर्जी स्कूलों की रोकथाम के लिए मान्यता प्राप्त विद्यालयों की भूमिका ज्यादा महत्वपूर्ण है। अगर मान्यता प्राप्त विद्यालय अपने विद्यालय में बाहर के विद्यार्थियों को बोर्ड फॉर्म भरवाना खत्म कर दे तो इन फर्जी स्कूलों का अस्तित्व अपने आप ही खत्म हो जाएगा। वहीं जिला विद्यालय निरीक्षक उमेश कुमार त्रिपाठी का कहना है कि इन तथाकथित विद्यालयों ने कोचिंग संस्थान के रूप में उच्च शिक्षा विभाग में रजिस्ट्रेशन कराया है, अगर वह किसी मान्यता प्राप्त विद्यालय से गलत ढंग से बोर्ड फॉर्म भरवाते हैं तो मान्यता प्राप्त विद्यालयों पर कार्रवाई होगी(दैनिक जागरण,लखनऊ,20.8.11)। |
लखनऊ विवि से मिलेंगे एसजी और स्वतंत्र कॉलेज के प्रवेश पत्र Posted: 20 Aug 2011 11:10 AM PDT स्वतंत्र गर्ल्स डिग्री कॉलेज और एसजी डिग्री कॉलेज की छात्राओं को बीएड परीक्षा के प्रवेश पत्र लखनऊ विश्वविद्यालय से वितरित किए जाएंगे। कॉलेज की मान्यता खत्म होने के कारण लविवि प्रशासन ने विवि से ही प्रवेश पत्र वितरित करने का निर्णय लिया है। परीक्षा नियंत्रक प्रो. यशवीर त्यागी ने बताया कि छात्राएं शनिवार को अपना परिचय पत्र लेकर लविवि आ जाएं। यदि कुछ छात्राओं को प्रवेश पत्र नहीं मिलता है तो वे परीक्षा वाले दिन जल्दी आकर भी प्रवेश पत्र प्राप्त कर सकती हैं। सत्र 2010-11 की बीएड परीक्षा 23 अगस्त से शुरू हो रही है। लविवि प्रशासन ने इसकी सारी तैयारियां पूरी कर ली हैं। कोर्ट के आदेश के बाद वर्ष 2009 के अल्पसंख्यक कॉलेजों के विद्यार्थियों की परीक्षा भी साथ में कराई जा रही है। परीक्षा 23 से है और छात्राओं को अभी तक प्रवेश पत्र नहीं मिले हैं जबकि 21 एवं 22 अगस्त को अवकाश है। ऐसे में केवल 20 अगस्त का ही समय शेष है। लविवि प्रशासन ने इसी दिन प्रवेश पत्र वितरित करने की तैयारी कर ली है। शनिवार को छात्राएं परिचय पत्र एवं अन्य आवश्यक दस्तावेज साथ लेकर आना होगा। स्वतंत्र गर्ल्स डिग्री कॉलेज की बीए द्वितीय वर्ष की छात्राओं की अंकतालिकाएं भी लविवि से ही वितरित की जाएंगी। दोनों कॉलेजों की संबद्धता वर्तमान सत्र से खत्म किए जाने के कारणअब स्वतंत्र गर्ल्स डिग्री कॉलेज की बीए तृतीय वर्ष की छात्राओं को अन्य महाविद्यालयों में समायोजित करने पर विचार किया जा रहा है। बीएड कॉलेजों ने आखिरी समय तक छात्र-छात्राओं से वसूली करना बंद नहीं किया है। परीक्षा के पूर्व कई कॉलेजों ने अभी तक छात्र-छात्राओं को प्रवेश पत्र नहीं दिए हैं। प्रवेश पत्र के लिए विद्यार्थियों से वसूली की जा रही है। कई छात्रों ने इस बाबत लविवि प्रशासन से शिकायत की है(दैनिक जागरण,लखनऊ,20.8.11)। |
यूपीःबीएड की नई व्यवस्था से छात्र-शिक्षक दोनों परेशान Posted: 20 Aug 2011 11:09 AM PDT बीएड की शेष सीटों के लिए शनिवार से शुरू हुई पूल व्यवस्था ने अभ्यर्थियों के साथ-साथ शिक्षकों को भी परेशान कर दिया। नई व्यवस्था के तहत पंजीकरण करने के लिए छात्र जिस विश्वविद्यालय का चयन करता है, वहां के सभी उपलब्ध कॉलेजों को भी विकल्प के तौर पर भरना आवश्यक होता है। मेरठ में 200 कॉलेजों में सीटें बची हैं। ऐसे में जिस छात्र ने मेरठ का कोई एक कॉलेज चाहा, पंजीकरण उसे सभी में कराना पड़ा। इस प्रक्रिया में ढाई से तीन घंटे का समय लगा। बीएड में खाली सीटों को भरने के लिए पंजीकरण प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। विज्ञान एवं कृषि की 1916 सीटें शेष हैं। शनिवार को इन पर पंजीकरण शुरू हो गया। प्रदेश में 585 अभ्यर्थी पहुंचे जबकि 525 अभ्यर्थियों ने पंजीकरण कराया। राजधानी में 84 अभ्यर्थियों ने विकल्प भरे। राजधानी में चार कॉलेजों में छह सीटें ही शेष थीं। प्रदेश में लखनऊ, जौनपुर, कानपुर, मेरठ, आगरा, गोरखपुर आदि जिलों के कॉलेज शुक्रवार को उपलब्ध थे, हालांकि खाली सीटों की संख्या बहुत ही कम थी। शनिवार को पंजीकरण प्रक्रिया में केवल मेरठ और आगरा के कॉलेज ही उपलब्ध रहने की संभावना है। सिटी कोआर्डिनेटर डॉ. पवन अग्रवाल ने बताया कि अनुसूचित जाति एवं जनजाति के सभी अभ्यर्थी 5000 रुपये का ड्राफ्ट लेकर आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि जिन अभ्यर्थियों के पास 2 लाख रुपये से कम आय का प्रमाणपत्र है, केवल उन्हीं को यह छूट है। इससे ऊपर आय वर्ग के अभ्यर्थियों को 51250 रुपये का ड्राफ्ट ही लाना है(दैनिक जागरण,लखनऊ,20.8.11)। |
यूपीःपॉलीटेक्निक काउंसिलिंग 24 से, दूसरा चरण 29 से Posted: 20 Aug 2011 11:06 AM PDT नई पॉलीटेक्निक संस्थानों में सीटें भरने के लिए संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद की ओर से 24 अगस्त से काउंसिलिंग शुरू होगी। 27 अगस्त तक चलने वाली काउंसिलिंग में नए छात्रों के अलावा पहले काउंसिलिंग में भाग ले चुके विद्यार्थी भी हिस्सा ले सकेंगे। 29 अगस्त से 10 सितंबर तक दूसरे चरण की काउंसिलिंग शुरू होगी। राजधानी सहित प्रदेश के 11 जिलों में होने वाली काउंसिलिंग की तैयारियां पूरी हो गई हैं। संयुक्त प्रवेश परीक्षा सचिव एसके गोविल ने बताया कि पहले फेज की काउंसिलिंग में कई विद्यालयों को शामिल नहीं किया गया था। भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद की ओर से अनुमोदित विद्यालयों की सूची आने के बाद सीटों को भरने के लिए काउंसिलिंग शुरू की जा रही है। दूसरे चरण की काउंसिलिंग में खाली सीटों को भरा जाएगा। पहले फेज की काउंसिलिंग में ग्रुप-ए-37000, बी- 351, सी- 679, डी-1240, ई-918, एफ-152, जी- 2517, एच-188, आइ-36, जे-26 और के ग्रुप में 603 सीटें भरी थी। सचिव ने बताया कि पहले फेज की काउंसिलिंग में हिस्सा लेने वाले विद्यार्थी 300 रुपये का ड्राफ्ट जमा करके फिर से काउंसिलिंग में हिस्सा ले सकते हैं जबकि नए छात्रों को 2000 रुपये का ड्राफ्ट जमा करना होगा(दैनिक जागरण,लखनऊ,20.8.11)। |
जम्मूःमंत्री के पास पहुंचा पैरा-मेडिकल रिजल्ट का मामला Posted: 20 Aug 2011 11:04 AM PDT पैरा मेडिकल के रिजल्ट का मामला स्वास्थ्य मंत्री शाम लाल के पास पहुंच गया है। शुक्रवार देर शाम स्वास्थ्य मंत्री ने विभाग की निदेशक मधु खुल्लर से रिजल्ट के बारे में सभी तरह की जानकारियां मांगी। ज्ञात रहे कि पैरा मेडिकल के रिजल्ट को लेकर छात्रों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। विभाग की मौजूदा निदेशक रिजल्ट घोषित नहीं होने का दावा कर रही हैं, जबकि पूर्व निदेशक ने रिजल्ट घोषित कर दिया है। अटैचमेंट पर भी लगेगी क्लास : सूत्रों के अनुसार कुछ समय पहले स्वास्थ्य विभाग में कई लोगों को डिटैच करने का स्वास्थ्य मंत्री ने आदेश दिया था। लेकिन नई निदेशक मधु खुल्लर ने आते ही कई डिटैच कर्मचारियों को अटैच कर दिया। इन पर भी स्वास्थ्य मंत्री निदेशक से जवाब मांग सकते हैं। रिजल्ट को लेकर क्या चल रहा है, पुराना रिजल्ट कौन-सा घोषित हुआ। अगर रिजल्ट रोका गया तो क्या जांच के लिए कमेटी बनाई। रिजल्ट जब निकला तो रोका क्यों, कितने इंस्टीट्यूट और कितने स्टूडेंट्स ने परीक्षा दी, ऐसे कई सवाल हैं, जिनका जवाब निदेशक को देना पड़ेगा। नियमों के मुताबिक जब किसी परीक्षा का रिजल्ट रोका जाता है तो उसकी दोबारा जांच के लिए कमेटी बनाई जाती है, लेकिन पैरा मेडिकल का रिजल्ट बिना कमेटी के ही रोक दिया गया। ऐसा खुद निदेशक भी मानती हैं कि रिजल्ट की जांच के लिए कोई कमेटी नहीं बनाई है(अजय मीनिया,दैनिक भास्कर,जम्मू,20.8.11)। |
झारखंड में पर्यटन प्रशिक्षणःपहले आओ, पहले पाओ के आधार पर 500 युवाओं को मिलेगा प्रशिक्षण Posted: 20 Aug 2011 10:59 AM PDT पर्यटन के क्षेत्र में रोजगार से जोड़ने के लिए पर्यटन विभाग राज्य के 500 युवाओं को प्रशिक्षण देगा। इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। पहले चरण में 60 छात्रों को फूड एंड वेवरेज सर्विस और फूड प्रोडक्शन कोर्स में प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके तहत 18 से 28 वर्ष के युवाओं को नि:शुल्क पूर्णकालिक प्रशिक्षण मिलेगा। पांच सौ छात्रों को पांच चरणों में प्रशिक्षण दिया जाएगा। एक छात्र पर विभाग 10 हजार रुपए खर्च करेगा। मिलेगी छात्रवृत्ति छात्रों को प्रशिक्षण के दौरान छात्रवृत्ति भी दी जाएगी। प्रत्येक प्रशिक्षणार्थी को फूड एंड वेवरेज सर्विस कोर्स के लिए 1500 रुपए और फूड प्रोडक्शन कोर्स के लिए 2000 रुपए छात्रवृत्ति मिलेगी। इसके लिए छात्रों को 90 फीसदी उपस्थिति दर्ज करानी होगी। यह है योजना पर्यटन विभाग झारखंड की ओर से लघु रोजगार आधारित कैपेसिटी बिल्डिंग फॉर सर्विस प्रोवाइडर (सीबीएसपी) के तहत प्रशिक्षण शुरू किया जा रहा है। इसके तहत 18 से 28 वर्ष के न्यूनतम 8वीं पास युवाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा। पांच चरणों में प्रशिक्षण के लिए इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड मैनेजमेंट (आईएसएम) रांची और बीआईटी मेसरा का चयन किया गया है। इन दो कोर्सो के अलावा हाउस कीपिंग सहित अन्य कोर्स भी छात्रों को कराएं जाएंगे। 30 अगस्त तक एडमिशन पहले चरण में एडमिशन की प्रक्रिया 30 अगस्त तक चलेगी। एडमिशन पहले आओ पहले पाओ के आधार पर होगा। चयन में बीपीएल उम्मीदवारों को प्राथमिकता दी जाएगी। दोनों कोर्स में 50 फीसदी सीट अनुसूचित जनजाति के छात्रों के लिए आरक्षित होगा। प्रत्येक कोर्स में 30 छात्र फूड एंड वेवरेज कोर्स 6 सप्ताह का और फूड प्रोडक्शन कोर्स 8 सप्ताह का पूर्णकालिक होगा। दोनों ट्रेडों में प्रशिक्षण विज्ञान एवं प्रबंधन संस्थान, पुंदाग में कराया जाएगा। दोनों कोर्स में 30-30 छात्रों का एडमिशन लिया जाएगा। छात्रों को पर्यटन के क्षेत्र में रोजगार देने के उद्देश्य से प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस कार्यक्रम में केंद्र ने भी सहायता देने का आश्वासन दिया है। पहले चरण में पांच सौ छात्रों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। भविष्य में संख्या बढ़ेगी।"" बिमला प्रधान, पर्यटन मंत्री, रांची(राजीव गोस्वामी,दैनिक भास्कर,रांची,20.8.11) |
हिमाचलःहमीरपुर में स्कूल से छुट्टी के बावजूद ट्रेनिंग से गायब रहे शिक्षक Posted: 20 Aug 2011 10:53 AM PDT सर्व शिक्षा अभियान के तहत शिक्षकों को पढ़ाने के नए-नए तरीके से लाखों रुपए खर्च करके टीचर्स ट्रेनिंग के माध्यम से सिखाए जा रहे हैं, लेकिन कई शिक्षक ऐसे भी हैं जो ट्रेनिंग के नाम पर स्कूलों से तो रिलीव हो चुके हैं, लेकिन ट्रेनिंग में गैर हाजिर चल रहे हैं। स्थानीय बाल सीनियर सेकंडरी स्कूल में 9 दिवसीय टीजीटी और एलटी के ट्रेनिंग चल रही है। यहां कई शिक्षक अनुपस्थित हैं। इस बात का खुलासा शुक्रवार को जिला एसएसए परियोजना अधिकारी एवं डाइट गौना-करौर के प्रिंसिपल सुरजीत सिंह के औचक निरीक्षण में हुआ। यहां करीब छह शिक्षक अनुपस्थित पाए गए। जो शिक्षक अनुपस्थित पाए गए हैं उनमें बाल सीनियर सेकंडरी स्कूल हमीरपुर के अलावा डुग्घा, बोहणी, बल्ह स्कूलों के शिक्षक शामिल हैं। प्रशिक्षण 9 दिन का है। सुबह 9 से दोपहर 3:50 मिनट तक शेड्यूल तय है। इसमें ५२ टीजीटी और ४५ एलटी को ट्रेनिंग दी जा रही है। निरीक्षण में 2 टीजीटी और 4 एलटी अनुपस्थित पाए गए हैं। शिक्षकों की अनुपस्थित रजिस्टर पर भी अंकित कर दी गई है। डाइट केंद्र के प्रिंसिपल सुरजीत सिंह ने कहा कि ट्रेनिंग के दौरान सभी शिक्षकों को उपस्थित रहना होगा। ऐसा न करने वालों पर शिक्षा विभाग कड़ी कार्रवाई करेगा(दैनिक भास्कर,हमीरपुर,20.8.11)। |
हिमाचलःआठ माह बाद भी नहीं निकला बीटेक का रिजल्ट Posted: 20 Aug 2011 10:44 AM PDT हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय ने रिजल्ट घोषित करने में लेटलतीफी और लापरवाही की हद पार कर दी है। यूनिवर्सिटी प्रशासन की लापरवाही के चलते बीटेक परीक्षा का परिणाम आठ महीने बाद भी घोषित नहीं हो पाया है। बीटेक के दस हजार से अधिक छात्र असमंजस में हैं। रिजल्ट पता करने के लिए आए दिन दर्जनों छात्र यूनिवर्सिटी पहुंच रहे हैं। यूनिवर्सिटी ने न सिर्फ रिजल्ट निकालने में लापरवाही दिखाई बल्कि बिना रिजल्ट घोषित किए ही छात्रों को अगली कक्षाओं की परीक्षाओं में बैठने के लिए मजबूर कर दिया। छात्रों के अनुसार दिसंबर 2010 में बीटेक के पहले, तीसरे, पांचवें और सातवें समेस्टर की परीक्षाएं आयोजित की गई। रिजल्ट समय पर न निकलने के कारण जहां एक ओर छात्रों को अगली कक्षाओं में दाखिला लेना पड़ा, वहीं अगली कक्षा की परीक्षाओं में भी बैठना पड़ा। इस साल जून माह में दूसरे, चौथे, छठे और आठवें समेस्टर की परीक्षाएं आयोजित की गई। पांचवें और सातवें समेस्टर का परीक्षा परिणाम तो घोषित कर दिया है, लेकिन पहले और तीसरे समेस्टर का परिणाम अभी घोषित नहीं हुआ है। नौ संस्थानों में बीटेक एचपी यूनिवर्सिटी के अलावा प्रदेश के आठ मान्यता प्राप्त निजी शिक्षण संस्थानों में बीटेक की पढ़ाई करवाई जाती है। परीक्षा नियंत्रक डॉ. नरेंद्र अवस्थी का कहना है कि परिणाम तैयार है। जल्द ही घोषित कर लिया जाएगा(अशोक चौहान,दैनिकभास्कर,शिमला,19.8.11)। |
मुंबईःशिक्षण सामग्री के बिना कैसे पढ़ें नौनिहाल! Posted: 20 Aug 2011 10:39 AM PDT बच्चों को स्कूल की ओर आकर्षित करने के लिए बीएमसी ने कई तरह की योजनाएं बनाईं, जिसमें बच्चों को पढ़ने लिखने के सामान नि:शुल्क वितरित करने की योजना भी शामिल है, पर यह योजना नगरसेवकों, अधिकारियों और ठेकेदार के बीच गठजोड़ में ऐसा लटका कि समय बच्चों को एक भी सामान नहीं मिलता। प्रशासन समय पर टेंडर नहीं मंगाता, जिससे स्थायी समिति में मंजूरी के लिए जानबूझ कर देरी से लाया जाता है। इससे गरीब बच्चों का हवाला देकर सत्तापक्ष और विपक्ष के नगरसेवक आनन-फानन में प्रस्ताव मंजूर करते हैं। स्कूल शुरू होने के बाद यह आवाज उठाई जाती है कि बच्चांे को सामान नहीं मिल रहे हैं। शिक्षा समिति से लेकर स्थायी समिति और बीएमसी की साधारण सभा की बैठक में प्रशासन और ठेकेदार के खिलाफ यहीं नगरसेवक आवाज उठाते हैं और उन पर कार्रवाई की मांग करते हैं, मगर किसी पर कोई कार्रवाई नहीं होती। ऐसे में, क्या माना जाए कि इनकी आवाज भी गठजोड़ की आवाज है और अगर ऐसा नहीं है, तो किसी पर कार्रवाई क्यों नहीं की जाती! महंगी खरीदी: हर साल की तरह इस साल भी बीएमसी बाबुओं ने सभी 27 सामान बहुत ही महंगे दर पर खरीदे हैं। इसके खिलाफ चंद आवाज स्थायी समिति में विपक्षी दलों ने उठाया था, मगर यह कहते हुए सभी प्रस्तावों को एक सुर में मंजूर कर लिया गया गरीब बच्चों देना है, इसलिए मंजूर किया जाए। ठेके की शर्त के मुताबिक सभी सामानों की सप्लाई 30 दिन के अंदर पूरी हो जानी चाहिए, लेकिन ऐसा होता नहीं है। इनके दिए स्कूल बैठ कुछ दिनों के बाद ही फट जाते हैं। कमोवेश यही हाल सभी सामान के होते हैं, जबकि बीएमसी बाबू सीना तान के कहते हैं कि हम अपने बच्चों को ब्रांडेड कंपनियों के सामान देते हैं। ये कैसा ब्रांड हैं, जिनके चंद दिनों के बाद ही चिथड़े उड़ने लगते हैं। यूनिफार्म: यूनिफार्म के कपड़े मफतलाल कंपनी के हैं। छात्रों को दिए जाने वाले यूनिफॉर्म की न्यूनतम कीमत 239.40 रुपये है, जबकि अधिकतम कीमत 548.10 रुपये है, जबकि छात्राओं को दिए जाने वाले यूनिफॉर्म की न्यूनतम कीमत 298.20 रुपये और अधिकतम कीमत 648.90 रुपये है। नगरसेवकों व अधिकारियों के मुताबिक उच्च कोटी के यूनिफॉर्म छात्र व छात्राओं को दिए जा रहे हैं। इनका दावा आम आदमी के गले नहीं उतर रहा है। नोट बुक: सिंगल लाइन, डबल लाइन, चित्रकला, आलेख नोटबुक, विज्ञान नोट बुक जैसे कुल अलग-अलग 15 तरह की नोट बुक खरीदी का ठेका मे. थ्री स्टार कंपनी को दिया गया है। करीब 9.18 करोड़ रुपये में बीएमसी कुल 48 लाख नोट बुक खरीद रही है। 96 पेज की 15.75 रुपये, 196 पेज की 24.56 रुपये, चार लाइन की 66 पेज के नोट बुक 11.03 रुपये, चार लाइन वाले 66 पेज 15.75 रुपये, 40 पेज चित्रकला 28.35 रुपये में खरीदा है। जूते - मोजे : लखानी ब्रांड के जूते खरीद रही है , जिसमें एक जूते के साथ दो मोजे हैं। छात्रों के जूते की न्यूनतम कीमत 180.60 रुपये है , जबकि अधिकतम कीमत 341.25 रुपये है। छात्राओं को दिए जाने वाले जूते की न्यूनतम कीमत 177.45 रुपये और अधिकतम 337.05 रुपये है। कुल चार लाख 73 हजार 508 जोड़े जूते खरीदने का ठेका दिया गया है। स्कूल बैग : बैग के साथ पानी के बॉटेल , टिफिन बॉक्स भी शामिल हैं। बालवाड़ी के छात्रों को 256.50 रुपये , पहली से चौथी तक के छात्रों के लिए 378.00 रुपये , पांचवीं से सातवीं के छात्रों को 427.50 रुपये और आठवीं से दसवीं के बच्चों को 409.50 रुपये की कीमत वाली बैग दे रही है। स्कूल बैग एम . बी . रबर कंपनी के हैं। कंपास बॉक्स : कंपास बाक्स खरीदने का ठेका मे . जीएसएन असोसिएट्स को दिया गया है। ये कोरस ब्रांड के हैं। 30 सेंटीमीटर के स्केल ( फूलपट्टी ) 10 रुपये के , फाइन हेअर ब्रश चार नंबर के 14.15 रुपये , छह नंबर के 18.90 रुपये , आठ नंबर के 23.10 रुपये और 10 नंबर के फाइन हेयर ब्रश 32.50 रुपये के खरीद रही है। यह ठेका मे . लोटस कमर्शल को दिया गया है। कैमनिल की पंेसिल खरीदने का ठेका मे . थ्री स्टार कंपनी को दिया गया है। ऑइल पेस्टल की कीमत 29.50 रुपये , 15 एमएल की पेस्टल कलर बॉक्स 173 रुपये और 30 एमएल की पेस्टल कलर बॉक्स 425 रुपये में खरीद रही हैं(नवभारत टाइम्स,मुंबई,19.8.11)। |
रायपुर मेडिकल कॉलेज में रैगिंगरोधी प्रयास: प्रथम वर्ष छात्रों के लिए यूनिफार्म जरूरी नहीं Posted: 20 Aug 2011 10:36 AM PDT मेडिकल कॉलेज में रैगिंग रोकने के लिए एंटी रैगिंग कमेटी बना दी गई है। सीनियर छात्र जूनियरों की रैगिंग न ले सकें, इसके लिए डॉक्टरों को जिम्मेदारी दी गई है। प्रथम वर्ष के छात्रों का परिचय कराने के लिए सितंबर में फ्रेशर्स सम्मेलन होगा। प्रथम वर्ष के छात्रों के लिए विशेष यूनिफार्म का बंधन खत्म कर दिया गया है। वे किसी भी पोशाक में कॉलेज आ सकेंगे। एंटी रैगिंग कमेटी में डीन डॉ. एके शर्मा, आंबेडकर अस्पताल अधीक्षक डॉ. विवेक चौधरी, सभी विभागाध्यक्ष, छात्रावास के वार्डन, जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष, छात्रसंघ पदाधिकारी, एएसपी एसआई खान, एसडीएम सिटी जयश्री जैन आदि शामिल किए गए हैं। रैगिंग की शिकायत के लिए शिकायत पेटी लगाई गई है। छात्र टोल फ्री नंबर 18001805522 पर 24 घंटे शिकायत कर सकते हैं। मेडिकल कॉलेज के सभी छात्रावासों में अनधिकृत व बाहरी व्यक्ति प्रवेश नहीं कर पाएंगे। कॉलेज परिसर में रैगिंग के संवेदनशील स्थानों को चिन्हित कर निगरानी की जाएगी। छात्रावास के आसपास असामाजिक तत्व न भटकें, इसके लिए जिला व पुलिस प्रशासन की मदद ली जाएगी। परिसर में जहां अंधेरा रहता है, वहां बिजली लगाई जाएगी। इसके लिए बिजली कंपनी से मदद ली जाएगी। स्टूडेंट्स व डॉक्टरों के बीच बेहतर सामंजस्य के लिए पहली बार स्टूडेंट-टीचर समिति बनाई गई है। एक-एक टीचर को पांच-छह छात्रों की जिम्मेदारी दी गई है। "रैगिंग रोकने के लिए कॉलेज प्रबंधन पूरी तरह तैयार है। प्रथम वर्ष के छात्रों के लिए विशेष यूनिफार्म की अनिवार्यता खत्म कर दी गई है। छात्र कोई भी शिकायत टोल फ्री नंबर व शिकायत पेटी के माध्यम से कर सकते हैं। सितंबर में फ्रेशर्स सम्मेलन में प्रथम वर्ष के छात्रों का परिचय करवाया जाएगा।"" डॉ. अरविंद नेरल, पीआरओ मेडिकल कॉलेज(दैनिक भास्कर,रायपुर,20.8.11) |
जम्मू-कश्मीरःअध्यापकों के 20 हजार पद सृजित होंगे Posted: 20 Aug 2011 10:28 AM PDT शिक्षा मंत्री पीरजादा मोहम्मद सईद ने कहा कि विभाग शीघ्र ही भर्ती एजेंसियों के माध्यम से अध्यापकों के 20 हजार पदों की निशानदेही करेगा। उन्होंने कहा कि एसएसए से संबंधित स्कीम शिक्षा सेक्टर की उपलब्घता हेतु अधिक मत्वपूर्ण है। मुख्यमंत्री के सलाहकार मुबारक गुल, मुख्य सचिव माधव लाल, प्रिंसिपल सचिव बीबी व्यास, शिक्षा आयुक्त सचिव नसीमा लंकर, स्कूल शिक्षा निदेशक एवं वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में उपस्थित थे(दैनिक भास्कर,20.8.11)। |
राजस्थानःबोर्ड परीक्षा में बैठेंगे 18 लाख परीक्षार्थी, 22 से ऑनलाइन आवेदन Posted: 20 Aug 2011 10:27 AM PDT माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की परीक्षाओं में इस साल करीब 18 लाख परीक्षार्थी शामिल होंगे। सभी परीक्षार्थियों के आवेदन पत्र इस बार पहली दफा ऑनलाइन जमा किए जाएंगे। आवेदन किए जाने की प्रक्रिया 22 अगस्त से प्रारंभ हो जाएगी। यह जानकारी माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. सुभाष गर्ग ने शुक्रवार को पत्रकारों को दी। गर्ग ने बताया कि माध्यमिक शिक्षा बोर्ड संभवत: देश का पहला शिक्षा बोर्ड है, जो इस व्यवस्था को अनिवार्य तौर पर लागू करते हुए 22 हजार स्कूलों एवं 189 नोडल केंद्रों के जरिए यह आवेदन पत्र ऑन लाइन जमा करेगा। आवेदन की फीस पंजाब नेशनल बैंक और आईसीआईसीआई बैंक की 754 शाखाओं के जरिए प्रदेश में जमा होगी। गर्ग ने यह भी स्पष्ट किया कि सभी परीक्षार्थियों के आवेदन पत्र पूर्ण सावधानी और सही तरीके से भरे जाएं। इसके लिए पूर्ण तौर पर संबंधित स्कूल के संस्था प्रधान और परीक्षा प्रभारी ही जिम्मेदार होंगे। 22 से शुरू होगा कंट्रोल रूम : बोर्ड ऑफिस में 22 अगस्त से कंट्रोल रूम शुरू हो जाएगा। जिसका हेल्प लाइन नंबर 8432259100, 8432265100, 8432256400, 8432253500 एवं 0145-2627454 तथा फैक्स नंबर 0145-2627394 है। विस्तृत विवरण बोर्ड वेबसाइट पर देखा जा सकता है। 26 सितंबर है अंतिम तिथि : ऑन लाइन आवेदन पत्र भरने एवं बैंक में शुल्क जमा करवाने की अंतिम तिथि सामान्य परीक्षा शुल्क से 26 सितंबर तथा दोगुने परीक्षा शुल्क से 10 अक्टूबर रहेगी। नोडल केंद्रों पर आवेदन पत्र जमा करवाने की अंतिम तिथि 3 अक्टूबर तथा दोगुने परीक्षा शुल्क से जमा करवाने की अंतिम 14 अक्टूबर रहेगी(दैनिक भास्कर,अजमेर,20.8.11)। |
रांचीःशिक्षकों को करना होगा निर्वाचन कार्य Posted: 20 Aug 2011 10:25 AM PDT बिना पढ़ाई बाधित किए हुए सरकारी स्कूल के शिक्षकों को निर्वाचन का कार्य करना होगा। इस संबंध में जिला शिक्षा अधीक्षक को निर्वाचन पदाधिकारी की ओर से सुप्रीम कोर्ट के दिए गए आदेश का हवाला देते हुए निर्देश भेजा गया है। इसमें कहा गया है कि शिक्षकों को छुट्टी के दिन (रविवार) और सरकारी अवकाश के दिनों में निर्वाचन संबंधी कार्य करने होंगे। इस कार्य को शिक्षक बिना पढ़ाई को बाधित किए करे। इसके लिए शिक्षकों को बूथ लेबल आफिसर (बीएलओ) बनाया गया है। रांची में करीब 300 शिक्षक बीएलओ का कार्य कर रहे है(दैनिक भास्कर,रांची,20.8.11)। |
हिमाचल में लेक्चर्स का हल्ला बोल: इंक्रीमेंट रोकी तो होगा संघर्ष Posted: 20 Aug 2011 10:24 AM PDT स्कूल-कॉलेज लेक्चर्स ने खराब परिणाम पर वेतन वृद्धि (इंक्रीमेंट) रोकने की शर्त को नकारते हुए चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने अपना निर्णय वापस नहीं लिया तो वह सामूहिक अवकाश पर जाएंगे। संघ का कहना है कि खराब परीक्षा परिणाम पर वार्षिक वेतन वृद्धि रोकने की शर्त थोपना सही नहीं है। नीतिगत निर्णय लेते समय शिक्षक संघों को विश्वास में लेना चाहिए। प्रदेश स्कूल लेक्चर्स एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. अश्विनी कुमार, उपाध्यक्ष विजय गुलेरिया, राज्य संयुक्त सचिव सुरेंद्र सकलानी एवं राज्य सचिव सचिन ठाकुर ने बताया कि सभी विषयों पर एक जैसी शर्ते थोपना सही नहीं है। विज्ञान, अर्थशास्त्र, अंग्रेजी, गृह विज्ञान और शारीरिक शिक्षा सहित अन्य विषयों पर एक समान शर्ते लगाना सही नहीं है। विज्ञान विषय के लिए प्रवेश परीक्षा होनी जानी चाहिए। वहीं, हिमाचल प्रदेश कॉलेज लेक्चर्स एसोसिएशन का कहना है कि निदेशालय और सचिवालय स्तर पर सकारात्मक बातचीत के बावजूद उनकी समस्या अब भी जस की तस है। कुछ दिन पहले प्रदेश भर के कॉलेज लेक्चर्स ने मंडी में बैठक कर अपनी मांगें सरकार के सामने रखी थी। इनमें वेतन विसंगतियों को दूर करना और आठ साल का कार्यकाल पूरा कर चुके अनुबंध लेक्चर्स को नियममित करना मुख्य थी। सरकार की तरफ से अभी मांगों को लेकर लिखित आश्वासन नहीं मिला है। लेक्चर्स काले बिल्ले लगाकर विरोध कर रहे हैं। वेतन विसंगति दूर करने, नए-पुराने नियमों पर स्थिति स्पष्ट नहीं है। यूजीसी के नियमों के अनुसार शिक्षक-छात्र अनुपात पर अमल होना चाहिए। -डॉ. आरके कायस्था, अध्यक्ष हिमाचल प्रदेश कॉलेज लेक्चर्स एसोसिएशन(दैनिक भास्कर,शिमला,20.8.11) |
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Palash Biswas
Pl Read:
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