Thursday, October 8, 2015

Woh Humsafar Tha (Extended Version) - Quratulain Balouch

वो हमसफ़र था
वो हमसफ़र था,
मगर उससे हमनवाई न थी

तरक-ए-ताल्लुकात पे,
ना रोया तू न मैं,
वो हमसफ़र था, वो हमसफ़र था,
मगर उससे हमनवाई न थी

के धूप छाँव का आलम रहा,
जुदाई ना थी.....

अदावतें थीं, तग़ाफुल था, रंजिशें थीं,
बिछड़ने वाले में सब कुछ था,
बेवफ़ाई न थी....
बिछड़ने वाले की आँखों में थी,
हमारी ग़ज़ल,
ग़ज़ल वो के जैसे कभी किसी को सुनाई न थी....
वो हमसफ़र था
वो हमसफ़र था,
मगर उससे हमनवाई न थी
https://soundcloud.com/waleedt…/woh-humsafar-tha-with-extras

दिल थाम के सुनें

Track: Woh Humsafar Tha (Extended Version) Drama: Humsafar Networks: Hum Television Artist: Quratulain Balouch Lyrics/Poetry: Naseer Turabi Music…
SOUNDCLOUD.COM|BY WALEEDTARIQMUGHAL

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