S.r. Darapuri
कल शहीद-ए-आज़म उधम सिंह का शहादत दिवस था. इसी दिन १९४० में उसे इंग्लैण्ड में फंसी दी गयी थी क्योंकि उस ने पंजाब के पूर्व गवर्नर माइकल ओडवायर को जनरल डायर द्वारा जलियांवाले बाग़ में किये गए जनसंहार को उचित ठहराया था की गोली मर कर हत्या की थी।उधम सिंह के पिता का नाम चूहड़ राम था जो उत्तर प्रदेश के एटा जिले के पटिआली गाँव के निवासी थे तथा जाटव (चमार) जाति के थे. वह काम की तलाश में पटियाला (पंजाब) चले गए थे. वहां पर उन्होंने सिख धर्म अपना लिया था और उन का नाम टहल सिंह हो गया था. वहीँ पर २६ दिसंबर, १८९९ को उधम सिंह का जनम हुआ था. 5-6 वर्ष की आयु में ही उधम सिंह के माता पिता का देहांत हो गया था. अनाथ हो जाने पर उधम सिंह और उस के भाई अमृतसर में अनाथालय में चले गए. वहीँ पर उस की शिक्षा दीक्षा हुयी. वहीँ पर उधम सिंह ने जलियाँ वाले बाग़ में 13 अप्रैल , 1919 को जनरल डायर द्वारा किये गए जनसंहार को अपनी आँखों से देखा था और उस ने उसी वकत इस का बदला लेने की शपथ खायी थी.
उधम सिंह भगत सिंह की क्रांतिकारी गतविधियों से बहुत प्रभावित था. वह भगत सिंह को अपना करीबी दोस्त मानता था. इसी लिए वह भगत सिंह को फंसी दिए जाने के बाद अक्सर यह कहता था कि मेरा दोस्त मुझे छोड़ कर चला गया है . मुझे जल्दी जा कर उस से मिलना है. इसी लिए उस ने 13 मार्च, 1940 को माइकल ओडवायर को कैक्सटन हाल में गोली मार दी थी.
उधम सिंह यद्यपि दलित सिख था परन्तु वह किसी एक धर्म को नहीं मानता था. इसी लिए उस ने अपना नाम राम मोहमद आज़ाद रख लिया था. अदालत में मुकदमे के दौरान उस ने इश्वर की शपथ लेने के स्थान पर "हीर " वारिस शाह जो कि' हीर- राझा " का प्रेम किस्सा है की शपथ ली थी। आखिरकार कतल के मामले में उधम सिंह को फांसी की सजा हुयी और 31 जुलाई १९४० को उसे फांसी हो गई उधम सिंह एक महान राष्ट्रवादी ओर समाजवादी क्रांतिकारी थे. i
पंजाब में कम्बोज लोग उधम सिंह के कम्बोज होने का दावा करते हैं. उन्होंने इस बात को सुनाम (पटियाला) में उसके घर लगाये गए बोर्ड में भी लिखी है.
उधम सिंह पर बीबीसी की हिंदी डाकुमेंट्री "The Equalizer- Udham Singh" athttps://www.youtube.com/watch?v=P-mzS1wI0GI पर उपलब्ध है.
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