From: भाषा,शिक्षा और रोज़गार <eduployment@gmail.com>
Date: 2011/8/11
Subject: भाषा,शिक्षा और रोज़गार
To: palashbiswaskl@gmail.com
भाषा,शिक्षा और रोज़गार |
- दरभंगाःसंस्कृत विवि के बर्खास्त कर्मियों की होगी वापसी
- बिहारःसचिवालय में रहना है तो बोलनी होगी अंग्रेजी
- IT फर्मों ने अनुभवी लोगों की भर्ती में कमी की
- नौकिरयां समेटने में जुट गईं अमेरिकी कंपनियां
- उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्डःइण्टरव्यू के दौरान लगेगा सीसीटीवी कैमरा
- यूपीःबीएड में दो हजार सीटें खाली
- लखनऊ विवि में इस साल दीक्षांत समारोह नहीं
- हिन्दू कॉलेज में स्पोर्ट्स व ईसीए कोटे के दाखिलेःडीयू ने प्रथम दृष्ट्या पाई गड़बड़ी
- फेसबुक के 'हीरो', पढ़ाई में 'जीरो'
- झारखंड के निजी इंजीनियरिंग कॉलेजों को नहीं मिल रहे छात्र
- रांची विश्वविद्यालयःस्नातक प्रथम खंड के दर्जनों छात्र परीक्षा से वंचित
- तमिलनाडु में समान शिक्षा प्रणाली लागू करने का सुप्रीम कोर्ट का निर्देश
- छत्तीसगढ़ पीएमटी घोटाला : 31 में दो मेडिकल छात्र फर्जी, 29 की जांच जारी
- हिमाचलःएमडी/एमएस का परिणाम घोषित
- मुंबई यूनिवर्सिटीःअब अटेंडेंस के भी नंबर
- मध्यप्रदेशःछात्र नहीं बनना चाहते डेंटिस्ट,अगले महीने फिर होगी काउंसिलिंग
- गुरु घासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी का शार्ट अटेंडेंस मामला : रजिस्टर गलत, 253 छात्राएं नियमित
- यूपीःबीपीएड, डीपीएड वालों की गुहार एनसीटीई तक पहुंचाएगी सरकार
- यूपीःकेंद्र के समान वेतन-भत्ते को लेकर शिक्षकों-कर्मचारियों का धरना
- उत्तराखंडःइंजीनियरिंग कालेज में तृतीय व चतुर्थ श्रेणी पदों पर स्थानीय बेरोजगारों की भर्ती
- अजमेरःकम्प्यूटर ऑपरेटरों का मानदेय बढ़ा
- यूपीः12 के बाद नहीं जमा होगी बीएड फीस
- सीबीएसई में ऑनलाइन पंजीयन शुरू
- लखनऊःविभागीय गड़बड़ी से अटकी छात्रवृत्ति
- डीयूःओबीसी की आठवीं लिस्ट जारी,११ अगस्त तक होंगे दाखिले
दरभंगाःसंस्कृत विवि के बर्खास्त कर्मियों की होगी वापसी Posted: 10 Aug 2011 10:29 AM PDT कासिदसंवि मुख्यालय के 27 बर्खास्त शिक्षकेतर कर्मियों के मामले में उच्च न्यायालय पटना के सीडब्लूजेसी नम्बर 17521/2009 के पारित आदेश के आलोक में मृदुला मिश्रा की अदालत ने 2 अगस्त 2011 को बर्खास्तगी तिथि (29 जून 1998) से सेवा वापसी के साथ एरियर भुगतान करने एवं मृतक कर्मियों के आश्रितों को अनुकम्पा के लाभ के साथ-साथ एरियर व पेंशन का लाभ देने का आदेश विवि प्रशासन को दिया है। इस आशय का प्राप्त न्यायादेश के साथ बर्खास्त कर्मचारी संघ के संयोजक डॉ0 अनिल कुमार झा ने न्यायादेश के आलोक में अग्रेतर कार्रवाई हेतु आवेदन विवि प्रशासन को मंगलवार को दिया है। इस बावत पूछे जाने पर विधि पदाधिकारी डॉ0 धैर्यनाथ चौधरी ने कहा कि कुलपति डॉ0 अरविन्द कुमार पाण्डेय का सख्त निर्देश है कि न्यायादेश के आलोक में शीघ्रातिशीघ्र आवश्यक कार्रवाई की जाय। मालूम हो कि यह आदेश कर्मियों को लगभग 14 वर्षों के बाद प्राप्त हो सका है। पुनर्वापसी के निर्गत न्यायालीय आदेश के मुताबिक अनिल कुमार झा, शैलेस चन्द्र झा, लक्ष्मण मिश्रा, राजेन्द्र चौधरी, हरिशंकर झा, मिथिलेश कुमार लाल, श्याम झा, हरिमोहन झा, श्यामजी झा, फूलदेव झा, योगेन्द्र चौधरी, सतीश कुमार शर्मा, विजय कुमार सिन्हा, उमानाथ मिश्रा, धर्मनारायण झा, सुधीर झा, मणि शर्मा, जिवेरी देवी, वीणा देवी, नित्यानन्द झा, कौशल किशोर महतो, अशोक कुमार शर्मा, जगन्नाथ झा, सुदर्शन मिश्रा, अजरुन चौधरी, बैद्यनाथ झा एवं बिनोद शंकर झा के नाम शामिल है(राष्ट्रीय सहारा,दरभंगा,10.8.11)। |
बिहारःसचिवालय में रहना है तो बोलनी होगी अंग्रेजी Posted: 10 Aug 2011 10:22 AM PDT अगर आप बिहार प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारी हैं और अपना पदस्थापन सचिवालय में चाहते हैं तो आपके लिए फर्राटेदार अंग्रेजी बोलनी अनिवार्य होगी। अगर आपकी अंग्रेजी अच्छी नहीं है तो सचिवालय में आपकी तैनाती सम्भव नहीं हो सकेगी। दरअसल, राज्य सरकार मानती है कि बिहार में विकास के बदलते परिवेश, उससे जनित जटिल एवं चुनौतीपूर्ण वातावरण तथा जनसामान्य के सरकार से बढ़ती अपेक्षाओं के आलोक में बिहार प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारियों का कार्य काफी चुनौतीपूर्ण हो गया है। राज्य सरकार ने इन चुनौतियों के मद्देनजर बिहार प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारियों की कार्य क्षमता, दक्षता एवं योग्यता में वृद्धि करने के लिए समय-समय पर कुल तीन सेवाकालीन प्रशिक्षण प्रदान करने का पूरा कार्यक्रम और नीति तैयार कर ली है। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा तैयार किये गये इन कार्यक्रमों व नीतियों के तहत प्रशिक्षण का उद्देश्य बिहार प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारियों के 'कोर स्कील' में वृद्धि के साथ-साथ उनमें नेतृत्व का गुण, वित्तीय प्रबंधन, लोक प्रबंधन, सूचना का अधिकार, जन शिकायत, लोक सेवाओं का अधिकार, परियोजना प्रबंधन एवं कम्युनिकेशन आदि से सम्बन्धित व्यावसायिक गुणों को विकसित करना है। सरकार के स्तर पर उपयरुक्त परिपेक्ष्य में बिहार प्रशासनिक सेवा के पदादिकारियों को प्रशिक्षण प्रदान किये जाने का 'मॉडय़ुल' बनाया जाना विचाराधीन था। राज्य सरकार द्वारा विचारोपरांत राज्य सरकार द्वारा बिहार प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारियों के लिए प्रशिक्षण प्रदान करने की नीति व कार्यक्रम निर्धारित किये गये हैं। इसके लिए छह से दस वर्ष की सेवा पूरी करने वाले पदाधिकारियों, 11 से 15 वर्षो की सेवा पूरी करने वाले तथा 16 से 20 वर्षो की सेवा करने वाले पदाधिकारियों के लिए तीन स्तर पर विशेष प्रशिक्षण की व्यवस्था की गयी है। राज्य सरकार ने वैसे पदाधिकारियों, जिनकी सेवा 20 वर्षो से अधिक की हो गयी है, उन्हें एलबीएसएनएए, मसूरी या समकक्ष लब्धप्रतिष्ठित संस्थान में प्रशिक्षण प्राप्त करना अनिवार्य होगा। यह प्रशिक्षण उनकी प्रोन्नति के लिए भी अनिवार्य होगा। बिहार प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारियों के लिए तैयार सेवाकालीन प्रशिक्षण से सम्बन्धित नीति एवं कार्यक्रम के तहत पदाधिकारियों का स्थानांतरण एक विभाग से दूसरे विभाग में या क्षेत्रीय कार्यालय से विभाग में होने पर उप सचिव एवं उसके ऊपर के पदाधिकारी को आधे दिन का 'इंडक्शन कोर्स'दिया जायेगा, जिसमें पदाधिकारी को विभागों के कार्यकलाप के सम्बन्ध में संक्षिप्त जानकारी दी जायेगी। इसके लिए सभी विभागों द्वारा 'इंट्रैक्टिव ट्रेनिंग सीडी' तैयार किया जायेगा। बिहार प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारियों में अंग्रेजी भाषा एवं कम्प्यूटर में कमजोरी को ध्यान में रखते हुए 'आउटसोर्सिग' के माध्यम से 'इंग्लिश स्पीकिंग प्रोफिसिऐंसी' तथा कम्प्यूटर स्कील विकसित करने के लिए डीओईएसी द्वारा संचालित प्रशिक्षण संस्थाओं से प्रशिक्षण देकर उन कर्मियों को दूर किया जायेगा। ये दोनों विषय सचिवालय में पदस्थापना के लिए भी अनिवार्य होंगे। इन प्रशिक्षणों के अतिरिक्त विभाग-विशेष में पदस्थापित पदाधिकारियों को विभागीय कार्य के अनुकूल 'डिस्क्रेशनरी ट्रेनिंग' दिये जाने का प्रावधान है जो कम अवधि का होगा। साथ अपनी योग्यता एवं कौशल मेय वृद्धि चाहने वाले अधिकारियों को लब्धप्रतिष्ठित संस्थाओं यथा एनआईआरडी, एचसीएम, आरआईपीए, वाईएएसएचएडीए, एक्सएलआरआई, एमसीआरएचआरडी व एएससीआई आदि संस्थाओं से टाई-अप कर उन संस्थाओं में एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत मनोनीत कर भेजा जायेगा। साथ ही अन्य राज्यों बेस्ट प्रैक्टिसेज की गहराई से अध्ययन करने हेतु प्रोजेक्ट वर्क के लिए उन्हें अन्य राज्यों में भेजा जायेगा। इन अधिकारियों को अधिक से अधिक एक्सपोजर प्राप्त हो, इसके लिए उन्हें भारत सरकार की बैठकों में तथा अंतरराष्ट्रीय बैठकों में भी भेजा जायेगा। बिहार प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को प्रशिक्षण देने का दायित्व बिपार्ड का होगा। इसके लिए बिपार्ड के भौति आधारभूत संरचनाओं को सुदृढ़ किया जायेगा(राष्ट्रीय सहारा,पटना,10.8.11)। |
IT फर्मों ने अनुभवी लोगों की भर्ती में कमी की Posted: 10 Aug 2011 10:06 AM PDT देश की शीर्ष टेक कंपनियों ने अमेरिका के आर्थिक हालात की वजह से कर्मचारियों की संख्या कम करने या हायरिंग पर रोक लगाने की योजनाओं से इनकार किया है लेकिन रिक्रूटमेंट एजेंसियों और सेक्टर को ट्रैक करने वाले जानकारों का कहना है इन कंपनियों ने पहले ही अनुभवी प्रोफेशनल्स की नियुक्ति की रफ्तार धीमी कर दी है। देश में लगभग 30 लाख आईटी कर्मचारी हैं और दुनिया में आउटसोर्सिंग के सबसे बड़े बाजार अमेरिका में मंदी के किसी भी संकेत से इनका चिंतित होना लाजिमी है। हालांकि, विप्रो और कॉग्निजेंट जैसी टेक कंपनियों सहित उद्योग के संगठन नास्कॉम का कहना है कि एसएंडपी का अमेरिका की क्रेडिट रेटिंग घटाना सॉफ्टवेयर सेवाओं की मांग में कमी की भविष्यवाणी करने का पर्याप्त कारण नहीं है। देश की दूसरी सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर निर्यातक इंफोसिस के सीईओ एस गोपालकृष्णन ने कहा, 'पिछली मंदी की याद अभी बाकी है। हमें पता है क्या हुआ था। लेकिन क्या होगा इस बारे में कहना अभी जल्दबाजी होगी।' ईटी ने सेक्टर से जुड़े रिक्रूटरों, कंपनी के अधिकारियों और जानकारों से बात की और इनमें से किसी ने भी छंटनी का जिक्र नहीं किया। इनका कहना था कि अब कंपनियों का ध्यान कर्मचारियों के ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल पर है। टेक कंपनियां भविष्य में आउटसोर्सिंग की किसी भी मांग के लिए अपने कर्मचारियों का 20-30 फीसदी बेंच पर रखती हैं। जब संभावनाएं कमजोर होती हैं तो लाइव प्रोजेक्ट पर बेंच कर्मचारियों का अनुपात बढ़ जाता है। इससे प्रॉफिट मार्जिन को बढ़ाने के साथ ही काम के लिए ज्यादा इंजीनियरों की बिलिंग करने में मदद मिलती है। रिसर्च फर्म गार्टनर इंडिया के वाइस प्रेसिडेंट और एनालिस्ट पार्था आयंगर ने कहा कि मांग में अभी कोई कमजोरी नहीं दिखी है और हायरिंग की योजनाओं में कोई बदलाव नहीं है। जानकारों के मुताबिक कंपनियों ने जावा, डॉट नेट और सैप जैसी स्किल वाले अनुभवी कर्मचारियों की हायरिंग कम कर दी है। विप्रो के एक सीनियर एग्जिक्यूटिव ने कहा, 'सतर्कता भरा रवैया जरूर होगा, क्योंकि हमारा पूरी तरह बच पाना मुश्किल है। यह विशेषकर उन कंपनियों के लिए लागू होगा जिन्होंने बिना किसी योजना के अपने कर्मचारियों की संख्या बढ़ाई है।' बंगलुरु की माइंडट्री ने कहा कि वह लागत घटाने के लिए कैम्पस हायरिंग जारी रखेगी। कंपनी के सीएफओ रोस्तोव रावानन का कहना था, 'हम कैम्पस ऑफर का पालन करेंगे और इसमे जरा भी बदलाव नहीं होगा।' मा फोइ रैंडस्टैड के सीईओ ई बालाजी ने कहा, 'इस समाचार से सभी उद्योगों में अनिश्चितता है, लेकिन हमें यह देखने के लिए इंतजार करना होगा कि हायरिंग पर असर पड़ता है या नहीं।' आईटी कंपनियों ने खतरे की कोई घंटी बजाने से इनकार करते हुए कहा है कि उनकी हायरिंग की योजनाएं पटरी पर हैं। अधिकारियों का कहना है कि इस वर्ष ग्रेजुएट होने वाले इंजीनियरिंग के छात्रों को दिए गए ऑफर बरकरार हैं। कॉग्निजेंट और एमफेसिस का कहना है कि उनकी रिक्रूटमेंट की योजनाओं में कोई बदलाव नहीं होगा(देविना सेनगुप्ता और इंदू नंदकुमार,इकनॉमिक टाइम्स,बेंगलुरू,10.8.11)। |
नौकिरयां समेटने में जुट गईं अमेरिकी कंपनियां Posted: 10 Aug 2011 10:00 AM PDT कुछ अमेरिकी कंपनियां छोटी संख्या में सॉफ्टवेयर रोजगार अपने यहां रोक रही हैं। अमेरिका में रिकॉर्ड बेरोजगारी का उन्हें अहसास है। कंपनियों को यह भी पता है कि आउटसोर्सिंग को लेकर स्थानीय लोगों में कितनी नाराजगी है। टीसीएस, इंफोसिस और एचसीएल जैसी भारतीय आईटी कंपनियों पर इसका बहुत ज्यादा असर नहीं होगा। उन्हें लग रहा है कि अमेरिकी कंपनियां बड़े पैमाने पर ऐसा नहीं करेंगी। इसके बावजूद भारतीय आईटी कंपनियों के हाथ से कुछ काम निकल जाएगा। जनरल इलेक्ट्रिक (जीई) की चीफ इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी ऑफिसर चार्लीन बेगली ने एक इंटरव्यू में कहा कि उनकी कंपनी अपने आधे से ज्यादा आईटी कामकाज को आउटसोर्स करने की पुरानी रणनीति की समीक्षा कर रही है। जीई ने तीन साल में अमेरिका में 15 हजार नए रोजगार देने की बात कही है। इनमें से 1,100 को डेट्रॉयट आईटी सेंटर में काम मिलेगा। दुनिया की सबसे बड़ी रीटेल कंपनी वॉलमार्ट ने भी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म की डिजाइनिंग और डेवलपमेंट का काम कैलिफोर्निया के ब्रिसबेन सेंटर से करने का इरादा बनाया है। अब वह बंगलुरु में कैप्टिव टेक्नोलॉजी सेंटर नहीं खोलेगी। कंपनी के इस फैसले की जानकारी रखने वाले सूत्र ने यह बताया। वॉलमार्ट ने अपनी वेबसाइट पर हालिया जॉब पोस्टिंग में 150 नए टेक्नोलॉजी रोजगार का विज्ञापन दिया है। इन लोगों को बेंटनविल, अरकनसास में काम मिलेगा, कंपनी का हेडक्वार्टर यहीं है। सूत्र ने बताया, 'इसमें से कुछ काम, करीब 25 फीसदी वॉलमार्ट भारत में कैप्टिव सेंटर से कर सकती थी।' अमेरिका स्थित कंपनियों के कम से कम दर्जन भर एग्जिक्यूटिव्स और स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि और कंपनियां हाई एंड टेक्नोलॉजी रोजगार वापस लाएंगी। उन पर अमेरिका में रोजगार देने का स्थानीय लोगों की ओर से दबाव है। एक बड़ी अमेरिकी टेक्नोलॉजी कंपनी में काम करने वाले शीर्ष अधिकारी ने बताया, 'जीई जैसी कंपनियों पर सामाजिक दबाव है। उन्हें स्थानीय स्तर पर रोजगार का सृजन करके यह दिखाना होगा कि जीई इस मामले में गंभीर है। लंबे समय से ऐसी कंपनियां अपने आर्थिक हित में काम कर रही थीं और इसका उन्हें फायदा भी हुआ है।' उन्होंने नाम नहीं छापने की शर्त पर यह जानकारी दी। जीई उनकी कंपनी के शीर्ष ग्राहकों में शामिल है। जनवरी में जीई के चेयरमैन और सीईओ ज्यॉफ्री आर इमेल्ट को रोजगार और प्रतिस्पर्धा पर राष्ट्रपति ओबामा के आयोग का प्रमुख बनाया गया था। इस समिति में जेरॉक्स, इंटेल और कई बड़ी कंपनियों के लीडर भी शामिल हैं। एचसीएल टेक्नोलॉजीज के सीईओ विनीत नायर ने बताया, 'बाजार में नए रोजगार पैदा करने का दबाव है। इसके साथ टेक्नोलॉजी से आमदनी बढ़ाने में मदद की मांग भी की जा रही है। इन वजहों से नए ऑनसाइट रोजगार पैदा होंगे। एक अच्छे कॉरपोरेट के तौर पर आपको स्थानीय स्तर पर नए रोजगार पैदा करने होंगे।' उन्होंने जीई की रणनीति के बारे में टिप्पणी करने से मना कर दिया लेकिन यह कहा कि ग्राहक कंपनियां वेंडरों से भी इसमें मदद मांग रही हैं। नायर ने कहा, 'मिसाल के तौर पर अगर आप यह देखें कि एचसीएल में क्या हो रहा है तो हम ग्राहकों के साथ को-सोर्सिंग डील कर रहे हैं। इससे करीब 9,000 ऐसे लोग हमारे साथ जुड़ गए हैं, जो पहले क्लाइंट कंपनी में काम करते थे।'(पंकज मिश्रा,इकनॉमिक टाइम्स,बेंगलुरू,10.8.11) |
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्डःइण्टरव्यू के दौरान लगेगा सीसीटीवी कैमरा Posted: 10 Aug 2011 09:59 AM PDT उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड पारदर्शिता बनाये रखने के लिए इंटरव्यू के दौरान सभी कमरों में सीसी टीवी कैमरे लगाएगा। पैनल में शामिल लोग और अभ्यर्थी कमरे में क्या कर रहा है। किस तरह के प्रश्न पूछे जा रहे है और उसका क्या जवाब आ रहा है। यह सब चयन बोर्ड की बिल्डिंग के हाल में बैठे लोग सीसी टीवी पर आराम से देख सकेंगे। इसके पूर्व चयन बोर्ड में इंटरव्यू को लेकर चयन बोर्ड के अध्यक्ष, सचिव और सदस्यों पर गंभीर आरोप लगे है। टीजीटी, पीजीटी परीक्षा के दौरान कई बदलाव किये गये लेकिन चयन बोर्ड अभ्यर्थियों में अपनी पारदर्शिता नहीं बना पाया। इसको लेकर चयन बोर्ड के नवनियुक्त अध्यक्ष डा. आरपी वर्मा और सचिव शेषमणि पाण्डेय पहले से ही गंभीर थे। मंगलवार की शाम चयन बोर्ड की बैठक हुई। इसमें लंबित मामलों के शीघ्र निस्तारण पर जोर दिया गया। सभी ने एक स्वर में कहा कि पारदर्शिता को प्रमुखता दी जाय। इसलिए जरूरी है कि अध्यक्ष और सचिव जो भी कदम उठायेंगे सदस्य उसका समर्थन करेंगे। इस पर निर्णय हुआ कि चयन बोर्ड की बिल्डिंग में कैमरा लगेगा। यह कैमरे पीजीटी के इण्टरव्यू शुरू होने से पहले लग जायेगें जिससे कि अभ्यर्थियों को चयन प्रक्रिया पर किसी प्रकार की आपत्ति न होने पाये। चयन बोर्ड के अध्यक्ष डा आर पी वर्मा ने कहा कि चयन बोर्ड में पारदर्शिता को विशेष महत्व दिया जा रहा है जिससे कि अभ्यर्थियों और उनके अभिभावकों को किसी प्रकार की दिक्कत न होने पाये। उन्होंने कहा कि सभी इण्टरव्यू सीसी टीवी कै मरे की जद में होगें। इससे किसी भी प्रकार के गड़बड़ी की संभावना नहीं रहेगी और लोगों की निगाह में चयन बोर्ड की विसनीयता बढ़ेगी(राष्ट्रीय सहारा,इलाहाबाद,10.8.11)। |
यूपीःबीएड में दो हजार सीटें खाली Posted: 10 Aug 2011 09:54 AM PDT बीएड की ऑन लाइन काउंसलिंग मंगलवार को खत्म हो गयी। अंतिम दिन 3306 अभ्यर्थियों ने अपनी च्वाइस लॉक की, इनमें राजधानी के पांचों केन्द्र पर 261 अभ्यर्थियों ने कालेजों के विकल्प भरे हैं। इन्हें एलाटमेंट लेटर बुधवार को दिये जाएंगे और फीस जमा करने के लिए 12 अगस्त तक की मोहलत होगी। इसके बाद फीस जमा नहीं की जा सकेगी और सीट आवंटन भी रद हो जाएगा। ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया के प्रभारी प्रो. पवन अग्रवाल ने बताया कि यहां के पांचों ऑन लाइन काउंसलिंग केन्द्रों पर 301 अभ्यर्थियों ने पंजीकरण कराया था। अंतिम दिन मेरठ व आगरा विवि से सहयुक्त बीएड कालेजों की विज्ञान वर्ग की सीटों पर प्रवेश के लिए अभ्यर्थियों ने अपनी किस्मत लॉक की। अंतिम दो दिनों में प्रवेश पाने वाले अभ्यर्थियों को आवंटित महाविद्यालय के पक्ष में निर्धारित धनराशि की फीस 12 अगस्त तक जमा करनी होगी। उन्होंने बताया कि इसके बाद अभ्यर्थी आवंटन निरस्त कर दिया जाएगा और ग्रुप मेरिट के जरिये भरने की प्रक्रिया शुरू होगी। बीएड की 2000 सीटें अभी भी खाली रह गयी हैं। इसके लिए पांच हजार अभ्यर्थियों की संयुक्त मेरिट बनेगी और आवंटित महाविद्यालय में छात्र को हर हाल में प्रवेश लेना पड़ेगा(राष्ट्रीय सहारा,लखनऊ,10.8.11)। |
लखनऊ विवि में इस साल दीक्षांत समारोह नहीं Posted: 10 Aug 2011 09:52 AM PDT लखनऊ विविद्यालय में इस वर्ष दीक्षांत समारोह नहीं हो सकेगा। विविद्यालय के स्नातक-परास्नातक और पीएचडी को मिलाकर करीब 16 हजार से ज्यादा छात्र-छात्राओं को उपाधियों को लिए अगले वर्ष तक इंतजार करना होगा। विविद्यालय ने दीक्षांत समारोह के लिए राज्यपाल से समय मांगा था, तो वर्ष 2011 में राज्यपाल से विविद्यालय को समय नहीं मिला है। प्रमुख सचिव राज्यपाल ने विविद्यालय के कुलपति प्रो. मनोज कुमार मिश्र को मंगलवार को पत्र भेजकर राज्यपाल से 9 फरवरी 2012 को दीक्षांत समारोह आयोजित कराने की मंजूरी भेज दी है। राजभवन से समय मिलने के बाद अब कुलपति प्रो. मिश्र ने परीक्षा नियंत्रक, डिप्टी रजिस्ट्रार और प्रतिकुलपति से जरूरी मंतण्रा के लिए लिखा है। उल्लेखनीय है कि विविद्यालय ने 2009-10 का दीक्षांत समारोह 27 नवम्बर 2010 को आयोजित किया गया था। इसमें प्रधानंमत्री के आर्थिक सलाहकार पद्म विभूषण कौशिक वसु शामिल हुए थे, लेकिन अब 2010-11 का दीक्षांत समारोह अगले वर्ष के लिए टल गया है। इस दौरान सभी रिजल्ट आने के बाद भी छात्र-छात्राओं को उपाधियों के लिए 9 फरवरी 2012 का इंतजार करना पड़ेगा। लखनऊ विविद्यालय में अकेले स्नातक कक्षाओं में 4 हजार और परास्नातक कक्षाओं में दो हजार से ज्यादा डिग्री हर सत्र में दी जाती है। पीएचडी व डीलिट मिलाकर एक हजार छात्रों को सालाना उपाधि दे दी जाती है। लविवि से सम्बद्ध 107 कालेजों में अधिकांश में एक सत्र पूरा होने पर उनकी संख्या भी 6000 से ऊपर जा सकती है। विधि स्नातक की 1800 छात्रों को भी हर वर्ष उपाधियां प्रदान की जाती हैं। सभी कालेजों को मिलाकर सीटों की संख्या अब 20 हजार से ऊपर जा चुकी है। ऐसे में शैक्षिक सत्र 2010-11 के अभ्यर्थियों को अपनी डिग्री के लिए करीब डेढ़ वर्ष तक का इंतजार करना होगा। उल्लेखनीय है कि दीक्षांत समारोह में उपाधियां व मेडल कुलाधिपति राज्यपाल के हाथों वितरित होती हैं। इसके मद्देनजर तिथि निर्धारण में राज्यपाल की उपलब्धता विशेष रहती है। राजभवन से तिथि मिलने के बाद ही दीक्षांत समारोह का मुख्य अतिथि तय होता है और मेडल चयन की प्रक्रिया आगे बढ़ती है। सूत्रों का कहना है कि यूपी में विधानसभा चुनावों का एलान हो गया तो लविवि की दीक्षांत समारोह भी खटाई में पड़ सकता है,हालांकि विविद्यालय के अधिकारी चुनाव से दीक्षांत समारोह पर असर की बात नहीं मान रहे हैं। लखनऊ विविद्यालय ने छह जून को राज्यपाल से दीक्षांत समारोह के लिए समय और मंजूरी मांगी थी, लेकिन उन्हें वर्ष 2011 में कोई समय नहीं मिल सका(कमल तिवारी,राष्ट्रीय सहारा,लखनऊ,10.8.11)। |
हिन्दू कॉलेज में स्पोर्ट्स व ईसीए कोटे के दाखिलेःडीयू ने प्रथम दृष्ट्या पाई गड़बड़ी Posted: 10 Aug 2011 09:38 AM PDT हिन्दू कॉलेज में खेल और ईसीए कोटे के दाखिलों को लेकर मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। विविद्यालय प्रशासन ने इस मामले में कॉलेज को भेजे अपने जवाब में कहा है कि कॉलेज में इन कोटों की दाखिला प्रक्रिया में प्रथम दृष्टया गड़बड़ी पाई गई है, इसलिए कॉलेज प्रशासन आवश्यक कार्रवाई करे। कॉलेज प्रशासन अब बुधवार को प्रबंध समिति की बैठक में विविद्यालय के पत्र को रखेगा। उधर, स्पोर्ट्स व ईसीए कोटे से दाखिले के लिए ट्रायल दे चुके एक छात्र के अभिभावक ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। हाईकोर्ट ने इस मामले में डीयू व कॉलेज को नोटिस देकर जवाब मांगा है। गौरतलब है कि हिंदू कॉलेज को छोड़कर डीयू के लगभग सभी कॉलेजों में खेल और ईसीए कोटे की दाखिला प्रक्रिया खत्म हो चुकी है। दरअसल, कॉलेज में इन कोटों से दाखिला प्रक्रिया पूरी होने के बाद कुछ शिकायतें आई थीं, जिसके कारण कॉलेज ने एडमिशन लिस्ट 12 जुलाई से रोक रखी है। उधर, इन कोटों से जुड़े विद्यार्थी और अभिभावक लगातार कॉलेज के चक्कर काट रहे हैं। अभिभावकों का कहना है कि यदि 12 जुलाई को दाखिला सूची बन चुकी थी, तो उसके एक दो दिन बाद ही यह नोटिस जारी कर जांच कमेटी बैठा देनी चाहिए थी। आखिर कॉलेज ने इतनी देरी क्यों की। अभिभावकों का कहना है यदि अब उनके बच्चों को कॉलेज में दाखिला नहीं मिला तो कहीं और नहीं मिलेगा। गौरतलब है कि डीयू के कॉलेजों में दाखिले की अंतिम तिथि 31 अगस्त है। हिन्दू कॉलेज में ईसीए कोटे का प्राथमिक ट्रायल 4, 5 व 6 जुलाई को लिया गया था। इसके बाद फाइनल ट्रायल 8 और 9 जुलाई को लिया गया था। फाइनल सूची तैयार होकर 12 जुलाई को घोषित होनी थी। इसी प्रकार खेल कोटे के ट्रायल भी हुए थे। लेकिन दोनों की सूची जारी नहीं की गई। अभिभावक जब कॉलेज पहुंचे तो उन्हें बताया गया कि दाखिला प्रक्रिया में गड़बड़ी की शिकायतों के कारण लिस्ट रोकी गई है(राष्ट्रीय सहारा,दिल्ली,10.8.11)। |
फेसबुक के 'हीरो', पढ़ाई में 'जीरो' Posted: 10 Aug 2011 09:34 AM PDT विभर में लोकप्रियता के झंडे गाड़ रही सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट फेसबुक बच्चों की सीखने की प्रक्रि या को नुकसान पहुंचा रही है और उन्हें ज्यादा अवसादग्रसित कर रही है। अमेरिका में हुए एक ताजा शोध से पता चला है कि मिडिल स्कूल, हाई स्कूल और कालेज के ऐसे बच्चे जो अपनी 15 मिनट की पढ़ाई के दौरान कम से कम एक बार फेसबुक देखते हैं, परीक्षा में उनके नंबर कम आते हैं। अन्य अध्ययनों के मुताबिक जो किशोर फेसबुक पर सक्रि य रहते हैं वह ज्यादा अंतमरुखी हो जाते हैं। शोध के अनुसार फेसबुक के आदी वयस्कों में अन्य मनोवैज्ञानिक समस्याएं पाई जाती हैं। इसी तरह मीडिया और तकनीक दोनों का इस्तेमाल करने वाले किशोरों में चिड़चिड़ापन और अवसाद बढ़ जाता है। अमेरिकी मनोवैज्ञानिक संघ के 119 वें वाषिर्क सम्मेलन में प्रोफेसर लैरी रोसन ने अपने शोध में इस बात की जानकारी दी। इस बुरी खबर के बीच शोध में एक अच्छी खबर भी है । फेसबुक और अन्य तकनीकों पर बच्चों के बचपन को खत्म करने के आरोप लगते रहे हैं लेकिन शोध के मुताबिक ये वेबसाइटें बच्चों को अपनी पहचान बनाने में मदद करती हैं(राष्ट्रीय सहारा,दिल्ली,10.8.11)। |
झारखंड के निजी इंजीनियरिंग कॉलेजों को नहीं मिल रहे छात्र Posted: 10 Aug 2011 09:23 AM PDT प्रदेश में इंजीनियरिंग कॉलेजों की आधारभूत संरचना, लेट सेशन, प्लेसमेंट की कमी और बेहतर फैकल्टी की कमी की वजह से झारखंड के छात्र यहां के इंजीनियरिंग कॉलेजों में एडमिशन लेना नहीं चाहते। प्रदेश के निजी इंजीनियरिंग कॉलेजों की 70 फीसदी सीटें सत्र 2011-12 में खाली रह गई हैं। छात्र प्रदेश के इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन लेने की बजाए दूसरे राज्य में एडमिशन लेना पसंद कर रहे हैं। यहीं वजह है कि 21 दिनों तक चली पहली काउंसलिंग के बाद भी मात्र 11 सौ छात्रों ने ही एडमिशन के लिए काउंसलिंग के बाद आवेदन दिए। राज्य के 13 इंजीनियरिंग कॉलेजों में कुल सीटों की संख्या 4230 है। इसमें 2816 सीटें खाली रह गई हैं। झारखंड संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा पर्षद के अधिकारियों का कहना है कि अभी और भी छात्र अपना नाम एडमिशन से वापस लेंगे। इससे और सीटें खाली होंगी। इंजीनियरिंग के लिए दूसरी काउंसलिंग 20 अगस्त से शुरू होगी। इसके लिए पर्षद की ओर से सूचना जारी की जाएगी। बहुत से स्टूडेंट्स ऐसे भी हैं, जो एडमिशन के लिए कंफर्मेशन देने के बाद भी अपना नाम वापस करेंगे। इससे खाली सीटों की संख्या और बढ़ेगी। इसको लेकर नई नीति बनाने की कोशिश की जा रही है। ओम प्रकाश कुमार, प्रशासी पदाधिकारी, जेसीईसीईबी(राजीव गोस्वामी,दैनिक भास्कर,रांची,10.8.11) |
रांची विश्वविद्यालयःस्नातक प्रथम खंड के दर्जनों छात्र परीक्षा से वंचित Posted: 10 Aug 2011 09:20 AM PDT रांची विश्वविद्यालय में स्नातक प्रथम खंड की परीक्षा चल रही है। लापरवाही के कारण दर्जनों छात्र परीक्षा से वंचित रह गए। छात्रों का कहना था कि एग्जाम प्रोग्राम समझने में हुई गलती के कारण परीक्षा छूटी है। मंगलवार को परीक्षा से वंचित छात्र विवि मुख्यालय पहुंचे। प्रतिकुलपति डॉ. वीपी शरण से मिलकर पुनर्परीक्षा आयोजित कराने की मांग की। प्रोवीसी ने परीक्षा से वंचित छात्रों को फटकार लगाते हुए कहा कि आप स्नातक में पढ़ते हैं और परीक्षा कार्यक्रम समझ नहीं आता है। यह है मामला : स्नातक प्रथम खंड कला में इकोनॉमिक्स और वाणिज्य में प्रिंसिपल इकोनॉमिक्स की पढ़ाई होती है। एक अगस्त को इकोनॉमिक्स और नौ को प्रिंसिपल इकोनॉमिक्स की परीक्षा थी। कन्फ्यूजन के कारण कला के छात्र एक अगस्त की परीक्षा के बदले नौ अगस्त की परीक्षा देने पहुंचे थे। केंद्र पर पहुंचने के बाद उन्हें गलती का एहसास हुआ। परीक्षा बोर्ड में होगा निर्णय परीक्षा से वंचित छात्रों को आवेदन देने को कहा गया है। छात्रों की खुद की गलती के कारण परीक्षा छूटी है। पुनर्परीक्षा संबंधी निर्णय बोर्ड की बैठक में होगा। डॉ. वीपी शरण, प्रोवीसी, रांची विवि(दैनिक भास्कर,रांची,10.8.11) |
तमिलनाडु में समान शिक्षा प्रणाली लागू करने का सुप्रीम कोर्ट का निर्देश Posted: 10 Aug 2011 08:57 AM PDT सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु की जयललिता सरकार को झटका देते हुए राज्य के सभी स्कूलों में समान शिक्षा प्रणाली (समाचीर कालवी योजना) लागू करने के निर्देश दिए हैं। शीर्ष अदालत ने मंगलवार को पिछली द्रमुक सरकार द्वारा लागू योजना को खत्म करने की याचिका खारिज कर दी। न्यायमूर्ति जेएम पांचाल, दीपक वर्माऔर बीएस चौहान की तीन सदस्यीय पीठ ने इस व्यवस्था के पक्ष में मद्रास हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए यह निर्देश जारी किया। पीठ ने कहा कि कोई भी नई सरकार राजनीतिक कारणों के चलते पिछली सरकार के योजनागत फैसलों को नहीं बदल सकती। जया सरकार की दलील थी कि द्रमुक सरकार द्वारा लागू समान स्कूली शिक्षा प्रणाली (संशोधन) अधिनियम स्तरहीन, गुणवत्ताविहीन और राजनीति से प्रेरित था। न्यायमूर्ति चौहान ने कहा कि पीठ ने स्कूली शिक्षा की समान व्यवस्था बरकरार रखने के लिए 22 कारण गिनाए हैं। न्यायालय ने राज्य सरकार की सभी याचिकाएं खारिज करते हुए आदेश दिया कि यह अधिनियम 10 दिन के अंदर लागू किया जाए। साथ ही पीठ ने कहा कि अगर न्यायालय किसी अधिनियम का अनुमोदन कर देती है, तो सरकार न्यायिक फैसले को प्रभावित करने के लिए दूसरे रास्तों का इस्तेमाल नहीं कर सकती। हालांकि, कोर्ट ने यह भी कहा कि फैसले से सार्वजनिक स्तर पर उलटा असर पड़ रहा हो या यह गैर- उपयोगी हो, तो बात दूसरी है। पीठ ने कहा कि किसी व्यक्ति या पार्टी का राजनीतिक एजेंडा कानून से बढ़कर नहीं हो सकता। राज्य सरकार ने हाई कोर्ट के 18 जुलाई के फैसले को चुनौती देते हुए कहा था कि द्रमुक सरकार द्वारा तैयार कराई गई पुस्तकों में पूर्व मुख्यमंत्री एम. करुणानिधि और उनके परिवार के बारे में अध्याय जोड़े गए हैं। अन्नाद्रमुक प्रमुख जयललिता ने राज्य की कमान संभालने के तुरंत बाद इस अधिनियम पर एक संशोधन पेश करते हुए कहा था कि यह पाठ्यक्रम द्रमुक सरकार के राजनीतिक हितों को साधता है। राज्य में दसवीं तक के 1.2 करोड़ से ज्यादा छात्र हैं। द्रमुक प्रमुख एम. करुणानिधि ने इस फैसले को तीन माह पुरानी जयललिता सरकार के लिए माकूल सबक बताया। उन्होंने कहा कि अडि़यल अन्नाद्रमुक सरकार ने समान स्कूली शिक्षा प्रणाली को पिछली द्रमुक सरकार द्वारा लागू करने के कारण नजरअंदाज कर दिया था। भाकपा और माकपा ने भी आदेश का स्वागत करते हुए कहा है कि राज्य सरकार को इसे तत्काल लागू कर देना चाहिए। दोनों दलों ने अन्नाद्रमुक के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था। इस प्रणाली को लागू करने के लिए समर्थन देने वाली पीएमके के संस्थापक एस रामदास ने कहा कि जो लोग विद्यार्थियों के 70 कार्यदिवसों और करदाताओं के 500 करोड़ रुपये के नुकसान के लिए जिम्मेदार हैं, उन्हें अपनी नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे देना चाहिए। द्रमुक नेता एमके स्टालिन ने कहा कि सरकार को इसे फौरन लागू करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह छात्रों की जीत है(दैनिक जागरण,राष्ट्रीय संस्करण,10.8.11)। |
छत्तीसगढ़ पीएमटी घोटाला : 31 में दो मेडिकल छात्र फर्जी, 29 की जांच जारी Posted: 10 Aug 2011 08:55 AM PDT पंडित जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के 31 संदिग्ध चिकित्सा छात्रों में दो और फर्जी निकल गए। दोनों छात्रों के फोटो और हस्ताक्षर से ही उनके फर्जी होने की पुष्टि हो गई। शेष 29 छात्रों के थंब इंप्रेशन (अंगूठों के निशान) की अब नए सिरे से जांच होगी। फॉरेंसिक विभाग ने नए सिरे से अंगूठों की जांच के लिए तीन अलग-अलग स्टाइल से लिए जाने के निर्देश दिए हैं। सीआईडी की टीम इसी महीने मेडिकल कॉलेज पहुंचकर छात्रों के अंगूठों के निशान लेगी। सीआईडी ने 20 दिन पहले मेडिकल कॉलेज से 31 छात्रों के फोटो, हस्ताक्षर और अंगूठों के निशान लिए थे। इन छात्रों पर शक है कि पीएमटी में इनके बदले दूसरे विद्यार्थी शामिल हुए थे। संदेह के आधार पर सभी छात्रों को जांच के लिए राजधानी के एफएसएल (फॉरेंसिक साइंस लैब) को भेजा गया। वहां फोटो और हस्ताक्षर की जांच में ही दो की गड़बड़ी उजागर हो गई। उनके अंगूठे के निशान भी गोलमोल पाए गए। बाकी बचे 29 के फोटो और हस्ताक्षर का मिलान पूरा हो गया है, लेकिन अंगूठों के निशान में कंफ्यूजन है। लिहाजा इस कंफ्यूजन को दूर करने के लिए थंब इंप्रेशन नए सिरे से लिए जाने के निर्देश दिए गए हैं। अंगूठों के निशान अब दाएं-बाएं और खड़ा रखकर तीन तरह से लिए जाएंगे। 10 छात्रों की गिरफ्तारी के लिए पत्र : सीआईडी ने जिन 13 छात्रों के फर्जीवाड़े का पूर्व में खुलासा किया था, उनमें तीन गिरफ्तार किए जा चुके हैं। शेष बचे 10 छात्रों की गिरफ्तारी के लिए आरोपियों के संबंधित जिला पुलिस अधीक्षकों को पत्र लिखा गया है। ये सभी छात्र फरार हैं। न तो इन्होंने कॉलेज में उपस्थिति दी है और न ही ये अपने घरों में हैं। सीआईडी की अब तक की जांच पहली जांच- 2007-2008 पीएमटी के जरिए दाखिला लिए छात्रों की जांच में तीन छात्र फर्जी निकले। इनमें दो टॉपर थे। उनकी गिरफ्तारी भी सीआईडी ने करवाई। इनमें से 10 छात्र भाग निकले, जिनकी तलाश जारी है। दूसरी जांच- रायपुर मेडिकल कॉलेज में पढ़ रहे छात्र और व्यापमं से मिली सूची में 32 संदेही छात्र निकले। इनमें से एक ने न फार्म भरा था और न ही एडमिशन लिया। अब उसे जांच से बाहर कर 31 के फोटो, हस्ताक्षर और अंगूठों को फिर से जांच के लिए भेजा। तीसरी जांच- 31 में से दो के फर्जी होने की पुष्टि के बाद अब 29 छात्रों की फिर से जांच होगी। इन 29 छात्रों के भेजे गए अंगूठों के निशान स्पष्ट नहीं है। लिहाजा नए सिरे से अंगूठे का निशान लेकर एफएसएल को भेजा जाएगा। फिल्म मुन्नाभाई का रिमेक गौरतलब है कि पूरा फर्जीवाड़ा मुन्नाभाई एमबीबीएस फिल्म की तरह किए जाने का अंदेशा है। फिल्म में जिस तरह संजय दत्त के बदले दूसरा डाक्टर पीएमटी में शामिल होता है, ठीक उसी तरह इन विद्यार्थियों के स्थान पर दूसरे राज्यों से आकर वहां के टॉपरों ने पीएमटी दी थी। सलेक्शन होने के बाद अब वही छात्र मेडिकल कॉलेज में डाक्टरी की पढ़ाई कर रहे हैं। व्यावसायिक परीक्षा मंडल ने पीएमटी के दौरान परीक्षा हॉल में विद्यार्थियों के अंगूठे का निशान लिया था। उसी निशान का मिलान नए सिरे से करने के लिए विद्यार्थियों के थंब इंप्रेशन फिर से लिए गए। अब नए सिरे से अंगूठों की जांच के बाद सारे फर्जीवाड़े का पर्दाफाश हो जाएगा(दैनिक भास्कर,रायपुर,10.8.11)। |
हिमाचलःएमडी/एमएस का परिणाम घोषित Posted: 10 Aug 2011 08:53 AM PDT 8110002-165 8110003-123 8110004-128 8110005-121 8110006-158 8110007-133 8110008-102 8110010-146 8110012-120 8110014-137 8110015-120 8110016-134 8110017-084 8110018-060 8110019-091 8110022-149 8110024-132 8110025-143 8110026-063 8110027-144 8110029-145 8110032-108 8110033-099 8110034-157 8110036-142 8110037-090 8110038-114 8110040-149 8110041-094 8110042-156 8110043-149 8110045-164 8110047-152 8110048-159 8110050-150 8110051-088 8110054-169 8110055-108 8110056-082 8110057-151 8110059-142 8110060-103 8110061-155 8110064-072 8110065-171 8110066-166 8110067-073 8110068-142 8110069-099 8110070-076 8110071-141 8110072-100 8110074-120 8110077-154 8110078-155 8110079-119 8110081-131 8110082-067 8110083-079 8110084-163 8110085-128 8110086-133 8110087-097 8110090-099 8110092-077 8110093-123 8110094-150 8110095-090 8110096-098 8110097-123 8110101-045 8110103-163 8110105-164 8110106-137 8110109-147 8110110-133 8110111-171 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मुंबई यूनिवर्सिटीःअब अटेंडेंस के भी नंबर Posted: 10 Aug 2011 08:41 AM PDT शहर में 130 से ज्यादा अंडर ग्रेजुएट कॉलेज हैं। इनमें से 10 फीसदी कॉलेजों में ही 70-80 फीसदी अटेंडेंस रहती है। बाकी 90 फीसदी में फर्स्ट ईयर को छोड़ किसी भी क्लास में 40 फीसदी से ज्यादा स्टूडेंट्स रेगुलर नहीं आते। इसी को देखते हुए यूजीसी और नेक की सिफारिश पर यह सिस्टम लागू किया गया है। मुंबई यूनिवर्सिटी ने सभी कॉलेजों में इसे लागू कर दिया है, जबकि हमारे यहां यूनिवर्सिटी के इन दो डिपार्टमेंट ने ही पहल की है। कोशिश है कि स्टूडेंट्स का क्लास में इन्वाल्वमेंट बढ़े। वे अपनी जरूरत और पसंद के हिसाब से विषय चुन सकें। कम्प्यूटर साइंस के डॉ. ए.के. रमानी का कहना है क्रेडिट सिस्टम में विषय चुनने की आजादी से स्टूडेंट्स की पढ़ने में रुचि बढ़ेगी। इसमें मनचाहे कॉलेज में पढ़ने का भी प्रावधान है। फिलहाल यूनिवर्सिटी के कम्प्यूटर साइंस डिपार्टमेंट और इलेक्ट्रॉनिक्स डिपार्टमेंट्स के स्टूडेंट्स दोनों में से कहीं भी क्लास अटेंड कर सकते हैं। यह है क्रेडिट सिस्टम क्रेडिट सिस्टम में स्टूडेंट्स को अटेंडेंस, टेस्ट, प्रोजेक्ट सहित अन्य गतिविधियों के भी नंबर यानी क्रेडिट दिए जाएंगे। स्कूलों में चलने वाले सीसीई पैटर्न की तरह ये मॉर्क्स स्टूडेंट्स के फाइनल रिजल्ट में जुड़ेंगे। इसके अलावा स्टूडेंट्स किसी कोर्स में मनचाहे विषय ले सकेगा। जैसे एमबीए फॉरेन ट्रेड का स्टूडेंट इकोनॉमिक्स भी पढ़ सकेगा। ऐसे काम करेगा क्रेडिट सिस्टम - कोर्सेस में मनचाहे विषय पढ़ने की आजादी। - एक से अधिक कॉलेजों में लेक्चर अटेंड करने की इजाजत। - अटेंडेंस और क्लास में एक्टिव रहने के मार्क्स मिलेंगे। - प्रोजेक्ट और रिसर्च के लिए अलग से मार्क्स। ये फायदा होगा - जरूरत के अनुसार पढ़ाई कर सकेंगे। - विषय एक्सपर्ट की कमी का असर कम होगा। - किसी भी देश, राज्य या शहर बदलने पर क्रेडिट ट्रांसफर। ये बदलाव करना होंगे - क्लासेस को और रुचिकर बनाना होगा। - सिस्टम के लिए नई एक्टिविटी बनाना होगी। - वैल्यूएशन सिस्टम में संशोधन करना होगा। - क्रेडिट के आधार तय करना होंगे। फर्स्ट ईयर में ही आते हैं 01 यूनिवर्सिटी 130 पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज 70 हजार से ज्यादा स्टूडेंट्स 75 फीसदी उपस्थिति सिर्फ फर्स्ट ईयर में 40 फीसदी अन्य सालों में(गजेंद्र विश्वकर्मा,दैनिक भास्कर,मुंबई,10.8.11)। |
मध्यप्रदेशःछात्र नहीं बनना चाहते डेंटिस्ट,अगले महीने फिर होगी काउंसिलिंग Posted: 10 Aug 2011 08:39 AM PDT प्रदेश के विद्यार्थियों में डेंटिस्ट बनने को लेकर रुझान तेजी से कम होता जा रहा है। सरकारी डेंटल कॉलेज में दाखिले का अवसर मिले, तब भी वे तैयार नहीं हैं। यही कारण है कि प्रदेश के सरकारी डेंटल कॉलेज में बीडीएस की 60 फीसदी सीटें खाली रह गई हैं। पीएमटी काउंसलिंग में शामिल होने वाले उम्मीदवारों की मानसिकता में यह बदलाव इसी साल हुआ है, जिसकी पुष्टि पीएमटी काउंसलिंग की क्लोजर रिपोर्ट ने भी की है। रिपोर्ट के मुताबिक इंदौर स्थित प्रदेश के 40 सीटों वाले सरकारी डेंटल कॉलेज में काउंसलिंग के बाद 24 सीटें खाली रह गई हैं, जबकि पिछले साल तक पहले दौर की काउंसलिंग में ही ये सीटें भर जाती थीं। चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारी विद्यार्थियों की पसंद में आए इस बदलाव के लिए सरकार को जिम्मेदार मानते हैं। उनका तर्क है कि बीडीएस डिग्री धारक विद्यार्थी को न तो सरकारी नौकरी मिलती है और न ही प्राइवेट प्रैक्टिस के लिए सही मौके। वहीं एमबीबीएस पूरा करने के तुरंत बाद छात्र को सरकारी नौकरी मिल जाती है। इसके अलावा इन विद्यार्थियों के पास सरकारी नौकरी छोड़कर प्राइवेट प्रैक्टिस का विकल्प भी रहता है। इस कारण विद्यार्थी अब बीडीएस नहीं करना चाहते। इधर सरकार ने खाली रहीं 24 सीटें भरने के लिए सितंबर में दूसरे दौर की काउंसलिंग कराने का फैसला किया है। नहीं मिलता रोजगार मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के रिटायर्ड कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. बीसी छपरवाल ने बताया कि बीडीएस को लेकर विद्यार्थियों के घट रहे रुझान घटने की वजह डिग्री के बाद रोजगार न मिलना है। उन्होंने बताया कि बीई, बीटेक, बीबीए के बाद डिग्री धारक को प्राइवेट नौकरी मिल जाती है, लेकिन बीडीएस विद्यार्थी के साथ ऐसा नहीं होता। उन्होंने बताया कि सरकार को चाहिए कि वह सरकारी अस्पतालों में डेंटिस्ट के पद स्वीकृत कर डिग्री धारकों को रोजगार उपलब्ध कराए। तभी डेंटिस्ट्री के प्रति विद्यार्थियों का रुझान बढ़ेगा। सरकारी डेंटल कॉलेज में 24 सीटें खाली सरकारी अस्पतालों में खाली हैं डेंटिस्ट के 69 पद : प्रदेश के 50 जिला अस्पतालों में दंत शल्य चिकित्सक (डेंटिस्ट) के 144 पद हैं, जिनमें से 69 पद 5 साल से खाली पड़े हैं। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के मुताबिक सभी खाली पद आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों के हैं। भर्ती करे सरकार संयुक्त संचालक चिकित्सा शिक्षा डॉ. एनएम श्रीवास्तव ने बताया कि दांत से जुड़ी बीमारियों के 80 फीसदी मरीज गांवों में होते हैं, लेकिन गांव के अस्पतालों में डेंटिस्ट नहीं होते। सरकार को गावों में मेडिकल ऑफिसर के अलावा एक डेंटिस्ट की नियुक्तिकरनी चाहिए। ऐसा करने से डेंटिस्ट्री को लेकर रुझान बढ़ेगा(रोहित श्रीवास्तव,दैनिक भास्कर,भोपाल,10.8.11)। |
गुरु घासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी का शार्ट अटेंडेंस मामला : रजिस्टर गलत, 253 छात्राएं नियमित Posted: 10 Aug 2011 08:35 AM PDT नवीन कन्या कालेज में छात्राओं के शार्ट अटेंडेंस के मामले में हाईकोर्ट ने कालेज के अटेंडेंस रजिस्टर को गलत ठहराते हुए बीए, बीकॉम और बीसीए की सभी छात्राओं को नियमित मानने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने रोके गए नतीजे एक सप्ताह के भीतर घोषित करने के लिए कहा है। इसी तरह सेंट्रल यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार को न्यायिक समिति का सदस्य होने के बाद भी अलग से रिपोर्ट जमा करने पर आपत्ति जताते हुए कहा है कि उन्हें सदस्य होने के नाते समिति पर अपनी निष्ठा रखनी थी। गुरु घासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी ने नवीन कन्या कालेज की बीए, बीकॉम व बीसीए की 253 छात्राओं को शार्ट अटेंडेंस के आधार पर नियमित परीक्षा से वंचित कर दिया था। छात्राओं की याचिका पर हाईकोर्ट ने उन्हें नियमित परीक्षार्थी के रूप में शामिल होने की अनुमति दी, साथ ही इस मामले को अंतिम फैसले से बाधित रखा था। सेंट्रल यूनिवर्सिटी के कुलपति डा. लक्ष्मण चतुर्वेदी सहित तीन को नोटिस जारी किया गया था। मामले की जांच के लिए हाईकोर्ट के पूर्व जस्टिस वीके श्रीवास्तव की अध्यक्षता में न्यायिक समिति बनाई गई थी, जिसमें सेंट्रल यूनिवर्सिटी के प्रभारी रजिस्ट्रार प्रो. एमएस खोखर, उच्च शिक्षा विभाग के डिप्टी डायरेक्टर डा. बीएल गोयल व अधिवक्ता सुनील ओटवानी भी शामिल थे। समिति ने अपनी रिपोर्ट में कालेज के अटेंडेंस रजिस्टर और सेंट्रल यूनिवर्सिटी को गलत बताया था। प्रो. खोखर ने अपनी रिपोर्ट अलग से सौंपी थी। इसी आधार पर हाईकोर्ट ने इस मामले में अपना फैसला सुनाया है। समिति पर रखनी थी निष्ठा हाईकोर्ट ने सेंट्रल यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार प्रो. एमएस खोखर द्वारा समिति का सदस्य होने के बाद भी अलग से अपनी रिपोर्ट सौंपने को गलत बताते हुए कहा है कि जब हाईकोर्ट ने उन्हें समिति का सदस्य नियुक्त किया था तो उनकी निष्ठा समिति के प्रति होनी चाहिए थी। ऐसा करने के बजाय उन्होंने यूनिवर्सिटी के प्रति अपनी निष्ठा बताते हुए अलग रिपोर्ट सौंपी, जो उचित नहीं है। जानकारी के अनुसार हाईकोर्ट ने खोखर द्वारा जमा की गई अलग रिपोर्ट को खारिज कर दिया है। 7 दिनों में घोषित करें नतीजे सेंट्रल यूनिवर्सिटी ने गल्र्स कालेज के किसी भी संकाय का रिजल्ट घोषित नहीं किया था। इससे हाईकोर्ट में याचिका दायर न करने वाली छात्राओं को भी रिजल्ट का इंतजार था। नतीजे न आने से वे किसी भी कोर्स में प्रवेश भी नहीं ले सकी थीं। अपने फैसले में हाईकोर्ट ने यूनिवर्सिटी को रोके गए सभी नतीजे एक सप्ताह के भीतर घोषित करने के निर्देश दिए हैं। दुर्भावनापूर्ण था प्रोफेसर सुनंदा का काम फैसले में गल्र्स कालेज की डा. सुनंदा मरावी द्वारा छात्राओं को शार्ट अटेंडेंस बताने के काम को हाईकोर्ट ने दुर्भावना से किया जाना माना है। कहा गया है कि जांच में यह तथ्य सामने आया है कि जब २९ जुलाई को अटेंडेंस रजिस्टर मिलने की जानकारी दी गई है तो फिर उसमें १५ जुलाई का अटेंडेंस किस तरह भरा जा सकता है?(दैनिक भास्कर,बिलासपुर,10.8.11) |
यूपीःबीपीएड, डीपीएड वालों की गुहार एनसीटीई तक पहुंचाएगी सरकार Posted: 10 Aug 2011 02:53 AM PDT राज्य सरकार बीएड की तरह बीपीएड, डीपीएड और सीपीएड पाठ्यक्रमों को भी प्राथमिक कक्षाओं में शिक्षकों की भर्ती के लिए निर्धारित शैक्षिक योग्यताओं में शामिल करने के लिए राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) से अनुरोध करेगी। इस बारे में शासन स्तर पर सहमति बनने के बाद जल्दी ही इस संदर्भ में एनसीटीई को पत्र भेजने की तैयारी है। राज्य सरकार एनसीटीई को यह तर्क देगी कि चूंकि 2004 तथा 2007-08 में हुई विशिष्ट बीटीसी भर्तियों में भी बीपीएड, डीपीएड और सीपीएड पाठ्यक्रम उत्तीर्ण करने वाले अभ्यर्थियों को मौका दिया गया था, इसलिए उन्हें आगे भी मौका दिया जाए। राज्य सरकार एनसीटीई से यह अनुरोध करेगी कि वह प्राथमिक व उच्च प्राथमिक कक्षाओं में भर्ती किये जाने वाले शिक्षकों की शैक्षिक योग्यता निर्धारित करने के लिए 23 अगस्त 2010 को जारी अधिसूचना को संशोधित करे। संशोधन के तहत प्राथमिक कक्षाओं में शिक्षकों की भर्ती के लिए प्रस्तावित विशेष अनिवार्य प्रशिक्षण की शैक्षिक योग्यता में बीएड के अलावा बीपीएड, डीपीएड व सीपीएड पाठ्यक्रमों को शामिल करने की मांग की जाएगी। प्रदेश के परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों की जबर्दस्त कमी है। सूबे के परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों के 6,37,852 पद सृजित हैं। इनमें से सिर्फ 4,49,121 पदों पर ही शिक्षक कार्यरत हैं। शेष 1,88,731 पद खाली हैं। राज्य में प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती के लिए शैक्षिक योग्यता स्नातक व बीटीसी है। प्रदेश में बीटीसी की कुल 15250 सीटें हैं। वहीं राज्य में हर साल परिषदीय स्कूलों के तकरीबन 14000 शिक्षक रिटायर हो जाते हैं। इन परिस्थितियों में बीटीसी योग्यताधारी शिक्षकों के बूते ही शिक्षा के अधिकार अधिनियम में निर्धारित अवधि में राज्य में शिक्षकों की कमी को दूर कर पाना संभव नहीं है(दैनिक जागरण,लखनऊ,10.9.11)। |
यूपीःकेंद्र के समान वेतन-भत्ते को लेकर शिक्षकों-कर्मचारियों का धरना Posted: 10 Aug 2011 02:52 AM PDT सभी कर्मचारियों को केंद्र सरकार के समान वेतन व भत्ता देने की मांग को लेकर मंगलवार को शिक्षकों और कर्मचारियों ने झूलेलाल पार्क में धरना दिया। कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति के बैनर तले हुए धरने में शिक्षक व कर्मचारी नेताओं ने सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुए नारेबाजी की। धरने में प्रदेशभर से आए हजारों शिक्षकों व कर्मचारियों ने हिस्सा लिया। धरने में शामिल हुए माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष ओम प्रकाश शर्मा ने कहा कि सरकार ने अगस्त 2008 में शिक्षकों और कर्मचारियों को 2006 से केंद्र के समान वेतन, भत्ते और अन्य सुविधाएं देने का वायदा किया था। सरकार अपना वायदा पूरा करने के बजाय वेतन समिति गठित कर कर्मचारियों को टुकड़ों में और मनमानी तिथि पर लाभ देना शुरू कर दिया। इसकी वजह से कई संवर्गो में वेतन विसंगति हो गई है। समिति के संयोजक लल्लन पांडेय ने कहा कि अब समय आ गया है कि शिक्षक और कर्मचारी अपने हक की लड़ाई स्वयं लड़ेंगे। सरकार के गैर जिम्मेदाराना रुख की वजह से लिपिक संवर्ग और समाज कल्याण द्वारा संचालित विद्यालयों के शिक्षकों को छठे वेतनमान का लाभ नहीं मिल रहा है। शिक्षक नेता देवी दयाल शास्त्री ने कहा कि सभी शिक्षकों व कर्मचारियों को मकान किराया भत्ता, शिशु शिक्षा भत्ता, परिवहन भत्ता और अन्य भत्तों में विषमता है जिसकी वजह से कर्मचारियों और शिक्षकों में रोष है। समय रहते सरकार ने हमारी मांगों पर विचार नहीं किया तो कर्मचारी व शिक्षक उग्र प्रदर्शन करने को बाध्य होंगे जिसकी पूरी जिम्मेदारी सरकारी की होगी। राज्य कर्मचारी नेता अमर नाथ यादव ने कहा कि प्रदेश में दशकों ने पदोन्नति वेतनमान की व्यवस्था लागू थी लेकिन सरकार ने दिसंबर 2008 में इस व्यवस्था को बदल कर पदोन्नति के बजाय ग्रेड पे का प्राविधान कर दिया जो शिक्षक कर्मचारियों को मान्य नहीं है। उन्होंने 20 सितंबर को ज्योतिबाराव फुले पार्क में प्रदर्शन कर विधान भवन की ओर कूच करने का एलान किया(दैनिक जागरण,लखनऊ,10.8.11)। |
उत्तराखंडःइंजीनियरिंग कालेज में तृतीय व चतुर्थ श्रेणी पदों पर स्थानीय बेरोजगारों की भर्ती Posted: 10 Aug 2011 12:48 AM PDT टिहरी हाइड्रोइलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग कालेज में तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के पदों पर स्थानीय बेरोजगारों को नियुक्ति न दिए जाने पर तकनीकी शिक्षा मंत्री खजान दास ने नाराजगी व्यक्त की है। उन्होने कालेज प्रशासन को निर्देश दिए की स्थानीय लोगों के साथ हुए समझौता का शत-प्रतिशत पालन किया जाए। टिहरी हाइड्रोइलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग कालेज में स्थानीय लोगों को रोजगार न दिए जाने के मामले में आंदोलन किया जा रहा है। इस संबंध में तकनीकी शिक्षा मंत्री की अध्यक्षता में विधानसभा में कालेज प्रशासन, स्थानीय जनप्रतिनिधियों व शासन के अधिकारियों की बैठक आयोजित हुई। तकनीकी शिक्षा मंत्री ने इस बार पर रोष व्यक्त किया कि जिन लोगों की जमीन कालेज के निर्माण में गई, उनकी समस्याओं को नजरअंदाज करना दुर्भाग्यपूर्ण व गैर जिम्मेदाराना है। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि समझौते के तहत तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के पदों पर स्थानीय लोगों को ही रोजगार उपलब्ध कराया जाए। इसके लिए नियुक्ति प्रक्रिया व सेवानियमवाली का सरलीकरण किया जाए। उन्होंने तीन माह में सेवानियमावली तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कालेज के सभी छह संकायों का संचालन सुचारू रूप से संचालित होना चाहिए। इसके लिए अत्यावश्यक नियुक्तियां फिलहाल आउट सोर्सिग के माध्यम से स्थानीय बेरोजगारों से कर ली जाए। गौरतलब है कि कालेज में छह संकाय खोले गए है जिनमें 240 छात्र- छात्राओं ने प्रवेश ले लिया है(राष्ट्रीय सहारा,देहरादून,10.8.11)। |
अजमेरःकम्प्यूटर ऑपरेटरों का मानदेय बढ़ा Posted: 10 Aug 2011 12:46 AM PDT अजमेर विद्युत वितरण निगम प्रशासन ने कम्प्यूटर ऑपरेटरों का मानदेय बढ़ा दिया है। अब इन्हें प्रतिमाह निगम की ओर से 3900 रूपए भुगतान किया जाएगा। यह निर्णय हाल ही निगम के निदेशक मण्डल की बैठक में किया गया। निगम ने उन कम्प्यूटर ऑपरेटरों का मानदेय बढ़ाया है जो निगम के कम्प्यूटर पर जॉब वर्क कर रहे हैं। पूर्व में कम्प्यूटर ऑपरेटरों को 2800 रूपए दिए जाते थे इसमें टीडीएस आदि की कटौती के बाद उन्हें 2200 रूपए ही मिलते थे।राज्य सरकार ने कम्प्यूटर ऑपरेटरों को उच्च कुशल (हाईस्किल्ड) मानते हुए इन्हें माह में प्रतिदिन 205 रूपए न्यूनतम मजूदरी सहित प्रतिमाह 5330 रूपए दिए जाने की अधिसूचना 27 दिसम्बर को 2010 को जारी की थी। यह 1 जनवरी 2011 से प्रभावी है। इसमें साप्ताहिक अवकाश का वेतन भी शामिल है। निगम अधिकारियों का कहना है कि निगम ने इसके लिए एक कमेटी बनाई थी। कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर निगम स्तर पर जितना हो सकता है उससे अधिक किया गया है। अधिकतर ऑपरेटरों के पास उच्च कुशल की श्रेणी में योग्यता व दस्तावेज उपलब्ध नहीं है(राजस्थान पत्रिका,अजमेर,10.8.11)। |
यूपीः12 के बाद नहीं जमा होगी बीएड फीस Posted: 10 Aug 2011 12:44 AM PDT प्रदेश में बीएड की काउंसिलिंग मंगलवार को खत्म हो गई। सीटें भरने के लिए काउंसिलिंग दो दिन तक बढ़ाई गई थी लेकिन यह कवायद कुछ खास रंग नहीं दिखा पाई है। तकरीबन साढ़े तीन हजार सीटें अब भी खाली रहने की संभावना है। सिटी कोऑर्डिनेटर डॉ.पवन अग्रवाल ने बताया कि फीस जमा न करने वाले अभ्यर्थियों के लिए 12 अगस्त तक मौका है। इस दिन शाम पांच बजे तक ही छात्र फीस जमा कर सकते हैं। बीएड काउंसिलिंग के आखिरी दिन प्रदेश में रैंक 3,40,001 से 4,96,954 तक के अभ्यर्थियों को मौका दिया गया। प्रदेश में 3536 अभ्यर्थियों ने पंजीकरण कराया जबकि 3305 ने सीट लॉक की। राजधानी में भी 301 अभ्यर्थियों ने पंजीकरण कराया और 261 ने कॉलेजों के विकल्प भरे। मंगलवार को काउंसिलिंग में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों को बुधवार को आवंटन पत्र जारी किए जाएंगे। बहुत से अभ्यर्थियों ने अभी तक फीस जमा नहीं की है, इन सभी को 12 अगस्त तक का समय दिया गया है। इन तिथि के बाद किसी की भी फीस जमा नहीं की जाएगी। बीएड में विज्ञान वर्ग की सीटें अभी तक नहीं भरी जा सकी हैं। इन सीटों को भरने के लिए दो दिन की काउंसिलिंग बढ़ाई भी गई थी लेकिन सीटें फिर भी खाली बच गई हैं(दैनिक जागरण,लखनऊ,10.8.11)। |
सीबीएसई में ऑनलाइन पंजीयन शुरू Posted: 10 Aug 2011 12:42 AM PDT केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने नवीं और ग्यारहवीं कक्षा के विद्यार्थियों की ऑनलाइन पंजीयन प्रक्रिया शुरू कर दी है। बोर्ड दसवीं और बारहवीं की परीक्षा में बैठने वाले विद्यार्थियों का नवीं और ग्यारहवीं में पंजीयन करता है। इसके तहत स्कूलों के जरिए विद्यार्थियों का सत्र 2011-12 के लिए पंजीयन किया जाएगा। बोर्ड ने वेबसाइट पर निर्देश और विस्तृत कार्यक्रम जारी कर दिया है। स्कूलों व विद्यार्थियों का पंजीयन, पंजीकृत विद्यार्थियों की सूची, सूची में संशोधन, फीस प्रक्रिया ऑनलाइन रहेगी। स्कूलों को पंजीकृत विद्यार्थियों की अंतिम सूची और डिमांड ड्राफ्ट भेजना होगा। एक बार सूची जारी होने के बाद इसमें कोई संशोधन नहीं होगा(राजस्थान पत्रिका,अजमेर,10.8.11)। |
लखनऊःविभागीय गड़बड़ी से अटकी छात्रवृत्ति Posted: 10 Aug 2011 12:21 AM PDT प्राथमिक विद्यालय घोसियारी, पूर्व माध्यमिक विद्यालय अमौसी द्वितीय समेत कई स्कूलों के विद्यार्थियों को इस वर्ष छात्रवृत्ति नहीं मिली। विभागीय जांच में पता चला कि खाता संख्या गलत होने के कारण विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति का लाभ नहीं मिल सका। जिले में ऐसे विद्यार्थियों की संख्या लगभग दस हजार है। एक वर्ष बाद विभाग अब हरकत में आया है और खाते दुरस्त कर रहा है। बेसिक शिक्षा विभाग के परिषदीय व सहायता प्राप्त विद्यालयों में अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों के बच्चों को छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है। सामान्य व अनुसूचित वर्ग के विद्यार्थियों को जिला समाज कल्याण विभाग और अन्य पिछड़ा वर्ग को जिला पिछड़ा कल्याण विभाग द्वारा छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है। शैक्षिक सत्र की शुरूआत में प्रत्येक विद्यालय अपने यहां छात्रवृत्ति के पात्र विद्यार्थियों की सूची जिला बेसिक शिक्षा विभाग कार्यालय को सौंपता है। विभाग द्वारा यह सूची जिला समाज कल्याण व जिला पिछड़ा कल्याण विभाग को दी जाती है। शिक्षा विभाग छात्रवृत्ति देने वाली संस्थाओं को सूची सौंपने से पहले कई स्तर पर खातों की जांच करता है। खाता संख्या और विद्यार्थियों की संख्या जांच करने के बाद ही सूची भेजी जाती है। इसके बाद भी यदि खाता संख्या गलत है तो उस विद्यालय की छात्रवृत्ति रुक जाती है। गलत खाता संख्या के चलते जिले में पिछले वर्ष से करीब दस हजार विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति रुकी हुई है। नगर शिक्षा अधिकारी पंकज गुप्ता का कहना है कि 16 अंकों के खाता संख्या में यदि एक भी अंक इधर का उधर हुआ तो उस विद्यालय की छात्रवृत्ति रुक (ब्लाक) जाती है। ऐसे खातों की जांच हो रही है, जल्द ही छात्रवृत्ति का आंवटन हो जाएगा(दैनिक जागरण,लखनऊ,10.8.11)। |
डीयूःओबीसी की आठवीं लिस्ट जारी,११ अगस्त तक होंगे दाखिले Posted: 10 Aug 2011 12:13 AM PDT दिल्ली विश्वविद्यालय के कॉलेजों में दाखिले के लिए ओबीसी की आठवीं लिस्ट मंगलवार को देर रात जारी कर दी गई। इस लिस्ट को प्रशासन ने अपनी वेबसाइट पर भी डाल दी है। कॉलेजों में दस फीसदी का बैरियर खत्म करके एक बार फिर छात्रों को दाखिले का मौका दिया गया है। इच्छुक छात्र ११ अगस्त तक दाखिले ले सकते हैं। आठवीं लिस्ट में आचार्य नरेन्द्रदेव कॉलेज में बीकॉम आनर्स में १२ सीटें खाली हैं। इसके अलावा साइंस के कुछ और कोर्स में भी करीब ६ सीटों को भरने के लिए कट ऑफ लिस्ट जारी की गई है। सीवीएस, भारती, कमला नेहरू, कालिन्दी, जानकी देवी, हिन्दू, केएमसी, वेंकटेश्वर, मोतीलाल नेहरू, पीजीडीएवी, भगिनी निवेदिता और आत्माराम सनातन धर्म आदि ज्यादातर कॉलेजों में आर्ट्स के विभिन्न कोर्स और कॉमर्स में ओबीसी की सीटें खाली हैं। ज्यादातर कॉलेजों में विभिन्न कोर्स में ओबीसी की सीटें खाली हैं। इनमें प्रशासन ने सामान्य वर्ग की आखिरी कट ऑफ से कहीं कहीं १० फीसदी से ज्यादा का भी अंतर रखा है। अगर ११ अगस्त तक छात्र अपनी फीस जमा नहीं करा पाते तो १२ अगस्त को ९वीं लिस्ट जारी की जाएगी। छात्रों को १६ अगस्त तक दाखिले का मौका दिया जाएगा। साइंस के कोर्स में ओबीसी वर्ग के छात्रों के लिए दाखिले के मौके कम हैं। कॉलेजों में ज्यादा सीटों पर दाखिले होने के कारण लिस्ट जारी नहीं की गई है। हालांकि हंसराज, हिन्दू और वेंकटेश्वर कॉलेज में दाखिले के अब भी मौके हैं। यहां ज्यादातर कोर्स में सीटें खाली है। प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि इन सीटों को सामान्य वर्ग से नहीं भरा जाएगा। दैनिक जागरण की रिपोर्टः डीयू ने मंगलवार को ओबीसी छात्रों को एक ओर मौका देते हुए आठवीं कट ऑफ लिस्ट जारी की। जिन छात्रों का नंबर इस कटऑफ में आया है, वह बृहस्पतिवार तक दाखिला ले सकते हैं। अगर इसके बाद भी कॉलेजों में सीटें बचती हैं तो डीयू 9वीं कट ऑफ लिस्ट जारी करेगा। कटऑफ में जहां आर्ट्स विषयों में 40 फीसदी वालों को भी दाखिले का मौका दिया गया है, वहीं बीकॉम में दाखिले के लिए 60 से 70 फीसदी अंक होने अनिवार्य हैं। विज्ञान विषयों में कुछ ही कॉलेजों के कुछ ही कोर्सो में विकल्प खुले हैं। डीयू रजिस्ट्रार ने बताया कि आर्ट्स के लिए अभी भी अधिकांश कॉलेजों के कोर्सो में विकल्प मौजूद हैं। कट ऑफ को डीयू की वेबसाइट पर देखा जा जा सकता है। |
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Palash Biswas
Pl Read:
http://nandigramunited-banga.blogspot.com/
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