Tuesday, July 3, 2012

Fwd: भारतीय अर्थव्यवस्था: डगमगाते घोड़े की सरपट दौड़



---------- Forwarded message ----------
From: reyaz-ul-haque <beingred@gmail.com>
Date: 2012/7/3
Subject: भारतीय अर्थव्यवस्था: डगमगाते घोड़े की सरपट दौड़
To: abhinav.upadhyaya@gmail.com


भारतीय अर्थव्यवस्था की मौजूदा दशा पर कोबाद गांधी द्वारा लिखे जा रहे चार लेखों में से यह पहला है. गांधी तिहाड़ जेल में बंद मार्क्सवादी/माओवादी विचारक हैं. उन्होंने दो किताबें लिखी हैं: भारतीय अर्थव्यवस्था पर (वैश्वीकरण, भारत की संप्रभुता पर हमला, 2004) और दूसरी विश्व अर्थव्यवस्था पर (कैपिटलिज्म इन कोमा, 2009).

भारतीय अर्थव्यवस्था: डगमगाते घोड़े की सरपट दौड़





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