Wednesday, September 22, 2010

Fwd: [Hindi IWP] पानी के रास्ते में खड़े हम



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From: Hindi Water portal <hindi@lists.indiawaterportal.org>
Date: 2010/9/21
Subject: [Hindi IWP] पानी के रास्ते में खड़े हम
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पानी के रास्ते में खड़े हम


वरूण देवता ने इस बार देश के बहुत-से हिस्से पर और खासकर कम बारिश वाले प्रदेश राजस्थान पर भरपूर कृपा की है। जो विशेषज्ञ मौसम और पानी के अध्ययन से जुड़े हैं, वो हमें बेहतर बता पाएंगे कि इस बार कोई 16 बरस बाद बहुत अच्छी वर्षा हुई है। 

हमारे कलेंडर में और प्रकृति के कलेंडर में बहुत अंतर होता है। इस अंतर को न समझ पाने के कारण किसी साल बरसात में हम खुश होते हैं, तो किसी साल बहुत उदास हो जाते हैं। लेकिन प्रकृति ऎसा नहीं सोचती। उसके लिए चार महीने की बरसात एक वर्ष के शेष आठ महीने के हजारों-लाखों छोटी-छोटी बातों पर निर्भर करती है। प्रकृति को इन सब बातों का गुणा-भाग करके अपना फैसला लेना होता है। प्रकृति को ऎसा नहीं लगता, लेकिन हमे जरूर लगता है कि अरे, इस साल पानी कम गिरा या फिर, लो इस साल तो हद से ज्यादा पानी बरस गया। 


प्रयास

सहारनपुर की टेम्स

Author: 
अमर उजाला
माना जाता है कि देश की राजधानी दिल्ली में समाज का जागरूक तबका रहता है। मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने जब पहली बार दिल्ली की कमान संभाली थी, तो कहा था कि हम यमुना को टेम्स बना देंगे। मगर अपने तीसरे कार्यकाल में वे यमुना को टेम्स तो क्या, रजवाहे तक में परिणित नहीं करा सकीं। ऐसे में सहारनपुर की पांवधोई नदी दिल्ली ही नहीं पूरे देशवासियों केलिए नसीहत बनकर कल-कल बह रही है। डीएम आलोक कुमार की पहल पर महज चार महीनों की कोशिश से सहारनपुर की इस 'गंगा' में मिनरल वाटर जैसा जल प्रवाहित होने लगा है। इस भगीरथ प्रयास के बाद आईआईटी रुड़की की लैब को भी मानना पड़ा कि इसका जल मिनरल वाटर जैसा विशुद्ध है। 


Minakshi Arora
Chairperson-Water Community India
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Palash Biswas
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