Friday, January 27, 2012

उत्तराखंड में विधानसभा के लिये आगामी 30 जनवरी को होने वाले चुनावों में मात्र दो दिन और बाकी रहने से कुल 788 प्रत्याशियों द्वारा जबर्दस्त ढंग से किया जा रहा चुनाव प्रचार का कार्य अब अपने अंतिम पडाव पर पहुंच गया है।

 उत्तराखंड में विधानसभा के लिये आगामी 30 जनवरी को होने वाले चुनावों में मात्र दो दिन और बाकी रहने से कुल 788 प्रत्याशियों द्वारा जबर्दस्त ढंग से किया जा रहा चुनाव प्रचार का कार्य अब अपने अंतिम पडाव पर पहुंच गया है। 

Friday, 27 January 2012 15:53

देहरादून, 27 जनवरी (एजेंसी) उत्तराखंड में विधानसभा के लिये आगामी 30 जनवरी को होने वाले चुनावों में मात्र दो दिन और बाकी रहने से कुल 788 प्रत्याशियों द्वारा जबर्दस्त ढंग से किया जा रहा चुनाव प्रचार का कार्य अब अपने अंतिम पडाव पर पहुंच गया है। 
सभी प्रत्याशी अपनी विजय सुनिश्चत करने के लिये ठंड के बावजूद ऐड़ी चोटी का पसीना एक करके अंत तक मतदाताओं को अपने पक्ष में लुभाने में जुटे हुये हैं।  राज्य के 70 विधानसभा क्षेत्रों में आगामी 30 जनवरी को मात्र एक ही चरण में मतदान होना है। इसके लिये कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी, बहुजन समाज पार्टी तथा अन्य सभी दलों के प्रत्याशियों तथा निर्दलीय उम्मीदवारों द्वारा मतदाताओं को अपने पक्ष में करने के लिये तरह तरह के उपाय किये जा रहे हैं। 
किसी प्रत्याशी द्वारा फिल्मी धुन पर विरोधियों की पोल खोली जा रही है तो कोई नृत्य नाटिका के द्वारा राज्य की स्थिति बता रहा है।  राज्य में तीन प्रमुख राष्ट्रीय दलों में भाजपा, कांग्रेस तथा बसपा ने सभी 70 सीटों पर अपने उम्मीदवार खडेÞ किये हैं। सभी दलों के प्रत्याशियों द्वारा जीत के भी दावे किये जा रहे हैं। हालांकि, अभी तक मतदाताओं का रूख साफ नहीं हो पाया है। 
प्रचार के दौरान प्रत्याशियों का यह आलम है कि वे गांवों में मतदाताओं के घर का दस्तक देने के लिये कई कई किलोमीटर तक दूरी पैदल तय कर रहे हैं। पहाड़ी क्षेत्रों में दूर दराज के गांवों में प्रत्याशियों के पास पैदल जाने के अलावा और कोई दूसरा चारा नहीं हैं। 
देहरादून के कैंट क्षेत्र के भाजपा प्रत्याशी तथा विधानसभा अध्यक्ष हरबंस कपूर ने मतदाताआें से मिलने का नया तरीका अपनाया है। वह स्कूटर के पीछे बैठकर लोगों के घर घर का दौरा कर अपने लिये वोट मांग रहे हैं। विधानसभा अध्यक्ष को स्कूटर पर अपने घरों के दरवाजे पर देखकर लोग आश्चर्यचकित हैं। 
कपूर ने बताया कि वह इस समय विधानसभा अध्यक्ष के तौर पर नहीं बल्कि एक प्रत्याशी के तौर पर कार्य कर रहे हैं। हालांकि, वह हमेशा अपने मतदाताओं के साथ एक सामान्य नागरिक के रूप में ही मिल जुल कर रहते हैं। 

दूसरी ओर, राज्य निर्वाचन विभाग के सूत्रों ने आज यहां बताया कि मतदान से सम्बधित सभी तैयारी पूरी कर ली है। सभी मतदान केन्द्रों के लिये पीठासीन अधिकारियों सहित अन्य मतदानकर्मियों की रवानगी की जा चुकी है। सभी मतदान स्थलों पर सुरक्षा कर्मियों द्वारा सुरक्षा व्यवस्था की कमान भी संभाली जा रही है। 
सूत्रों के अनुसार, मतदान से संबधित इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनों की जांच का काम तेजी से किया जा रहा है ताकि मतदान के दिन किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं किया जा सके। 
उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक ज्योतिस्वरूप पांडेय ने 'भाषा' से कहा कि राज्य में चुनाव के लिये सुरक्षा की दृष्टि से केन्द्रीय सुरक्षा बल की 75 कंपनियों को विभिन्न क्षेत्रों में तैनात किया गया है, जिसमें अर्द्ध सैनिक बल, केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल, भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल तथा अन्य बल शामिल हैं। 
उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश से होमगार्ड के 10 हजार तथा हिमाचल से दो हजार जवान यहां पहुंच गये हैं, जिन्हें विभिन्न स्थानों पर तैनात किया जा चुका है। 
पांडेय ने बताया कि इसके अतिरिक्त उत्तराखंड राज्य के पुलिस बल की संख्या करीब बीस हजार है, जिसमें अधिकारी भी शामिल हैं। इन सभी कर्मियों को भी मतदान के लिये तैनात किया जा चुका है। 
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की सशस्त्र राज्य बल :पीएसी: की 25 कंपनियों को भी संवेदनशील तथा अति संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात किया गया है। 
पुलिस महानिदेशक ने बताया कि सुरक्षा बल की विशेष यूनिट कमांडो दस्ते, दंगा निरोधक दस्ते, बम निरोधक दस्ते सहित अन्य बलों को अभी सुरक्षित रखा गया है ताकि किसी भी आकस्मिक घटना के समय इनका उपयोग किया जा सके। 
उन्होंने कहा कि जहां तक पहाडी क्षेत्रों में मतदान कार्य की देखरेख का सवाल है तो उसे सुरक्षाकर्मियों द्वारा सड़क मार्ग से पहुंच कर ही किया जायेगा। हवाई मार्ग से इसके 
देखरेख की अभी ऐसी कोई जरूरत नहीं है। 
पांडेय ने बताया कि मतदान के दौरान असामाजिक तत्वों पर कड़ी नजर रखी जायेगी और मतदान में गडबडी करने वाले लोगों से कडाई से निपटा जायेगा।

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